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shyam
दिल की जमीं पर, सपनों के हजारों काँच तोड़ गए। बड़ी महोब्बत से पहनाया था जिसकी उंगलि में अंगूठी देखो वो ही हाँथ छोड़ गए। :-श्याम कवि रामकृष्ण नेताम vinodsaini
shyam
Haaye Mai Marjaavaan उसने पुछा इश्क के आग मे जलने का मज़ा क्या हैं, हमनें हस कर कहा तुम्हे देखने के बाद इसके सिवा हमारे पास बचा क्या हैं। pooja negi# vinodsaini suman# कवि रामकृष्ण नेताम
shyam
मिल कर बिछड़ना ,बिछड़कर कर तड़पना, तड़प कर मिलना और मिल कर सांथ चलना। कुछ और नही सब किस्मत की बात हैं। हम जीते तो हैं अपने लिये पर मरेंगे किसपर ये तय करते एक दूसरे के जज्बात है। :-श्याम कवि रामकृष्ण नेताम Ghanshyam Sonker $ubha$"शुभ" vinodsaini suman#
कवि-सोनु नेताम माया
चुनई के बेरा नजदीक आवत हे, #वोट_देहूं_अपन_मनके रचना सादर प्रस्तुत!! सोनु नेताम माया
shivangi thakur ♥️
164 क्षत्रिय- राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावली सूची हिंदी में https://www.mystatuses.com/2020/05/rajputgotralisthindime.html
shyam
#RIPPriyankaReddy नारी के अपमान का ये,अपराध क्षमा के योग्य नहीं। जड़बुद्धि का परिचय हैं,ये कोई कलियुग का संयोग नहीं। हे नारी! न कर विलाप,अपनी दिनहिन अवस्था का। विध्वंश हुआ जीवन तेरा,कुछ गया नही इस सत्ता का। न्याय कर स्वयं से तू, कमजोर नहीं तू शक्ति है, नौ महीने ईश्वर को भी अपनी कोख मे रखतीं हैं। बहोत हुआ अक्षम्य कर्म,अब जड़बुद्धि पर प्रहार करो, शीशहिन करके दुस्टो का, इनपर एक उपकार करो। :-श्याम कभी कभी #दण्ड ही #दया होती हैं जो लोग ऐसी मानसिकता के शिकार हैं उनके लिये यही होना चाहिए। कवि रामकृष्ण नेताम bickeymandal Dev Ratna vinodsai
कवि-सोनु नेताम माया
देशबंधु ई-पेपर मड़ई एतवारी २४ नवंबर २०१९ रविवार अंक म प्रकाशित होय मोर रचना #बिहनिया_के_कुनकुना_जाड़ बहुत बहुत आभार संपादक महोदया सुधा दीदी
कवि-सोनु नेताम माया
#नानपन_के_सुरता भाग-३ रचना के सिरजन आप सबो ल परोसत बांटत हवं रचना ल पढ़हे के बाद आप सबो ल अपन नानपन के सुरता, नानपन म बिते दिन के सुरता देवा
shyam
स्कूल और बेंच ये वो दौर था जब हम भी प्यार करते थे, प्यार क्या होता हैं ये हमें मालूम भी नही था। दिल शीशे सा साफ़ हुआ करता था मेरा, पर ये कम्बखत इतना मासूम भी नही था। किसी की खुमारी कुछ ऐसी चढ़ी थी, की परीक्षा में बैठ कर भी उन्हे एकटक निहारा था। लिखा कुछ नही था जवाब में प्रश्नों के, उन्ही प्रश्नों को दोबारा उत्तर मे उतारा था। 3 घण्टे तक उस दिन उन्हे लगातर देखा था, और 3 घण्टे तक उस बेंच पर सिर्फ उसका नाम लिखा था। :-श्याम dosto.....ye koi kahani ya nazm nahi hai...ye hakikat me hua h mere school time me uska naam "R"se Suru hota h mi 3 ghante me pura banch bha