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Nadim Bhati
प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी सेनानायक और अपने खून से त्याग और बलिदान की अमर गाथा लिखने वाले महान देशभक्त वीर तात्या टोपे की पुण्यतिथि प
Vaibhav's Poetry
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती के अमर सपूत, अद्भुत पराक्रमी, अद्वितीय सेनानायक, जनप्रिय शासक, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक, अवध की शान और बैसवारे के मान राना बेनी माधव बख्श सिंह जी को उनकी 🌺 217वीं 🌺जयंती पर बारम्बार नमन। 🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺 राणा बेनी माधव बैस 1857 के विद्रोह के दौरान अवध से विद्रोही ताकतों के सबसे मजबूत नेता थे, अंग्रेजों द्वारा कई प्रस्तावों के बावजूद उन्होंने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया।🇮🇳राष्ट्र आराधना को समर्पित आपका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है। ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती के अमर सपूत, अद्भुत पराक्रमी, अद्वितीय सेनानायक, जनप्रिय शासक, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक, अवध क
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ "जाकर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी, गोरों से लड़ना सिखा गयी, है इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी।" वीरता, शूरता और देशभक्ति की प्रतिमान, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की सेना में दुर्गा दल की सेनापति, महान वीरांगना झलकारीबाई जी की जन्म जयंती के अवसर पर उन्हें कोटि-कोटि नमन....। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ "जाकर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी, गोरों से लड़ना सिखा गयी, है इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी।"
Divyanshu Pathak
"जैत्रसिंह" मेवाड़ के शौर्य का एक और पन्ना। (1213 - 1252 ई.) मेवाड़ की गद्दी पर जैत्रसिंह के बैठते ही जालौर में चौहान राज्य के संस्थापक कीर्तिपाल से गुहिल राजा सामन्तसिंह की पराजय का बदला लेने के लिए अपने समकालीन नाडौल के चौहान राजा उदयसिंह पर आक्रमण कर दिया।उदयसिंह ने अपने राज्य को बचाने के लिए अपनी पौत्री रुपादेवी का विवाह जैत्रसिंह के पुत्र तेजसिंह के साथ कर मेवाड़ और नाडौल में मैत्री स्थापित की।जैत्रसिंह ने मालवा के परमार राजा देवपाल को हराकर अपना अधिकार जमाया और गुजरात के सोलंकियों का मैत्री प्रस्ताव ठुकरा दिया।इधर दिल्ली में तुर्कों की जड़ें मज़बूत हो गईं तो "इल्तुतमिश" ने मेवाड़ को अधिकार में लेने के लिए आक्रमण कर दिया। जब अजमेर के चौहानों की शक्ति का पतन हो गया तो राजस्थान के विस्तृत भू-भाग पर तुर्को ने लूट ख़सूट शुरू कर दी थी।मेवाड़ अभी भी मोहम्मद गौरी और कु
JALAJ KUMAR RATHOUR
"पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास में ही बैठे अपने पापा से प्रेम ने ये पूछा ,देश पांडे साहब ने मजाकिया लहजे से कहा बेटा तेरे बाप ने भी पढा और हर बार मन में यही प्रश्न उठा पर आज तक इस सवाल का जबाब ना मिला, बगल में ही बैठे प्रेम के दादा जी भारत पांडे जी ने उसके पापा देश पांडे के कान को ऐंठते हुए कहा , "तेरे में इतनी बुद्दी ही कहाँ थी रे मोड़ा जो तू जू सवाल पुछतो जू तो हमाओ नाती है जो जे सवाल पूछ रहो है , प्रेम को अपने पास बैठा कर भारत पांडे जी ने कहा "बिटवा जो जे इतिहास होवे है ना जी हमें तासो पढाओ जावे है कि हम अपनी पुरखों की गलतियों से सीख ले और जिने फिर ना दोहराये, प्रेम ने दादा से पूछा पापा वो कैसे तो उन्होंने बताया बेटा मराठा महाराजा छत्रपति शिवा जी महाराज के वंशजो में एक वीर योद्धा थे सदाशिव भाऊ जो मराठा साम्राज्य के रक्षक थे उन्होंने बाहरी आक्रमणकारियों को भारत से भागने के लिए आपने विश्वास पात्र सेनानायक इब्राहीम खान के साथ मिलकर युद्ध लड़ा उस वक्त उन्होंने भारतियों राजाओं से मदद मांगी परंतु कुछ राजाओं ने उनकी मदद ना की जिनमे कुछ राजा हिंदू थे पर उनमे से एक था सिराउजुदौला जिसने पहले तो हाँ कर दी परतुं जब उसको धर्म की कसम दी गयी तो उसने देश से पहले धर्म को चुना और सदा शिव भाऊ का साथ नही दिया इसके विपरीत सकीना बेगम ने सदा शिव भाऊ का साथ दिया और धर्म से पहले देश को रखा,पानीपत के मैदान मे अपनी मातृभूमि के लिए बाजीराव पेशवा के भतीजे सदा शिव भाऊ ने अदम्य साहस के साथ दुश्मनो से लडते हुए अपने प्राण त्याग दिये वो उस दिन हार कर भी जीत गए थे| क्युकी अहमद शाह अब्दाली ने खुद कहा था यहाँ के लोगो को हराना है तो इन्हे आपस मे लड़ाओ और इतिहास हमें सिखाता है की पहिचानो हाँ पहिचानो अपने आस पास से सिराउजुदौला और इब्राहिम खान जैसे वतन के गद्दारों को और सम्मान करो सकीना बेगम जैसी वतन की नारी शक्ति का " जब भारत पांडे जी ने प्रेम की और देखा तो वह सो चुका था आज के भारतीय युवाओं की तरह , भारत, देश प्रेम के जाग जाने की उम्मीद में था और शायद आज भी है धर्म देश से बड़ा नहीं होता, साहब ....... #जलज राठौर "पापा हम क्यों पढते हैं इतिहास कितना बोरिंग है ये सब्जेक्ट हैं ना मैं जब पैदा ही नही हुआ मुझे तब की भी तारीखों को याद करना पड़ता है " पास म
vasundhara pandey
नव संवत्सरं शुभं भवेत्। प्रवर्त्तमान श्री ब्रह्मा के द्वितीय परार्द्ध में श्री श्वेतवाराह कल्प, वैवस्वत मन्वन्तर के अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम चरण में, जम्बूद्वीप