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Vickram
कोई कहां पर माइने रखता है तेरी जिंदगी में ये बातें समझना खुद में गजब की कला है और खुद तेरी एहमियत तेरा किरदार समझाएगा आंखिर तेरे खुद के सफर की भी कोई तो वजह है ©Vickram वजह भी कयी है साथ देने की,,
Sumit Kumar
बुरे वक़्त में साथ निभाने वाली की तलाश में हूँ मैं, क्यूंकि अच्छे समय में तो लाखों लोग हाँथ थाम लेते है.. ©Sumit Kumar साथ देने वाली की तलाश में हूँ मैं..
shivraj maharoli
अपने सुख के दिनों में उन लोगो को कभी भी मत भूलना जो आपके साथ आपकी हर एक परिस्थिति में रहते ह ,,,, क्योकि सूरज की तरह वही इंसान आपके साथ रहेगा जब आपके साथ कोई भी नही होगा ,, by -ypd पागल साथ देने वाला
Shailendra Singh Yadav
रहेंगे साथ साथ न छूटेगा साथ। मिलें हैं हाथ से हाथ न छूटूंगे हाथ। हौसला साथ में है उम्मीदें साथ में हैं। दो दिलों का साथ जनम जनम का साथ। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी रहेंगे साथ साथ।
aakriti chaudhari
का कहि कुछ कहल ना 🙏जाता🙏 दर्द मिठा बा लेकिन सहल 🙏ना जाता🙏 दोस्ती हो गईल नोजोटो से 🤝ऐ कदर🤝 कि बिना चलवले रहल ❤️ना जाता ❤️ ©Rahul Kumar Chauhan 2023 #हिला देने वाला शायरी
vahid ali
दिल के चर्चे हजारो हो गये तब कोई न मिला इश्क और प्यार के मरे हो गये धोखा दे कर वो किनारे हो गये और हम दोस्तों के गली के सहारे हो गये दिल की बात शायरी के साथ
सम्राट
ग़मों ने छोड़ा नही साथ ज़िन्दिगी का मैं कैसे पेश कर गीत कोई ख़ुशी का अगर कहोगे तो यूंही मुस्कुरा देंगे सुना देंगे कोई शेर बेबसी का आँखों को अँधरों की आदत सी हो गई है चुभता है नज़रों को मेरी मंज़र रौशनी का औरों की तरह मेरे कई ख़्वाब हैं मगर मंजूर नही क़िस्मत को साथ चाँदनी का न होता पेश अगर मैं हुजूरे ख़ुदा , इरादा किया था मैने भी खुदकुशी का मुहब्बत से निकलके इश्क़ में हम मुंतक़िल न हुए उल्फ़त में ये आलम है, आलम क्या होगा आशिक़ी का वक्ते नज़र में ख़त आया के अब न मिल सकेंगे कब से मुंतज़िर था मैं उनकी हाज़री का ग़मों के अय्याम में बता रही है तुम्हारी बेख़ुदी "सम्राट" तुम समझे नहीं फलसफा ए ज़िन्दगी का दिल की बात शायरी के साथ
सम्राट
नहीं इतना ज़रूरी कभी हुआ ही नहीं मैं, पर इस रिश्ते की ख़ातिर वो लड़ेगा क्या उसकी ख़्वाहिश थी के मैं न उलझू उससे, गर मैं पीछे भी हट जाऊँ वो बढ़ेगा क्या उसको कहाँ कोई ख़ुशी थी मेरे होने से, मेरी गैरमौजूदगी में फिर वो तड़पेगा क्या सब भूलाकर मेरा उसके पीछे पड़े होना, और अब बातें तक न करना उसको खलेगा क्या बगैर उसके मैं खुश हूँ मेरा ऐसा जताना, उसके एहसास को मेरे लिए बदलेगा क्या बचकानी मेरी बातें, उस पर हँसना मेरा, तकलीफ़ मुझको भी थी वो समझेगा क्या वो कहता था उसको ज़रूरत नहीं है मेरी, आख़िर इस ग़ैर के साथ वो करेगा क्या (सम्राट) दिल की बात शायरी के साथ