Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सर्वेश्वर गाना Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सर्वेश्वर गाना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सर्वेश्वर गाना.

    PopularLatestVideo

Lovely Love

अधूरी सी है ये धरती तेरे एहसास के बिना, तू होता है हर कण में तेरी ही तो बंदगी से हर मुस्किल असा होती है।

©Lovely Love #सर्वेश्वर

Lokesh Late

#सर्वेश्वर सक्सेना

read more
यदि तुम्हारे घर के
एक कमरे में आग लगी हो
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में सो सकते हो?
यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में

लाशें सड़ रहीं हों
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो?
यदि हाँ
तो मुझे तुम से
कुछ नहीं कहना है।

- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना #सर्वेश्वर सक्सेना

Lokesh Late

देश कागज पर बना
नक्शा नहीं होता
कि एक हिस्से के फट जाने पर
बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें
और नदियां, पर्वत, शहर, गांव
वैसे ही अपनी-अपनी जगह दिखें
अनमने रहें।
यदि तुम यह नहीं मानते
तो मुझे तुम्हारे साथ
नहीं रहना है। #देश#सर्वेश्वर सक्सेना

Hariom Hindustani

सर्वेश्वर मंत्र #GaneshChaturthi

read more
mute video

Sandhya Jha

"सर्वेश्वर दयाल सक्सेना" #Smooth #कविता

read more
mute video

Hema Bisht

#इंतज़ार#सर्वेश्वर दयाल सक्सेना#

read more
mute video

Abhishek Pandey

#सर्वेश्वर दयाल सक्सेना #अभिषेक

read more
mute video

Vijay Yadav

#poem #सर्वेश्वर दयाल सक्सेना #nojotovideo

read more
mute video

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

त्वामग्ने धर्णसिं विश्वधा वयं गीर्भिर्गृणन्तो नमसोप सेदिम।
 स नो जुषस्व समिधानो अङ्गिरो देवो मर्तस्य यशसा सुदीतिभिः ॥

पद पाठ
त्वाम्। अ॒ग्ने॒। ध॒र्ण॒सिम्। वि॒श्वधा॑। व॒यम्। गीः॒ऽभिः। गृ॒णन्तः॑। नम॑सा। उप॑। से॒दि॒म॒। सः। नः॒। जु॒ष॒स्व॒। स॒म्ऽइ॒धा॒नः। अ॒ङ्गि॒रः॒। दे॒वः। मर्त॑स्य। य॒शसा॑। सु॒दी॒तिऽभिः॑  


हे (अग्ने) विद्वन् ! आप जैसे हम लोग (गीर्भिः) वाणियों से (गृणन्तः) स्तुति करते हुए (विश्वधा) संसार के धारण करने वा (धर्णसिम्) अन्य को धारण करनेवाले (त्वाम्) आपके (नमसा) सत्कार से (उप, सेदिम) समीप प्राप्त होवें और हे (अङ्गिरः) अङ्गों में रमते हुए ! (सः) वह (देवः) दाता (समिधानः) प्रकाशमान आप (मर्त्तस्य) मनुष्य के (सुदीतिभिः) उत्तम दानों से (यशसा) जल, अन्न वा धन से (नः) हम लोगों का (जुषस्व) सेवन करें, वैसे (वयम्) हम लोग आपके समीप स्थित होवें ॥


Hey (fire)  We like you (Giribhi:) praising from the Vyāras (Grinanyah), attaining (Visvadha) the wearing of the world or (Dharnasim) holding the other (Tvam) ​​by your (Namassa) hospitality (Up, Sedim) will come near and  Agirah:) Crying in the eggs!  (S:) He (Dev:) Giver (Samidhan:) Prakashman You (Murtasya) Man's (Suditibhi:) From the best grains (Yashsa) Water, With food or wealth (Nah) We should consume people (lust), by the way (Vyam) we  People will be located near you.

( ऋग्वेद  ५.८.४ ) #ऋग्वेद #वेद #धारणकर्त्ता #ईश्वर #सर्वेश्वर
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile