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Singleboy9918
गंगा ढोती लाशे है, हम तो हुकूमत के पासे है। हिन्दू दफन है, मुस्लिम के हिस्से न कफन है। जानवर नोंचते लाशों से मांस हैं, ये संस्कृति का ह्रास है। मुर्दों का यह देश है, राजनेताओं के लिए बस केस है। गरीब रोटी को, बीमार दवा को तरसता है गुस्सा आसमान से खुदा का बरसता है। मौत का विकास है, जीने की आखरी आस है राजनीति सबसे बुरा हाल है, देश का बनी ये काल हैं। ©Singleboy9918 #गंगा #हिंदी #झालावाड़ #lockdown2021
Jogaram Choudhary
विघ्नहर्ता गणेश देवी आदि शक्ति महाराणा प्रताप नमो हनुमान राधा कृष्ण मां काली शक्तिपीठ भैरव संतोषी मां परमावतार श्री कृष्ण आरभ चंद्र नंदिनी विक्रमादित्य रणजीत सिंह चंद्रकांता पृथ्वीराज पहरेदार काल भैरव मायावी मलिंग कर्ण संगिनी पार्टनर्स जोधा अकबर अकबर बीरबल बेताल कवच नागिन धारावाहिक इतिहास
anamika
मैं धारावाहिक सा किश्तों में प्यार करता हूँ तुम चित्रपट सी कुछ घण्टे में परे कर देती हो #धारावाहिक #चित्रपट #nojotohindi
shekhar prasoon
हर कल्पों के युगों युगों तक ,गायी जाये रामायण गाथा। हर त्रेता युग में अवतरित,होते है श्री कौशल नाथा।। नाना भांति राम अवतारा, रामायण शत कोटि अपारा, धर्म हेतु अवतार हैं लेते,परिभाषित राघव परिभाषा।शेखर जय सियाराम! 💐💐💐 #धारावाहिक रामायण के पारायण पर।
Alok Vishwakarma "आर्ष"
चिन्तनों की पाप धारा मन लिए तुम, घट में अपने घटित घटनाओं को धारे । घाट की सीढ़ी उतर मल को घुलाने, गंग के निर्मल वहन को विष पिलाने ।। कुंभ में कुंभक लगाते रंजनों के, स्वजन को दुर्जन बने तुम शोषते हो । गंग की ममता अधर का पान करते, तपोधर्मा ताप से निज सोखते हो ।। गंगा स्नान करते कुछ अज्ञानी व अधर्मी लोगों पर कटाक्ष। #alokstates #कुंभ2019 #गंगा #कविता #हिंदी #yqdidi #yqbaba #जल अनुश्री 'श्री'
Sanjeev Jha
देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना जैसे कोई कराह हो या हो प्रसव-वेदना कचरे कई नालों से उतरते हुए देखा शौचालयों के मुंह का न है कोई लेखा मां बचपन में धोती थी अब कब तक धुलाना देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना ©संजीव #गंगा
प्रवीण कुमार
ना भूलूंगा भागीरथी मैं यह उपकार तेरा । मुझअधम पापी को तुमने दिया निकट बसेरा ।। क्या महिमा मैं गाऊँ तुम्हारी गा ना पाया कोई। निजी निर्मल पावन जल से तुम सब के पाप धोई।। क्यों न हो यह महिमा तेरी प्रकटी विष्णुपद से। जिन चरणों का आश्रय लेकर तरते लोग भव हैं से।। कृतकृत्य हुआ उपकार से तेरे मां भगवती हे गंगे। निज चरणों से दूर न करना रखना अपने संगें।। विनती तुझसे एक और है कृपा तू इतनी कर दे। जिन चरणों से प्रकटी मां तुम उन चरणों में धार दें ।। "अमित "वंदन करता हूं मां चरणों में मैं तेरे। हर ले मैयां जितने भी हैं दुरितों को तू मेरे।। विद्यार्थी अमितोपाध्यायः गंगा
ranjit winner
सनुो मझुे तुम फिर याद आयी ., शाम ढले इक चिट्ठी आयी .… पता तुम्हे मालमू न था,. फिर मझु तक कैसे पहुँचायी ,,, सनुो मझुे तुम फिर याद आयी .. खत में मेरा नाम लिखा है., साथ में ये पगैाम लिखा है… तमु भी मझुे भलू न पायी ,. याद तुम्हे भी मेरीआयी ., आगे तमु कुछ यूँ लिखती हो., तुम्हे पता है कब कब आयी ??? जब जब तमुने चाँद को देखा ., जब भी तमुने शमा जलायी ,.. जब जब तमु बारिश में भीगी,. और तब भी जब भीग न पायी .,, याद तुम्हे भी मेरी आयी ,. जब जब तमु को माँ ने डाँटा,. और तब भी जब आखँ भर आयी ., जब जब तमु उलझन में थी., और जब भी तमुको नींद न आयी ., सबुह भी आयी,. शाम भी आयी,. जब जब तमु ने चाय बनायी,. याद तुम्हे भी मेरी आयी , सारे जग से बात छुपायी,, पर खदु को फुसला न पायी तमु भी मझे भलू न पायी,,.. पता तुम्हे उस खत से मिला, जो गंगा में तुम बहा न पायी और फिर ये चिट्ठी भिजवाई ..जीत #गंगा