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Surya deep kushwaha

स्वतंत्रता दिवस पर कविता

स्वतंत्रता दिवस पर कविता

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Roohi

उत्कल दिवस पर कविता
#WritersSpecial

उत्कल दिवस पर कविता #WritersSpecial

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Kumar Saundarya

मजदूर दिवस पर एक कविता

मजदूर दिवस पर एक कविता

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Kumar Pradeep

गणतंत्र दिवस पर कविता

#RepublicDay2021

गणतंत्र दिवस पर कविता #RepublicDay2021

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santosh bhaisaniya

विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता।

विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता।

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Anurag Choursiya

।।योग::प्रकृति का अनमोल उपहार।।
जीवन में एक संकल्प करें,हम सब मिलकर योग करे,
तन और मन को स्वस्थ करे,जीवन को अपने दीर्घायु करे,

गहरी सांसों को हम ग्रहण करे,नियमित अनुलोम विलोम करे,
कपाल भाति से तन निरोग करे,भस्त्रिका कर मस्तिष्क प्रबल करे,

सभी शक्तियों का आगाज करे,बेचैन मन को हम प्रफुल्लित करे,
तन में हम अपने पैदा स्फूर्ति करे,खिलते योवन का एक श्रृंगार करे,

ईश्वर के खजाने का उपयोग करे,हम अपने दिल दिमाग सक्रिय करे,
अपने जोड़ो को हम शतायु करे,आँखों की रौशनी को हम दिव्य करे,

सूर्योदय में उठ सूर्य प्रणाम करें,ताज़ी हवा को अपने नाम करे,
ठंडे जल से सुबह जल्द स्नान करें,वेद शास्त्रो का नियमित पाठ करे,

व्यर्थ बढ़े वजन को सब कम करे,तांत्रिका तंत्र को हम मजबूत करे,
तंदुरुस्ती से जीवन खुशहाल करे,चुस्ती फुर्ती से खुशियों का मान करे,

कवि अनुराग कहे सब योग करे,स्वस्थ जीवन को अपने नाम करे,
जीवन में हम  एक संकल्प करें,आओ हम सब मिलकर योग करे,
"स्वर्णिम"अनुराग चौरसिया
रतलाम मप्र
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 योग दिवस पर मेरी कविता....

योग दिवस पर मेरी कविता....

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Neelam Agarwal

हिंदी दिवस पर कविता

#Mylanguage

हिंदी दिवस पर कविता #Mylanguage

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Dr Mahesh Kaushik

बाल दिवस पर एक कविता

बाल दिवस पर एक कविता

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gaurav chauhan

मित्रता दिवस पर वक भावुक कविता

मित्रता दिवस पर वक भावुक कविता

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Dr Mahesh Kaushik

हिंदुस्तान के माथे सजी है हिंदी
जन-जन की प्यारी बनी है हिंदी
हिंदी है मान स्वाभिमान हमारा
हिंदी है पूरे राष्ट्र की आंख का तारा
हिंदी ही है प्रेम की अविरल धारा
एकता के गीत का संगीत प्यारा
जनमानस के हृदय बसी है हिंदी।।
हिंदी हम सबका विश्वास है
विकास की आशा व प्रकाश है
खुशहाली का झरना बिंदास है
सप्त सुरों की माला यह खास है
 संस्कृति की प्रहरी बनी है हिन्दी।।
ऋषि मुनियों का आशीर्वाद है
ये वेद पुराणों का अनुवाद है
हिंदी की हुकूमत निर्विवाद है
हिंदुस्तानी दिलों का आह्लाद है
 गीता सी धरोहर बनी है हिंदी

©Dr Mahesh Kaushik हिंदी दिवस पर एक कविता
#Darknight

हिंदी दिवस पर एक कविता #Darknight

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surjeet singh

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष कविता

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष कविता

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Payal Goswami

मेरी स्वरचित कविता हिंदी दिवस पर।

मेरी स्वरचित कविता हिंदी दिवस पर। #poem

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kumar parth shukla

✍️✍️🌹बेजुबा है,,पर न जाने क्या क्या बयां करती है, किताबे। हमें जीने का रोज नया सलीका बयां करतीहै,, किताबे हमें संस्कार सिखाती है, किताबें। हमें सही पथ पर यह ले जाती है किताबें। हर रोज नया सबक और सबब दे जाती है,, किताबें।हमे आपस में मिलकर रहना सिखाती हैं,, किताबे।🌹🌹  कवि –
                  पार्थ शुक्ला ###❤️❤️हिंदी दिवस पर कविता

###❤️❤️हिंदी दिवस पर कविता

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चेतन घणावत स.मा.

स्वरचित कविता

©chetan ghunawat
  विश्व हिंदी दिवस पर स्वरचित कविता

विश्व हिंदी दिवस पर स्वरचित कविता

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siddhesh pathak

सच्चा शिछक

सच्चा शिछक #कविता

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Reshma Pandey

#कबिता#के#शिशक#तितलियाँ#
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Sahni

26 jan republic day हम आजादी के मतवाले,
 झूमे सीता ताने, 
हर साल मनाने उत्सव, 
गणतंत्र का महजब जाने।
 संविधान की भाषा बोले,
  रग-रग मे कर्तव्य घोले।
गुलामी की बेरिया को, 
जब रावी तट पर तोड़ा था।
 उसी अवसर पर तो हमने,
सांवीधान से नाता जोड़ा था। 
हर साल हम उसीअवसर पर,
 गणतंत्र उत्सव मनाते है। 
पुरा भारत झूमता रहता है,
 और हम नाचते-गते रहते हैं।

जयहिंद

©Sahni #26janrepublicday गणतंत्र दिवस पर जोश भरी कविता

#26janrepublicday गणतंत्र दिवस पर जोश भरी कविता #happyrepublicday

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KISHAN VERMA

हिंदी दिवस पर कविता#हिंदी मेरा सम्मान

हिंदी दिवस पर कविताहिंदी मेरा सम्मान

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ranjit Kumar rathour

पहले तू लिख तो सही
यहाँ वहां और भी कही की
लिख तो सही
जरूरी नही की कोई कविता
 बन ही जाएगी
लिख न कुछ कहानी ही सही
खुद को टटोल
नजर आस पास दौड़ा तो सही
फिर शब्दो का काफिला
बनते देर नही लगेगी
मगर शब्दो की कारीगरी
में मन लगा तो सही
जो लग गयी ये बीमारी तो छूटेगा नही
बस अंदर के जज़्बातों
शब्दो मे पिरोना
कविता बन कागज में उतर जाएगी
और बन जायेगा एक कविता
मेरी तुम्हारी उनकी और भी किसीकी
है बस लिखने की बीमारी लग जाये

©ranjit Kumar rathour
  कविता दिवस
# लिखना कविता

कविता दिवस # लिखना कविता

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Roohi

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेरी कविता

#AzaadKalakaar

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेरी कविता #AzaadKalakaar

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Anu

बिटिया दिवस के अवसर पर मेरी कविता  " बेटियां "

बिटिया दिवस के अवसर पर मेरी कविता " बेटियां "

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Instagram id @kavi_neetesh

बेटी बचाओ  
यह उजालों सी बाहखड़ी बेटियां।
देर तक खिल खिलाकर हंसी बेटियां।।
दिन की परछाई सी अचानक बढ़ी।
ना जाने कब बड़ी हुई  बेटियां।।
घर की आंगन में चिड़ियों सी चहककरी।
देखते ही देखते उड़ी बेटियां।।
मौसमों की तरह आती जाती रही।
दूर परदेस में जा बसी बेटियां।।
छोड़कर परछाई हल्दी भरे हाथ की।
सिसकियां  सिसकिया लो चली  बेटियां।।
बेटियां घर में आई हंसी गूंजती।
कहकहों की सुबह सी लगी बेटियां।।
बेटियां फूल सी बेटियां दूब सी बेटियां शुभ शगुन रोशनी बेटियां
✍️ कवि नीतेश राजकुमार गुप्ता सनातनी

©Instagram id @kavi_neetesh
  *विश्व विश्व बालिका दिवस पर कविता* :  *बेटियां*
#बालिकादिवस

*विश्व विश्व बालिका दिवस पर कविता* : *बेटियां* #बालिकादिवस #समाज

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Advocate Sandeep Solanki

दोस्तो आज से कुछ समय पहले मैंने "मजदूरों" के ऊपर एक कविता लिखी थी जिसे आज मजदूर दिवस के दिन आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूं। जिसका शीर्षक  "मजदूरी - मजबूरी" हैं। 

मजदूर मजबूर है,शरीर से चकनाचूर हैं, 
न जाने किस मंजिल की तलाश में घर से दूर है, 
मजदूर की मेहनत ही मजदूर का सुरूर हैं, 
इसी कारण अमीरों के चेहरे पर नूर है, 
फिर न जाने क्यों अमीरों को पैसे का गुरूर हैं।

मजदूर समाज का अंग है,फिर क्यों इज्जत से नंग हैं, 
हर-पल सहता रहता तरह-तरह के तंज हैं, 
मेहनत के बावजूद पैसे-पैसे के लिए तंग हैं, 
इतनी ज़िल्लत सहने के बाद भी हर-पल हमारे संग हैं।

मजदूर मजदूरी के लिए भटकता हैं,सड़को पर अटकता हैं, 
कितनी ऊंची-ऊंची इमारतों पर लटकता हैं, 
फिर भी सबकों कांटे की तरह खटकता है, 
यह दर्द साफ-साफ उसकी आंखों में झलकता है।

ना खाने को रोटी है, ना रहने को कोठी है,
ख्वाहिशें, छोटी-छोटी है,
मेहनत के दम पर, तोड़ता अपनी बोटी-बोटी है,
बस शाम को पेट भर जाए,इसीलिए सुनता खरी-खोटी है।

हर ईंट-पत्थर जोड़ता,क्योंकि वह मजबूर है,
उसे अपने हक का पैसा मिले,यही दस्तूर है,
काश हम उन्हें समझ पाते,यही हमारा कसूर है,
अगर मिले मान-सम्मान उनको,फिर वह न तो मजदूर है न मजबूर है।

©Sandeep Solanki मज़दूर दिवस पर मेरी ओर से एक कविता

मज़दूर दिवस पर मेरी ओर से एक कविता

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कवि प्रभात

नहीं आये कविताई,कवितायेँ मगर लिखता
सृजन हो चाहे जैसा भी, कोशिश मैं यही करता
जतन करते कई साहित्य में, दमके सितारों से
यही चाहत इसी कोशिश, के पीछे सदा रहता

©प्रभात शर्मा कविता दिवस 
#WorldPoetryDay

कविता दिवस #WorldPoetryDay #कामुकता

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R.J...Laik Ahmed

कलम उठाकर ख़ुआब लिखता हुआ,

   भीड़ भरी  महफिल में छोटी बात लिखता हूं...!

©Laik Ahmed कविता दिवस ...

#NAPOWRIMO

कविता दिवस ... #NAPOWRIMO

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Trilokinath Sharma

World Poetry Day 21 March बहुत कुछ समाया हुआ है मेरी कविताओं में
मैने अपना दर्द छिपाया है अपनी कविताओं में
वैसे तो वो मेरे पास पास बैठती नहीं है
पर नजदीक भी आयी है मेरी कविताओं में
लोगो के लिए वो आम खास इंसान जैसी है
पर मैंने उसे रब बनाया है अपनी कविताओं में
वैसे तो मैं ज़िन्दगी में जुदाई का  ग़म झेल रहा हूं
पर मैंने जश्न मनाया है अपनी कविताओं में
सपने भी मेरे है गहरी रात जैसे
पर मैंने चढ़ता हुआ सूरज दिखाया है अपनी कविताओं में
वैसे तो उसने चिट्ठी पत्र भेजा नहीं
पर उसका कई बार खत आया है मेरी कविताओं में।।
✍️त्रिलोकीनाथ विश्व कविता दिवस।

विश्व कविता दिवस।

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गुड़िया तिवारी

Autumn विश्व कविता दिवस

कविता गीत है संगीत है
कवि की है साधना।
कविता कवि का स्वर है
कविता कवि की आराधना।

भावों का एहसास है कविता
शब्दों की है संरचना
विचारों का विन्यास है कविता
और कवि की कल्पना।

कविता कवि की रचना
पद्य की है अल्पना।
कविता कवि की नजरों से
अनदेखी पहलुओं की परिकल्पना।

कविता प्रकृति का अनुराग है।
कविता कवि को मां वरदा का वरदान है।
कविता रंग है कविता तरंग है।
कविता कवि के जीवन में सत्संग है।

✍️गुडिया तिवारी

©गुड़िया तिवारी
  #autumn #कविता दिवस

autumn कविता दिवस

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