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Saurabh Banwaskar
रत्ती भर मायूसी चुभती है हर वक़्त, दिल के गहराइयों में अक्सर परेशान करती रहती है ये रत्ती भर मायूसी कई बोझ उठाए दिल ने,कई गोते भी खाए मालूम नहीं कैसे हावी होती है ये उन पर कई मन्नते करता हूं, दुआए भी कमाता हूं फिर क्यों हर वक़्त इसके साए में रहता हूं सुकून के पलों से जब भी दिल गुजरता है रत्ती भर मायूसी से बेसुकुन हो जाता हूं जब भी उभरने की कोशिश करता हूं मालूम नहीं कैसे फिर जाल में फसता हूं शायद अतीत की किसी अनजान गलती ने इस रत्ती भर मायूसी का हाथ थाम लिया है कभी कभी लगता है क्यों परवाह करू मै उसकी रत्ती भर ही तो है सेह लुंगा हर रोज़ एक सिसकी लेकिन फिर ये हावी होती है मेरे इरादों पर मालूम नहीं क्यों है, क्या है,कैसी है ये रत्ती भर मायूसी रत्ती भर मायूसी #मायूसी
Savista
मायूश ज़िन्दगी की मायूश मुहब्बत से मायूश हो गए हैं वो हो गए हैं मायूस हमसे बस ये ही सोच कर मायूश हो रहें हैं मायूसी
dev
*"खुशी" ने वादा किया था वो,पांच दिन बाद लौट आएगी.* *पर जब "ज़िन्दगी" की,किताब खोल कर देखी.* *तो कमबख्त ज़िन्दगी ही,चार दिन की थी.!* मायूसी
Alok Tiwari ( KABIR)
"मैं मायूस भी हूँ तो khud se हूँ। किसी Aur से रहा... तो Main, "मैं" कहां रहा।।" ~Alok #मायूसी...
Shahab
हम देखते तो हैं उन्हें , पर अब वो बात नहीं रहा एक दरमियां होता बीच में , जैसे साथ नहीं रहा उनकी आंखें अब हमें , ढूंढती ही नहीं कभी हम दोनों एक थे शायद अब उन्हें याद नहीं रहा अब मुस्कुराहट कोसों दूर , पास मायूसी के मेले से हो गए वो आस-पास तो है , पर अब हम थोड़े अकेले से हो गए ©Shahab #मायूसी
socho81
हर मुस्कराते चहरे के पीछे एक मायूसी छाए होती है, जमाना उस मायूस चहरे से वाकिफ नही होता है हर चुपी के पिछे एक दर्द समाया होता बस ज़माना उस दर्द से वेकिफ नही होता है। ©socho81 #मायूसी
teri mohabat
कोई ग़म नहीं मुझे अपने मायुश होने पर सौ शक्लें बिगड़ती हैं मेरे थोड़ा खुश होने पर ☝😓#ऋतु #मायूसी
Qalb
तेरी हिचकी पर मेरी सिसकियाँ फ़िदा हो गयी, चेहरे पर रौनक आ गयी मायूसी जुदा हो गयी ! #मायूसी
Suresh Tiwari unmukt
मुझसे से पूछती है वो, ख़ामोश क्यों रहते हो, बड़ी मासूम है , घाव में नमक लगाती है वो.....!! ©Suresh Tiwari unmukt मायूसी
madhavi Gupta
तेज रफ्तार में चलते चलते आज थोड़ा सा रुकी मै वक्त के अनचाहे भेदभाव से थोड़ी सी लड़ी मै दर्द इतना की जिसका कोई मोल न बेमतलब बेहिसाब इतना जिसका कोई तौल न कहते है ये आंखें बड़ी ही खुशनसीब होती है दुनियां की तमाम ख्वाइश अपने अंदर समेट कर रखती है पर इनकी खामोशी और दर्द तो सिर्फ ये ही जाने जब ये टूटते है तो सारे जज्बात आंखों से ही बयां करते है। ©madhavi Gupta # मायूसी