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swati
क़िस्मत अगर भगवान लिखता है तो भगवान ऐसे लोगो को क्यो Life में आने देता है जो Life भर साथ नही देते... क़िस्मत अगर भगवान लिखता है तो भगवान ऐसे लोगोको क्यो Life में आने देता है😢 जो Life भर साथ नही देते... 😢 #nojoto #dear_tum
GauRav
न मैं शायरी न किस्से न अल्फ़ाज लिखता हूँ।। मैं दर्द हूँ बस दर्द की गुहार लिखता हूँ।। न मैं मौत न जिंदगी न भगवान लिखता हूँ।। मैं यमदूत हूँ बस यमराज की किताब लिखता हूँ।। #गौरव न मैं शायरी न किस्से न अल्फ़ाज लिखता हूँ।। मैं दर्द हूँ बस दर्द की गुहार लिखता हूँ।। न मैं मौत न जिंदगी न भगवान लिखता हूँ।। मैं यमदूत हूँ बस
Rahul Red
जो लिखते धार्मिक उनको तो बस भगवान दिखता है वगरना उनकी रचना में कहीं इंसान दिखता है उन्हें कैसे दिखाई दे यहाँ की मुफलिसी बोलो जो लिखते ओज उनको सिर्फ पाकिस्तान दिखता है कभी इक दौर था जब शायरों से डरती थी सत्ता अभी उनकी विरासत का ये घर वीरान दिखता है लिखे सरकार के हक में मिलेंगे मंच उसको ही करे जो वार सत्ता पर वही गुमनाम दिखता है यहाँ सब जाति मजहब पर हमेशा वोट देते हैं तभी नेता को वोटर आज भी नादान दिखता है यकीं मानो ये दुनियाँ गर्त में जल्दी ही जाएगी अगर नेचर का थोड़ा और भी नुकसान दिखता है हमारी जिंदगी के पेड़ को काटा है जिस जिस ने हमे उस शख्श में यूँ ही नहीं शैतान दिखता है किया ये हाल दुनियाँ का हमारे कारनामो ने हमारी मौत का रास्ता तभी आसान दिखता है पड़े हैं बन्द मंदिर और मस्जिद खौफ के कारण नजारा देख ये राहुल बहुत हैरान दिखता है © राहुल रेड #World_Water_Day जो लिखते धार्मिक उनको तो बस भगवान दिखता है
Shahban Malik Shahban
आज फिर याद मुहबबत की कहानी आई आज फिर याद चोट पुरानी आई मुददतो बाद मे यससर हुआ दरीया हम से मुददतो बाद हमे पियास बुझानी आआ चिखता शायर शाहबान मलिक चिखता शायर लिखता शायर
Shahban Malik Shahban
आज फिर तेरी याद मे हुँ । आ देख किस हाल मे हुँ चिखता शायर शाहबान मलिक चिखता शायर लिखता शायर
Shahban Malik Shahban
#OpenPoetry हर खवाहिश ऐसी के हर खवाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले ,,मिरजा गालिब,, जहा जहा सनम हम निकले वहा वहा तुं निकले हमे शक था निकला मे खाने से जाहिद अब उममिद ऐसी के मे खामे से हम निकले निकलना कहा से हे ये समझ ना आया हम जहा पे निकले सनम तुम वहा से निकले चिखता शायर शाहबान मलिक चिखता शायर लिखता शायर
Shahban Malik Shahban
ईशक मे हम ओर बे बाक हो गय धोय गय ईतना के बस पाक हो गय चिखता शायर लिखता शायर चिखता शायर लिखता शायर शाहबान मलिक
Shahban Malik Shahban
चुप के से सिसकिया भरी ओर चल दिये घर से मरद हु रोने की ईजाजत नही थी मुझे चिखता शायर लिखता शायर चिखता शायर लिखता शायर शाहबान मलिक
Shahban Malik Shahban
समंदर देख कर मेरी पियास ओर बढ गई पियासा सबबीर देख कर मेरी पियास मर गई चिखता शायर लिखता शायर शाहबान मलिक चिखता शायर लिखता शायर शाहबान मलिक
Shahban Malik Shahban
ईशक मिलता हे फकीरो से फरेब मिलता हे अजीजो से चिखता शायर लिखता शायर चिखता शायर लिखता शायर शाहबान मलिक