Find the Latest Status about शीशों का मसीहा कोई नहीं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शीशों का मसीहा कोई नहीं.
Narendra Sonkar
गज़ब बाज़ीगर है कलम का मसीहा मरदूद-ए-हरम का ©Narendra Sonkar "मसीहा मरदूदे-हरम का"
✍️kumar ramesh💘
कोई किसी का नही हैं यहाँ पर,, ये आज हमने जाना हैं।। सब मतलबी हैं यहाँ पर, करते मतलब की बात हैं। साथ हैं ये बताते हैं सभी को, पर ना कोई किसी के साथ हैं। अकेले ही आये हैं हम यहाँ, और अकेले ही जाना हैं।। कोई किसी का नही हैं यहाँ पर,, ये आज हमने जाना हैं।। दिखावे की हैं ये दुनिया, हर कोई दिखावा करता हैं। हर कोई खुद को कुछ बताता है, पर वो वैसा बिल्कुल नहीं होता हैं। जब चोट लगी हमारे दिल को, तब जाकर हमने ये माना हैं।। कोई किसी का नही हैं यहाँ पर,, ये आज हमने जाना हैं।। कोई किसी का नहीं
Vickram
कोई नहीं किसी का,,,,,, परखना जरूरी एक बार अपने रिश्तों को । तुम्हें कौन कैसा है ये नजर आ ही जाएगा । ये सारे मट्टी के खिलौने मतलबी होते हैं साहब । बहुत जल्दी तुम्हें इनका पता चल जाएगा । ©Vickram कोई नहीं किसी का,,,,,,,,
Rajiv Ahinsa
करके अंधेरा तुम अपने घरों में दिया रोशनी के जलाकर तो देखो मैं दिखने लगूँगा मसीहा सभी को मेरी तरह करके जो इबादत तो देखो राजीव अहिंसा गज़लकार मसीहा
CK JOHNY
उम्र भर इक मसीहा की इंतजार करते रहे जो आके हमारी दुख भरी जिंदगी बदल सके। रब ही था वो जो आया था इनसान के वेश में आम आदमी जान हम ही उसे पहचान न सके। दिल खोल के लुटा रहा था वो दिल की दौलत कमनसीबी मेरी कि हम ही दिल खोल न सके। औंधे बर्तन में पड़ती कैसे रहमतों की बारिश उसके समझाने के बावजूद भी सीधा कर न सके। सिर्फ इनसान को मय्यसर है खुदा हो जाना लाहनत है उस पर जो इसका फ़ायदा उठा न सके। उम्र भर इक मसीहा की इंतजार करते रहे जो आके हमारी दुख भरी जिंदगी बदल सके। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 19.07.2020 मसीहा
DINESH SHARMA
मेरी नई ग़ज़ल से एक शेर मेरे मसीहा , मुझे दुआएं न दे जहर दे दे, या वक़्त पे दवाएं न दे ©दिनेश शर्मा 16.06.2019 , 00:30 AM (Midnight) #मसीहा
CK JOHNY
उम्र भर इक मसीहा की इंतजार करते रहे जो आके हमारी दुख भरी जिंदगी बदल सके। आया था वो इनसान के वेश में रब था जो आम आदमी जान हम ही उसे पहचान न सके। दिल खोल के लुटा रहा था वो दौलते मुहब्बत कमनसीबी मेरी हम ही दिल खोल न सके। औंधे बर्तन में पड़ती कैसे रहमतों की बारिश बावजूद उसके समझाने के सीधा कर न सके। सिर्फ इनसान को मय्यसर है खुदा हो जाना लाहनत है उस पर जो इसका फ़ायदा उठा न सके। मसीहा
Sächîñ Shârmä
Alone Quotes In Hindi तुम क्या जानो पीड़ा मेरी , मैं तो एक दर्द भरा अफसाना हूँ । गिर-गिर कर हर बार खड़ा हुआ, टूटे शीशों का काशाना हूँ ।। ©Sächîñ Shârmã टूटे शीशों का काशाना हूँ । #Pain #Hindi #Shayar #nojohindi #Nojoto