Nojoto: Largest Storytelling Platform

New डारा लोर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about डारा लोर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डारा लोर.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Harshita Dawar

baarish baarishkiboonde dil yqdidi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ # jazzbaat बादल भी दिल की तरह रंग बदल रहे है। पिघल रहे है।उमड़ रहे

read more
Written by Harshita Dawar ✍️✍️
# jazzbaat
बादल भी दिल की तरह रंग बदल रहे है।
पिघल रहे है।उमड़ रहे है।बरस रहे है।
डारा रहे है। घबरा रहे है।फिसल रहे है।
उड़ रहे है।। 
बस चलते जा रहे है। #baarish  #baarishkiboonde #dil  #yqdidi 
Written by Harshita Dawar ✍️✍️
# jazzbaat
बादल भी दिल की तरह रंग बदल रहे है।
पिघल रहे है।उमड़ रहे

Keshav Kamal

#me थोड़ा हिम्मत दे ऐ खुदा आँखें लोर भर रहा हूँ... पिता का साया सर पे नहीं हैं इसलिए थोड़ा कमजोर पड़ रहा हूँ... ©Keshav Kamal....✍🏻 😒😒😒😒😒 # #Hindi #SAD #true #ज़िन्दगी #anu

read more
थोड़ा हिम्मत दे ऐ खुदा आँखें लोर भर रहा हूँ...
पिता का साया सर पे नहीं हैं इसलिए थोड़ा कमजोर पड़ रहा हूँ...

©Keshav Kamal #me 
थोड़ा हिम्मत दे ऐ खुदा आँखें लोर भर रहा हूँ...
पिता का साया सर पे नहीं हैं इसलिए थोड़ा कमजोर पड़ रहा हूँ...
©Keshav Kamal....✍🏻
😒😒😒😒😒
#

Keshav Kamal

16/08/2008 हमे कोई गम नहीं होता आपको खोने पर... अगर कोई आपके तरह आँसू पोछने वाला होता मेरे रोने पर... Miss you Papa❤😭🙏 ©Keshav Kamal....✍🏻 ल #ज़िन्दगी #anu

read more
हमे कोई गम नहीं होता आपको खोने पर...
अगर कोई आपके तरह आँसू पोछने वाला होता मेरे रोने पर...
Miss you Papa❤😭🙏

©Keshav Kamal 16/08/2008
हमे कोई गम नहीं होता आपको खोने पर...
अगर कोई आपके तरह आँसू पोछने वाला होता मेरे रोने पर...
Miss you Papa❤😭🙏
©Keshav Kamal....✍🏻
ल

Prem Nirala

तेरे सिने में दफ्न एक ख़ामोशी इसलिए भी मुस्कुरा नहीं पाता हैं, कि ज़माना क्या कहेगा! क्या कहेगा तेरा ज़माना???? अगर ये सुनने के लिए तेरा इश् #prem_nirala_

read more
तेरे सिने में दफ्न एक ख़ामोशी इसलिए भी मुस्कुरा नहीं पाता हैं, कि ज़माना क्या कहेगा!
क्या कहेगा तेरा ज़माना????
अगर ये सुनने के लिए तेरा इश्क़ जिंदा हैं, तो वो ज़माना, तेरी काजल लगी आँखों से ढरकते लोर पोछने क्यूँ नहीं आये थे????
क्यूँ नहीं कोईं तेरी रुदन कर रही पीड़ाओं को कम कर दिया था, 
जब देहरी पर बैठकर हर साँझ तुम मेरा इंतज़ार किया करती थी!

prem_nirala_ तेरे सिने में दफ्न एक ख़ामोशी इसलिए भी मुस्कुरा नहीं पाता हैं, कि ज़माना क्या कहेगा!
क्या कहेगा तेरा ज़माना????
अगर ये सुनने के लिए तेरा इश्

SK Singhania

Firend's Happy__sunday 🏇भोजपुरी🐎 |-------------👇-------------| #Walk #कविता #SKG

read more
Firend's
  Happy__sunday
  

         🏇भोजपुरी🐎
                   
   |-------------👇-------------|

 काहे मुंह बना के जियत बानी..
माहुर घुट-घुट  पियत  बानी..

मानत बानी की दुकान
 जिनगी के,
 समस्या से भरपूर बा.

पर हँसे दी महाराज होंठवा के, 
आखिर वोकर कौन कसूर बा.


सुख दुःख के मौसम त 
आवत जात रहेला.
कबो हंसवेला त,
कबो रुलावात रहेला.


मानत बानी अपना मुड़ी पर 
किस्मत के हाथ नइखे.
पर खुद से रूठ गईल  भी 
कौनो अच्छा बात नइखे.


बस कदम बढाई,
 इ मत देखि की 
मंजिल केतना दूर बा.
हँसे दी महाराज होंठवा के, 
आखिर वोकर कौन कसूर बा.


जब होनी के अनहोनी में 
आदमी ढाल  नइखे  सकत.
जब किस्मत में लिखल 
बात के टाल नइखे  सकत,

 तब लोर बहवला से अच्छा बा,
 खिलखिला के हसल.
की मन रहे तरोताजा 
मुरझाव ना उत्साह के फसल.


ये चार दिन के जिनगी में 
कौना बात के गुरुर बा..
हँसे दी महाराज होंठवा के, 
आखिर वोकर कौन कसूर बा.


======================
#Skg
धन्यबाद
____,,,,,___/\___,,,,,____

©SK  Singhania Firend's
  Happy__sunday
  

         🏇भोजपुरी🐎
                   
   |-------------👇-------------|

रजनीश "स्वच्छंद"

सच दुनिया का। किसके सर सजता मोर पंख, किन रुधिरों में बहता बिछु डंक। विष पीए बने जो नीलकंठ, गिनती के बचे हैं ऐसे चंद। करुणा अभिनय का हिस्सा #Poetry #Truth #kavita

read more
सच दुनिया का।

किसके सर सजता मोर पंख,
किन रुधिरों में बहता बिछु डंक।
विष पीए बने जो नीलकंठ,
गिनती के बचे हैं ऐसे चंद।
करुणा अभिनय का हिस्सा है,
विनय तो बस एक किस्सा है।
आंखों से आंसू कब बहते,
बस अपनी ताक में सब रहते।
मंदिर मस्जिद का ढोंग हुआ,
भगवन भी बहरा गोंग हुआ।
तलवारों की धार अनोखी,
लोर है इसने कितनी सोखी।
वीरान पड़ी थी अपनी बस्ती,
बिन पतवार चली थी कश्ती।
खेवट रस्ता जोह रहा था,
आगे जो उसके मोह रहा था।
पथभ्रष्टा राह से विचलित था,
जो स्वार्थ लहु में विचरित था।
चालक भी रस्ता छोड़ चले थे,
पथ भी अपना मोड़ चले थे।
घनघोर घटाएं तब थीं छायीं,
मेरे आगे चलतीं परछायीं।
मैं रौशन कब हो पाया,
समय के पीछे दौड़ लगाया।
आज मैं गुमसुम होता हूँ,
बिन आंसू के रोता हूँ।
क्या सुनोगे, क्या लिख जाऊं,
बन कविता मैं अब बिक जाऊं।
सच से ही किनारा करना है,
बिना मौत ही मरना है।
मन मे छाई है कातरता,
शब्द डूब स्याही है मरता।
हर रात मैं सपने बुनता हूँ,
जाग सुबह सर धुनता हूँ।
वो सुबह कभी तो आएगी,
रंग कलम ये लाएगी।
सच लिख मैं शर्माता हूँ,
शब्दों में ही भरमाता हूँ।
कहाँ शुरू हो कहाँ हो अंत,
सच के रूप हुए जो अनन्त।
दिकभ्रमिय हुआ लिख जाता हूँ,
सिरहाने दबा कलम टिक जाता हूँ।

©रजनीश "स्वछंद" सच दुनिया का।

किसके सर सजता मोर पंख,
किन रुधिरों में बहता बिछु डंक।
विष पीए बने जो नीलकंठ,
गिनती के बचे हैं ऐसे चंद।
करुणा अभिनय का हिस्सा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile