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Santosh Babu
सपना है या था कोई हकीकत, हर रात जिसे मैं देखता हूँ, भरम है मेरा या थी कोई अप्सरा, याद कर जिसे मैं मुस्कुराता हूँ। मटकी
जगदीश्वर ' तश्नगी'
तुम्हें खामोश देखकर उदास ये शहर लग रहा है, अब भीड़ में भी चलू तो डर लग रहा है। -जगदीश्वर कुशवाहा तू उदास क्यों है..
Aarzoo smriti
तू क्यों नहीं समझती मेरे दिल के हालात को? तू क्यों नहीं समझती मेरे जज़्बात को? ज़माने को खबर हो गई हम तुमपे मरते हैं, फिर तू क्यों नहीं समझती इस छोटी सी बात को? ©Aarzoo smriti #तू क्यों नहीं समझती
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
ये खुशियां हमारी तू कम देखता है, मगर तू हमारे क्यों गम देखता है, मोहब्बत में मिलते है जो सितम, सितमगर उसे क्यों कम देखता है, तड़प भी बड़ी बेशर्म सी हुई, न जाने तू क्या- क्या सोचता है, मगर तू हमारे क्यों गम देखता है, दुनियां के फलसफे तौलता है, न जाने तू क्यों भरम देखता है, ये खुशियां हमारी तू कम देखता है, मगर तू हमारे क्यों..............!.....-2 मगर तू हमारे क्यों....!
~एकता ~
चल तू चल तू रुकता क्यों है? जब अकेला है तो साथ ढूंढता क्यों है ? कोई नहीं है तेरा तू क्यों है सबका? चल तू चल तू रुकता क्यों है ? भीड़ में है अकेला या, अकेले में है भीड़ हो जाएगा सफर पूरा तू डरता क्यों है? चल तू चल तू रुकता क्यों है ? कठिन है डगर या कठिनाइयों से भरा है तू रख हौसला हो जाएगा पार यह नदियां, ताले ,झरने ,हजार चल तू चल तू रुकता क्यों है? सपने तेरे हैं तो पीछे हटता क्यों है? उड़ आसमानों में जहां गिरने का डर ना हो चल तू चल तू रुकता क्यों है ? चल तू चल तू रुकता क्यों है? #मोटीवेशन
Amit Saini
इंसाफ ईश्वर का दूसरा रूप है बदला इंसान का रूप है जो इंसान खुद ही लेता है फिर भी होता इंसाफ ही बड़ा #JusticeAndRevenge अमितसैनी तू क्यों बदला
Bulbul varshney
छनछन करके बारिश की बूंदे गिर रही है और मुझसे बोल रही है की क्यों तू इतनी उदास है आज तेरी जिंदगी में दुःखो की बरसात है तो कल मोहब्बत ही बरसात भी होगी जो तुझे पूरी तरह से भीगा कर रख देगी। ©Bulbul varshney क्यों तू इतनी उदास है।