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Radheshyam
रास रचाएँ, मोहन रसिया मेरा मन, मन बसिया, हैं मेरा सांवरिया पूनम की रात में, चांदनी हैं बात में बनसी बजाएं सांवरिया.... गवालिन, गोपिन दूर-दूर से धुन बनसी सुन, चली-चली आए नाचे, बजाए मोहन संग सब प्रेम गीत गाए, राधा भी धुन सुन के आए, पत्ता-पत्ता इस मधुबन का, नाच रहा हैं मोहन मन का, थिरक रहें हैं फूल यहाँ के, नाच रहे सब मोहन मन का, भूल गए सारी बातें, एक हुए पास आते राधा श्याम की हो गई, कैसे समझ ना पाते, एक हुए पास आते.... ©Divyanshi Triguna "Radhika" #NojotoHindi #मोहन रसिया
Shankar kamble
ऋतू आला चैतन्याचा गंध दरवळे ओला साज शृंगारली धरा लपेटून गर्द शेला सर वेडी श्रावणाची क्षण येते क्षण जाते पाठशिवी ऊन छाया उलगढे गूढ नाते पानोपानी ती नवाळी हिरवाई माखलेली सप्तरंगी इंद्रचापी महिरपी रेखलेली श्रावणात सृष्टी न्हाली अंकुरले मातीपोटी बीज आशेचे कोवळे स्वप्नं रेखते ललाटी हर्ष उल्हास मनाला नवी मिळते उभारी मांगल्याचे, नाविन्याचे सजे तोरण हे दारी भूल पडली देहाला सारा सुखद सोहळा मनीं झूले आठवांचा मधू सूरम्य हिंदोळा ©Shankar kamble #श्रावण #श्रावणमास #पाऊस #श्रावण_सर #श्रावणधारा #श्रावणी_सोमवारी #श्रावणातील #पाऊसाततुझीआठवण
काव्यात्मक अंकुर
श्रावणधारा हसणं तुझं जगणं माझं धडधड हृदयातली वाढू दे स्पर्शाने तुझ्या मोहाने माझ्या मिलन दोघातले घडू दे ओली माती, हिरवं रानं प्रेमाच्या स्पंदनाने श्रावणधारा कोसळू दे ©अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #श्रावणधारा #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #rain #Love #marathi #lovequotes #writeaway #wordporn #nojotomarathi
Rajpoot Naman singh
आज अवध में गली -गली कुछ ऐसी रंग बिरंगी, दशरथतनय लिए पिचकारी नगर हुआ हुडदंगी। पूंछो तो रघुराई से कि रगं चढा यह कैसा? पीतांबर जो अमलतास सो मुख हो टेसू जैसे। नील पीत औ' लाल हरित सा अंबर और अबीरा। राम बजावै ढोल ताल दे और लखन मंजीरा ।। वैसे तौ खेलें सब होरी पर आगे रघुवीरा। चारों ओर गूंज हैं बम- बम, जोगीरा- जोगीरा। । ©Rajpoot Naman singh अवध में होली रे रसिया #holi2021
Deepanjali Patel (DAMS)
होली का है त्यौहार आया, भर कर पिचकारी, देखो गोविंद आया, भोली-सी है वृषभान दुलारी, उनको रंगने, देखो हमारा छलिया आया, प्यारी किशोरी जू ने फिर लठ उठाया, भगा-भगा कर फिर सब ग्वालों को खूब दौड़ाया, हाथ न उनके पर गोपाला आया, बांध के फेटा, फिर गोविंद ने धमाल मचाया, फूलों की पिचकारी लेकर, बांध कमर में बंसी लाया, प्रेम रंग की लीला कर, सबको प्रेम रंग में डुबोने आया, ढूँढ-ढूँढ फिर सब सखियन को गुलाल लगाया, नटखट मेरे कान्हा ने अपनी राधा संग ये त्यौहार मनाया।। ।।राधे-राधे।। ।।होली के रसिया की जय।। ।।नन्दकिशोर-वृषभान दुलारी की जय।। ©dpDAMS #Colors ।।होली के रसिया की जय।।
Sooraj Garg
तेरे इंतजार में नित बरसे ये अंखियां तेरी बोली सुनने को तरसे ये कनिया जल्दी आजा जल्दी आजा अब तू ओ मेरे मन बसिया मेरे रंग रसिया ©Sooraj Garg ओ मेरे मन बसिया ओ रंग रसिया