Find the Latest Status about हिंदी ब्लॉग यात्रा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हिंदी ब्लॉग यात्रा.
रचना शर्मा राही
जीवन यात्रा है शुरू हुई, सबकी अपनी अपनी मंज़िल। यात्री सब निकल पड़े हैं, करने गंतव्य हासिल। जीवन पथ पर हैं डटे हुए, सुख दुःख को सहते। इस यात्रा में नए नए मुसाफ़िर, रोज़ ही आकर जुड़ते। सबसे मिलो मिलाओ, अपनी यात्रा सफल बना लो। इस धरती पर इस जीवन को, ख़ुशमय तुम बना लो । रचना शर्मा "राही" #प्रयोगकविता #यात्रा #यात्री #गंतव्य #yqbaba #yqdidi #yqchallenge #yqhindi
Suparas Jain
यात्री की यात्रा गंतव्य तक, मुसाफिर की संयम तक, और जो निकल गया कर्म बंधन काटने, वो वैरागी, वो अंतर्मन का यात्री , यात्रा उसकी अनंत तक। #प्रयोगकविता #yqdidi #challenge #यात्री #यात्रा #गंतव्य #अनंत #SAJALsays
PS T
मुंबई लोकल🚉 में चढ़ने उतरने बैठने 3 पर 4 करने के लिए धक्कामुक्की करने वाला मुंबई मेट्रो 🚆में बैठते ही इतना सभ्य बन जाता है कि विश्वास ही नहीं होता कि ये वही है जो अभी अभी लोकल से उतर कर आया है 🤣🤣🤣... #snehlata #mumbailocal #metro #mumbaimetro #train #यात्रा #हिंदी
Anokhi
हिंदी दिवस - 14 सितंबर हिंदी शोभे बिंदी से.....! हिन्दुस्तानी शोभे हिंदी से.....! आभा अनोखी # हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...
Jan Mohmmed
"सप्ताहान्त यात्री: सात दिनों की एक अनूठी यात्रा" ©Jan Mohmmed #hajata"सप्ताहान्त यात्री: सात दिनों की एक अनूठी यात्रा"#hajat #
Aryawarti Mahodaya
संशोधन तो महासमुंदों में भी सम्भव है, यही गति.. ठहराव की अनुकरणी बनती है, या यूं कहें कि ठहराव, गति के मध्य का स्तम्भ। सृष्टियां जिसके आधार से गति करती है और ठहरती है वह भी इन्हीं संशोधनों का राग है। पूर्णता, पूर्णतया इसी के अनुक्रम में साकार होती है जो परब्रम्ह के शांताकार होने की बस झलक है। वह तो अपने "एक रूप" मात्र से विराट और सूक्ष्म, दोनों हो जाता है उनके रूपों की न कोई थाह है और न कोई शिखर। ~अमित महोदय"आर्यावर्ती" ©Amit Mahodaya #हिंदी #विचार #आध्यात्मिक #यात्रा #चेतना #ध्यान #अमित #महोदय #अमित_महोदय
@michaeljohnsmashcrackers
बस अकेले ही हैं सफर यहां हर किसी का जमाने में आना जाना तो लगा ही रहता है हर किसी का बस यूं ना मायूस होकर बैठ मेरे दोस्त यूं ना कर अफसोस हर किसी का ©@michaeljohnsmashcrackers @हिंदी #हिंद , #MereKhayaal
Chintoo Choubey
यूँ तो कई बार लोगों से सुना है वो भी कई ज्ञानी लोगों से,किंतु वहां मै चकरा जाता हूँ,जब मेरा साक्षात्कार होता है,कोई ज्ञानी मेरा साक्षात्कार करता है, हर बार बस यही पूछ्ते है कि अङ्रेज़ि आती है? आती है ?आती है, तो क्या बोल पाते हो? मगर आज तक किसी साक्षात्कार करने वाले ज्ञानियों ने यह नहीं पूछा , हिंदी कितनी अच्छी बोल पाते हो? हिंदी सिर्फ हिंदी दिवस के लिए नहीं होती , यह हमें हर जगह लोगों को बताना पड़ेगा, कि हिंदी है हमवतन् है हिन्दुस्तान हमारा , और सभी ज्ञानियों को यह समझना चाहिए कि, साक्षात्कारियों को हमारी पात्रतानुसार कार्य के लिए चुनें, ना कि भाषा के आधार पर । हिंदी भाषियों को खूब शुभकामनाएं। हिंदी और हिंद