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Vikas Sahni

कभी-कभी
आत्मकथा का आशय
यह भी होता है 
कि कविता नहीं नकल है।
          ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni #आत्मकथा_का_आशय

#Love

shubham sahu

आत्मकथा

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Parasram Arora

आत्मकथा.... #कविता

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NADEEM REZA Official

एक पागल की आत्मकथा_ #Life #ज़िन्दगी

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आखिर मैं भी एक इंसान ही हूँ 

जो कहते है पागल मुझे ..सुन मैं खुद की एक पहचान ही हूँ..
तो किया हुआ मैं निर्वस्त्र हूँ कम से कम इंसान  ही हूँ.. 
माना की मैं बुद्धिहीन भी हूँ ..पर आखिर इस धरती का मेहमान ही हूँ.. 

न रहने की कोई चिंता है न खाने का कोई ठिकाना है.. 
बस अपनी धुन में रहता हूँ ..चाहे वर्षा हो या सर्दी हो चाहे तेज़ कड़कती गर्मी हो..
 बस चेहरे पे अपनी मुस्कान लिए सबके मन को पढता हूँ.. 
और कभी कभी तो रुक रुक कर सपनो की सीढ़ी चढ़ता हूँ.. 

माता पिता सब भूल चूका बस पागल नाम से ज़िंदा हूँ.. 
मेरे अपने तक मुझे छोड दिए किया इतना मैं कमज़ोर था .. 


अच्छा हुआ मैं बुद्धिहीन तो हूँ अपने जीवन मरण से अनजान ही हूँ 
जो कहते है पागल मुझे सुन मैं खुद की एक पहचान ही हूँ.. 

हो जायेगा अंत मेरा भी एक दिन वो ईश्वर तो आखिर मेरा भी है 
बस शरीर ही तो नस्ट होगा न उम्मीद तो मेरी कबकी मर चुकी... 

भटक रहा हूँ सड़को पे यूँ एक चलती फिरती शमशान ही हूँ.. 
जो कहते है पागल मुझे सुन मैं खुद की एक पहचान ही हूँ ...

©NADEEM REZA Official एक पागल की आत्मकथा_

#Life

Simran Simar

अपनी आत्मकथा।। #Shayari

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Babita Buch

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Chandradeep Mehta

मेरी आत्मकथा

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Rmp@ram yash pandey

सिपाही की आत्मकथा #कविता

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Soldier quotes in Hindi  मैं सिपाही हूं
धूप आग ठंडी से लड़ता हूं
मिलों का राही हूं
मैं सिपाही हूं
एक राग एक लय एक सुर मैं चलता हूं
रुकता नहीं हूं कभी नहीं थकता हूं
दुश्मन को मारता सेना का बागी हूं
मैं सिपाही हूं
सिपाही नाम है ऐसा जो रोके ना रुकता है
आंखों में आग लिए दुश्मन को फूकता है
दुश्मन के लिए मौत देश के लिए साही हूं
मैं सिपाही हूं
मौत सामने हो डर ना भय हो
आंखों में आंसू नहीं अंगारों की लए हो
घमंड दुश्मनों का पीता हूं देश का शराबी हूं
मैं सिपाही हूं
कभी हार लिए वापस नहीं आता हूं
दुश्मन की छल से अगर छला जाता हूं
तो मैं वीरों की चिता की आगी हूं
मैं सिपाही हूं

©Rmp@ram yash pandey सिपाही की आत्मकथा

Raj Bajpai

मजदूर की आत्मकथा

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Raj Bajpai

मजदूर की आत्मकथा

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