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dhammapal ambhore
मणिपूर भारतगृहाचा एक कोपरा जळु लागला आणि या गृहाचा चालक परक्या घरी पळु लागला ना गेला तो विझवाया मणिपूर कोपऱ्यात लोकशाही भारताची झाली नागडी या जगात सत्तेचा लोभी राजा, धर्माचा नशेडी करितो राजकारण हा फोडाफोडी देतो भाषणांत हा सारी ग्यारंटी आश्वासने याची सारीच खोटी सांगत फिरतो देशोदेशी विश्वगुरु हा भारत लोकशाही भारताची झाली नागडी या जगात प्रश्न याला करित नाही याचा चाटु पत्रकार सीबीआय, ईडी , आहेत याची हत्यार सोबत असले याच्या की, होतात ईमानदार जर विरोधक असले की,मंग गुन्हेगार खरंतर आशा राजांची नग्न धींड काढावी,आशी सोय हवी होती संविधानात लोकशाही भारताची झाली नागडी या जगात कितीतरी सांगायचं होतं मणिपूर साठी पण लिहिलं गेलं चुकुन या महान राजासाठी आशा चुकीसाठी मज क्षमस्व असावं तुमचं हिंदुराष्ट्र अशाच कोपर्या कोपर्याच्या आगीवर उभं व्हावं आणि तुम्ही मुडदे होऊन राहावं या देशात ©dhammapal ambhore मणिपूर
Vaibhav Maid
चित्रफिती त्या बोलू लागल्या मग मशाली पेटू लागल्या, घडताना अपराध अघोरी का नाही घडले बंड..? विवस्त्र करूनी त्या मातांना कशी काढली धिंड? धार गेल्या कायद्यांनी लढावे कुठवर न्यायासाठी, ठेचूनी मारा चौकात त्यांना बांधूनी घाला साखळदंड.. विवस्त्र करूनी त्या मातांना कशी काढली धिंड? ..✍️ वैभवकुमार (अनुभव) २५ जुलै २०२३ ©Vaibhav Maid निषेध मणिपूर घटनेचा
Manavazhagan
४ मे २०२३. ज्या दिवशी मणिपूरमध्ये मानवी श्वापदांनी तीन महिलांना नग्न केले, परेड केली आणि त्यांच्यावर बलात्कार केला. भारतासाठी काळा दिवस. भारतातील सर्व मातांसाठी काळा दिवस. भारतातील सर्व भगिनींसाठी काळा दिवस. भारतातील सर्व किशोरवयीन मुलींसाठी काळा दिवस. भारतातील सर्व तरुणांसाठी काळा दिवस. भारतातील सर्व प्रौढांसाठी काळा दिवस. जगातील सर्व भारतीयांसाठी काळा दिवस.. भारताला जागतिक पटलावर पुढे आणू इच्छिणाऱ्या प्रत्येक भारतीयाच्या स्वप्नाला तडा देणारा दिवस. का? माझ्या प्रिय बंधू आणि भगिनींनो विचार करा आणि आपले मत मांडा. ©Manavazhagan ४ मे २०२३. ज्या दिवशी मणिपूरमध्ये मानवी श्वापदांनी तीन महिलांना नग्न केले, परेड केली आणि त्यांच्यावर बलात्कार केला.#latestnewsmarathi #newsm
Vikas Sharma Shivaaya'
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मां दुर्गा का स्वरूप: माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है-नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है- इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है..., बीज मंत्र : ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’ लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं- ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं..., मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है-इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है-इनके दस हाथ हैं- इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं- इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है..., श्लोक: पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता || Affirmations: 61.मेरी आय निरंतर बढ रही है..., 62.मेरे पास अनंत संभावनाएं हैं.. , 63.मै स्वयं को वतॅमान में पूणॅतया प्रेम करता हूं.. , 64.मै अपने आंतरिक शिशु को प्रेम से गले लगाता हूं..., 65.मै प्रतिदिन कुछ नया सीखता हूं.. , बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल
Divyanshu Pathak
4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन का पोषण , माता चन्द्रघण्टा (7) से सृष्टि के कौतूहल और चमत्कारों के रुप में दर्शन कर चुके हैं। आज देवी दर्शन का चौथा दिन है दुर्गे मैया के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहते हैं।वे ऋतुओं की स्वामिनी हैं और हमारे देश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहाँ 6 ऋतुयें होती हैं। ऋतुओं के अनुसार मुख्य फ़सल भी 6 ही हैं। सनातन परंपरा के अनुसार शास्त्रों को षड्दर्शन ( सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, पूर्व-मीमांसा और उत्तर मीमांसा ) कहते हैं। भगवान सूर्य की उपासना भी छठ को की जाती है। शिशु को प्रथम बार दुग्धपान छठवें दिन कराया जाता है।छठी का दूध याद दिलाने का तात्पर्य भी यही है। हमारे शरीर में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास छठी इन्द्रिय से ही होता है। हीरे की आकृति भी षट्कोण वलय होती है। इंद्र के वज्र में भी 6 कोण हैं।योग और उपासना में भी षट्चक्रों ( मूलाधर, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्ध और आज्ञा ) का विशेष महत्व है। भ्रमर 6 पाँव होने के कारण षडपद कहलाते हैं। साहित्यिक कृतियों में 6 पदों वाले छंद (गीत-छंद) का ख़ास स्थान हैं। तो आओ माता कूष्मांडा के साक्षात दर्शन करते हैं। कैप्शन पढ़ें---- 4. देवी कूष्मांडा और संख्या - षष्ठ ( 6 ) --------------------------------- माता शैलपुत्री (9) आरम्भ से अनन्त, ब्रह्मचारिणी (8) अंक से जीवन क