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Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
☺️Vishu☺️
आदर आणि अंगावरची चादर कुणाला देऊ नका आपणच उघडे पडतो अर्थ चा अनर्थ करू नका समजणार्यांना समजेल
Shweta Gupta
अर्थ का अनर्थ तब हो जाता है, जब समझने वाले ज्यादा दिमाग लगा लेते है!— % & #अर्थहीन #अर्थ #अनर्थ #quoteliners #perspective #overthinking #yqdidi
Ek villain
बिहार में करुणा सदन की बढ़ती रफ्तार के बाद भी यदि आधार संख्या कि लोग लापरवाह बने हुए यह चिंता की बात है कि तमाम लोग सारिक दूरी का पालन करना नियमित मार्क्स लगाने और अनजान शहर छोड़ने के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत छोड़ चुके हैं बाजार दफ्तर धार्मिक सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिबंध देखने वाला यह दृश्य संग्रहण के लिहाज से खतरनाक है इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक सख्ती जरूरी प्रतीत हो रही है संगठनों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य ढांचे और मजबूती करने टीकाकरण अभियान को तेज करने के साथ ही जरूरत के हिसाब से कुछ पाबंदियां लगानी होगी यह समय तक रहते हुए बचाव के साथ नियम का सख्ती से पालन करने और कराने का इसमें किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए करुणा की तीसरी लहर के स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं इसके खतरे को कम करने के लिए rt5 के साथ ही रैपिड एंटीजन टेस्ट भी बढ़ाने होंगे इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल समेत सभी डिस्पेंसरी ओं को रिपीट एंटीजन टेस्ट करने की इजाजत दी जानी चाहिए धन आबादी वाले मोहल्लों में इसे टेस्ट के लिए अस्थाई कैंप लगाए जा सकते हैं घरों में ही करुणा जांच करने वाले कुछ किट को ही माने तो दी गई है इन किट को पर्याप्त मात्रा में खरीदने की जरूरत है मानकों के आधार पर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन बनाने की जरूरत भी है साथ ही जिला स्तर पर आवश्यक दवाई और ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया जाना चाहिए देखा जाए तो करो ना कि नहीं और इंटर ओमी क्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लोग ©Ek villain # प्रशासनिक सख्ती जरूरी #Winter
Ek villain
निर्वाचन आयोग अपराधिक छवि वालों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सख्ती बरतने जा रहा है अगर राजनीतिक दल अपराधिक छवि वाले को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं तो उनका चयन क्यों किया गया है इसका ठोस कारण बताना होगा यह तो तृतीय विभिन्न माध्यमों से सार्वजनिक भी करना होगा नियम तो कठोर है पर उसका कितना पालन होगा देखना बाकी है अगर ऐसा हो पाता है तो निश्चय ही चुनाव प्रक्रिया में बड़ा सुधार आने की अपेक्षा की जा सकती है अगर एक स्वैच्छिक राजनीतिक एक मजबूत लोकतंत्र का आधार आधार है और भारत जैसे देश में उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरे विश्व में एक अलग पहचान रखती है उसके लिए तो यह भी आवश्यक है वह जाता है कि चुनाव प्रक्रिया में प्रदर्शित हो और इसे भाग लेने वाले उम्मीदवार साफ-सुथरी छवि रखते हो राजनीतिक दल जीत हार की गणित से ऊपर उठकर भी सोचे कि यह देश भी उनका है यह रहने वाले लोग भी उनके हैं किसी तरह की सरकार देश को देना चाहती है उम्मीदवार जिन लोगों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है उनके चुनाव मैदान में आने से कहीं ना कहीं चुनाव की प्रदर्शनी पर खतरा बना पर लगता है वर्तमान में जिस तरह की स्थितियां हमारे सामने देश की शांति भंग करते हमारे पड़ोसी देश देश के अंदर है कर देश विरोधी काम करने वाली ताकत है इन सब का सामना करने के लिए आवश्यक हो जाते हैं साफ है कि साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार चुनकर विधानसभा या लोकसभा में पहुंचे इस कार्य को आम जली जनता का काम देश की न्यायपालिका निर्वाचन आयोग मिलकर कर सकते हैं आम मतदाता के पास चुनाव में खड़े उम्मीदवारों की पूरी प्रोफाइल होगी तो वह सही निर्णय कर सकेंगे ©Ek villain # आयोग का प्रशासनिक कदम #worldhindiday
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
मूक हुई यहां पर सत्ता, बेड़ियों में बंधकर रह गए प्रशासन के हाथ। दर दर भटक रही यहां गरीब जनता, नही देने वाला है कोई इनका साथ।। सड़को पर है अपना मासूम पड़ा, मासूमियत लगाती है आवाज़ यहां। प्रशासनों में तो है अपनी अश्रव्यता, चाहे जितना भी चीखें अपना संत्रस्त जहां।। कहीं कहीं पर है निवाला फेंका जाता, कही पेट दबाकर है कोई सोता। आम जनता चाहे जितना भी लगाएं गुहार, सुनने वाला नही कोई होता।। हैवानियत भी सर चढ़कर बोल रही, पर नही यहां पर कोई जिम्मेदारी लेता। भ्रष्टाचार में संलिप्त हुई प्रशासन, औरों के भी हिस्से का सब कुछ लेता।। पैसों की है बस यहां लूट मची, नही होती है अब भावनाओं की कद्र यहां। बेड़ियों में बंध गया प्रशासन, दया, भाव, प्रेम, त्याग, समर्पण, सब मिट गया यहां।। #प्रशासन #बेड़ियों में प्रशासन #बेड़ियों
नेहा उदय भान गुप्ता
मूक हुई यहां पर सत्ता, बेड़ियों में बंधकर रह गए प्रशासन के हाथ। दर दर भटक रही यहां गरीब जनता, नही देने वाला है कोई इनका साथ।। सड़को पर है अपना मासूम पड़ा, मासूमियत लगाती है आवाज़ यहां। प्रशासनों में तो है अपनी अश्रव्यता, चाहे जितना भी चीखें अपना संत्रस्त जहां।। कहीं कहीं पर है निवाला फेंका जाता, कही पेट दबाकर है कोई सोता। आम जनता चाहे जितना भी लगाएं गुहार, सुनने वाला नही कोई होता।। हैवानियत भी सर चढ़कर बोल रही, पर नही यहां पर कोई जिम्मेदारी लेता। भ्रष्टाचार में संलिप्त हुई प्रशासन, औरों के भी हिस्से का सब कुछ लेता।। पैसों की है बस यहां लूट मची, नही होती है अब भावनाओं की कद्र यहां। बेड़ियों में बंध गया प्रशासन, दया, भाव, प्रेम, त्याग, समर्पण, सब मिट गया यहां।। #प्रशासन #बेड़ियों में प्रशासन #बेड़ियों
Anjali Dwivedi
शब्दों के खेल में देखो अर्थ बेचारे हारें हैं। अर्थ का भी अनर्थ करें जो, तुम्हारा मौन भला क्या पहचाने वो। अर्थ का अनर्थ 😅 #yqhindi #meaningful #lifelessons #kuchtologkahenge #silence #meaning #yqlessons #yqpoetry
GUNENDRA SINGH PORTE
हम तो बैठे हैं अपने आसन पे, पर आप तो बैठे हैं सिंहासन पे। पटवारी आरआई बिक जाते हैं, अरे धिक्कार है ऐसे प्रशासन पे।। रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ ©GUNENDRA SINGH PORTE प्रशासन पे
satish bharatwasi
तु नसशील तर जगण्याला काय अर्थ आहे? तु असेल तर जीवन माझे सार्थ आहे अर्थ