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Anuj Ray
अंधकार में,देख कामिनी कंचन काया, सोई भूख जग उठी है फिर से। नैन सरोवर जादू हैं या भूल भुलैया ,संयम मधुर वासना को मन तरसे। ©Anuj Ray # देख कामिनी कंचन काया,
संजय श्रीवास्तव
पैदा किया जिसने, वो कोख भी शर्मिंदा है #दामिनी को फिर, वहशी ने किया जिंदा है ये #दरिंदे हमारे बीच, अचानक बनते नही शामिल इसमें, इस मुल्क का हरेक बंदा है #शिकायत करे किससे, नामर्दों की बस्ती में सच कह नही सकता, जो झूठ का पुलिंदा है ये #अंधा कानून ही, तो हौसले बढ़ा देता है कपड़े पहन कर यहां, इंसान हुआ नंगा है बांटते है #सीख, और मोमबत्ती जलाते हैं लाश पर सियासत, करना ही इनका धंधा है संजय श्रीवास्तव दामिनी
Mamta kumari
एक सुन-सान राह पर अचानक कोई मिल गया । ये देख हक्का-बक्का हो मेरा मुँह सील गया मुझे लगा वो मेरा दुश्मन है लेकिन वो मेरा दोस्त निकला,ये देख मेरा चेहरा खिल गया । सुन-सान राह ।
गजेंद्र
*असेन मी नसेन मी* असेन मी नसेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी घाव झाले पुन्हा जरी नव्याने ते सोसेन मी असेन मी नसेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी..//धृ// जन्म मरण हे कुणा टळले मला तरी हे कसे टळेल गर्दीत इथे माणसांच्या भावना माझ्या कुणा कळेल भावना माझ्या कुणा कळेल दुख माझे भोगेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी असेन मी नसेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी..//१// सुखदुःखाच्या फेऱ्यामधुनी इथे कोण सांगा सुटले आहे, जन्मास येऊन सत्कर्म करणे एवढेच मजला कळले आहे एवढेच मजला कळले आहे स्मरणांत इथल्या उरेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी असेन मी नसेन मी पुन्हा नव्याने जन्मेन मी..//२// *©️ गजेंद्र ढवळापुरीकर* *दि.२८/७/२०२० मंगळवार* *मो:९६२३७१४०१२/औरंगाबाद* असेन मी नसेन मी
Farzan khan Rahmani
ना किसी लड़की की चाहत, ना ही पढ़ाई का जज्बा था, बस 4 कमीने दोस्त थे, और लास्ट बेंच पर कब्ज़ा था। कामिने यार
अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
कविता प्रसंग :- मधुर यामिनी रात मह़फूज़ रही मैं रात भर सैय्या जी के बाहों में ननद नंदनी जल उठी ऐसी वैसी ख़्वाबों में.... थी मधुर यामिनी कि रात टल गई करते -करते बात सखियाँ सहेलियाँ जल उठी जैसे वक्त न बची हो हाथों में अपनी खेती अपना है धन मह़फूज़ रही मैं रात भर सैय्या जी के बाहों में ननद नंदनी जल उठी ऐसी वैसी ख़्वाबों में..... डालो बीज उपजेगा अन्न अपनी धरती अपना है रतन फिर विचलित क्यों करती मन मह़फूज़ रही मैं रात भर सैय्या जी के बाहों में ननद नंदनी जल उठी ऐसी वैसी ख़्वाबों में... ©Anushi Ka Pitara #मधुर #यामिनी #रात #She_and_Society