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Ek villain
कोविड-19 की परिस्थितियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतामढ़ी के लिए 22 और 23 का बजट पेश करना यकीन एक बड़ी चुनौती है उनके समक्ष 1 वर्षीय भी होगा कि चुनावी दौर में आम आदमी को कैसे महसूस करवा जाएगी सरकार उनके हितों के संरक्षण के तौर पर काम कर रही है और साथ ही राज्य सभा के दायरे का विस्तार भी हो जाए हाल ही में यूनेस्को द्वारा जारी किए गए प्रथमा कर्मी अनुमानों को कहा गया कि इस साल के 902% की वृद्धि दर के साथ भारत यात्रा हुई है सर की सबसे तेज गति वाली अवस्था में शामिल हो जाएगी साथ ही जीडीपी के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3 पॉइंट $100000 तक हो सकता है ऐसी सकारात्मक के बावजूद अर्थव्यवस्था की वर्तमान में भारत स्वस्थ भारत मैं सिर्फ आत्म निर्भरता बनने बल्कि और शिक्षक भारत का सपना भी साकार हो सके क मैं सिर्फ आज निर्भरता बनने बल्कि और शिक्षक भारत का सपना भी साकार हो शकील कोविड-19 के कारण बड़ी रोड बेरोजगारी को नियंत्रण करने के लिए बजट में रोजगार परक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी होगी विनिर्माण क्षेत्र की संभावना को पूरी तरह से नहीं भूल पाना भारत में बेरोजगारी की समस्या सबसे प्रमुख कारण है ©Ek villain #मुश्किलों का हल निकाले बजट #Travel
Ek villain
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में यह आशा की जा सकती है कि दोनों संसद में हंगामा और शोर-शराबा नहीं होगा और आशा की एक किरण है तो बजट सत्र में चरण पर विपक्ष का नियम परिचय देते हुए हंगामा करने की वजह विभिन्न मुद्दों पर बहस करना पसंद किया जाएगा दूसरे के पास पास सरकार राज्य और विपक्षी दलों को पराजय का सामना करना पड़ेगा इस पर ठेके बंजा में शानदार जीत कारण आम आदमी पार्टी तो उसका होगी लेकिन कांग्रेसी में विशेष दल महसूस होंगे सांसद सुधीर जलवा देखने को मिलेगी उसे हासिल करने के आरोप लगा रहे हैं विपक्षी दल संसद में आदित्य मंदिरवा करने पर गंभीर मामले नहीं है विपक्ष को यह भी याद रहेगी बेहतर उनसे ज्यादा तेज गति किसान आंदोलन को हवा दी है उसके पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कहीं ना कोई असर दिखा उल्टे जनता को से कांग्रेस का कड़ा सबक सिखाया जो इस आंदोलन के विपक्ष में खुलकर खड़ी हुई पंजाब में कोई किसान नेता की बुरी तरह पराजित हुए जो चुनाव मैदान में उतरे थे संसद राष्ट्रीय महत्व विषय पर चर्चा मंच यही काम नहीं होना चाहिए पूरी भर के साथ गंभीरता का यह भावना केवल समय की बर्बादी का कारण बनता है बल्कि जनता का निराश करने का भी काम करता है नहीं चलता है सत्ता पक्ष और विपक्ष महंगाई का मुद्दा उठाएंगे ©Ek villain #बजट सत्र का दूसरा चरण #adventure
Ek villain
संसद के बजट सत्र के पहले चरण में जिस तरह बिना किसी बाधा के कामकाज हुआ है वह एक शुभ संकेत है इसलिए अधिक महत्वपूर्ण की पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के बाद भी संसद के दोनों सदनों सही चल रहे थे इस दौरान न केवल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर व्यापक चर्चा हुई बल्कि आम बजट पर भी दोनों पक्षों के अनेक नेताओं की ओर से ऐसा व्यक्ति दिए गए जिससे सार्थिक घास का उद्देश्य पूरा होता हुआ दिखाएं और उन दिनों का समय भी हुआ यादव संसद में होने वाली बहुत सारे देश का ध्यान आकर्षित करती थी और सब से कुछ बहुत ग्रैंड भी करती थी संसद में होने वाली बहस का बेहतर स्तर लोकतंत्र को परिपाक बनाने का तो काम करती है देश की समस्याओं के समाधान में भी सहायक बनता है जहां तक देश को दिशा देने के काम करती है वहीं हंगामा और शेर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम करती बजट सत्र से पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष ने व्यक्ति की बहस और नौ रूपों की भी हुई है लेकिन यह कोई असामान्य बात नहीं है लोग सुंदर में ऐसा होता है समस्या तब होती है जब कार्यवाही बाधित हो जाती है कई बार तो ऐसा हुआ भी कामकाज होने के बजाय केवल नारेबाजी में हंगामा होता रहा अतीत में ऐसे शब्द देखने को मिले हैं ©Ek villain #बजट सत्र का पहला चरण #hugday
Ek villain
एक दौर था कि आम बजट का ऐलान होता था और उसके बाद मुश्किल से उद्योग संगठनों के साथ दो-तीन बैठक ही होती थी 12 प्रेस कॉन्फ्रेंस होते थे और पूरे देश को पता चल जाता है कि बजट में क्या है इस बार में अमजद बजट पेश हुए 1 महीने से ज्यादा समय हो गया लेकिन इस बारे में अभी तक देश भर में घूम-घूम कर वित्त मंत्री उद्योग जगत को बता रहे हैं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की कर रही है शीर्ष स्तर पर भी कोई मंत्री अपने-अपने स्तरों पर बजट प्रावधानों का गुणगान कर रहे हैं लेकिन असली समस्या वित्त मंत्री के उन भावों को जिन्हें हर बैठक में नए थे डालने पड़ रहे हैं उन्होंने खास मदद करनी पड़ रही है उनकी समस्या आप इस स्थिति से समझ सकते हैं कि इस साल के बजट भाषण का समय सिर्फ 90 मिनट था जो हाल के वर्षों में सबसे कम है ©Ek villain #बजट पेश करने का ऐलान #Moon
Chandramoli Pachrangia
सोचा था ये भी मिलेगा वो भी मिलेगा, बहुत मिलेगा लेकिन रेल ना मिली, खेल भी नहीं अब कुछ टैक्स राहत ही सही ©Chandramoli Pachrangia बजट
Shubham Bhardwaj
आँखों की नींद चुरा ले जाते हो। बड़े बेवफा हो तुम,हर बार दगा दे जाते हो।। ©Shubham Bhardwaj बजट#बजट#2023#सुधारात्मक#विचारात्मक#