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Rj shalini prajapati
खाटी भोजपुरी ई तोहार मने मने मुस्काइल हमरा बुझात नईखे, ई तोहार आखिया👁️के इशारा हमके बुझात नईखे, ई जवन तोहरा दिलवा में प्यार दिखता हमके, ओहके जुबनवा पर लियावत काहे नईखू, ©Rj shalini prajapati खाटी भोजपुरी #Love
Sonakshi Writes
जब बिना बात के ही कुछ लोग मेरे काम से मेरी काबिलियत से जलते अंदर से दिल की आवाज आती है भगवान हे कहा रे तू ©Sonakshi Writes भगवान हे कहां रे तू
Jitu Redium art
वह बहुत जोर से चीख़ी थी चिल्लाई थी पर उसकी आवाज अर्श तक नहीं पहुंच पाई थी हिम्मतवाली थी पर इतने हैवानों से लड़ नहीं पाई थी आखिर वह अपनी अस्मत दरिंदे से नहीं बचा पाई थी । आवाज़ पहुंचती भी कैसे ? वह सातवें आसमान पर जो रहता है अपनी मर्जी से ताकता और झांकता है । आज भी तो उसकी वही आवाज थी जो तेरे भजन गाने में निकलती थी वही करुणा थी जो तुझसे दुआएं मांगने में बरसती थी । आज जो पेशानी जलाई गई वही तो तेरी बारगाह में झुकती थी यह वही मस्तक था जो तेरे मंदिर में झुकता था । आज भी वही हाथ तेरी तरफ उठे होंगे जिसने तेरे दर पर घंटियां बजाईं और तेरी तसबियां पढ़ी । अपनी खुशनुमा जिंदगी के लिए उसने तेरे रोज़े भी रखे थे दुखों के वार से बचने के लिए सोमवार शुक्रवार व्रत भी रखे थे । लुटी अस्मत के साथ तेरा विश्वास भी बिखरा पड़ा है हे ईश्वर तू आंखें बंद किए कौन से कोने में खड़ा है । जाग जा वरना तेरा नाम सिर्फ पन्नों में सिमट जाएगा कुछ आस्था और अक़ीदा जो ज़रा बचा है जल्द ही वह भी मिट जाएगा । . . . . . . . जितू . . . . . . ©Jitu Redium art भगवान् हे कहा रे तु #vacation
Manesh kumar
लोग बदलते है वक्त के साथ पर आपने लोग बरोसा नाही ©Manesh kumar साच् खाटी होती है #Thoughts
Amrut Sonwane
The world is all selfish and nobody here जग हे सारे स्वार्थी रे..... कोणीच नाही इथे कोणाचे
JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
छत्तीसगढ़ी गीत रंग मोर पिरित के गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के, बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के, का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।। की होगे हंव तोरे दीवाना..। लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के, आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के, का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।। की बना डारे मोला अपन दीवानी..। देखंव जब जब मैं आईना तिहि नज़र आये, मया के छांव म सुघ्घर उमर गुजर जाये.. नई हे जगह दिल म त तोर नज़र म रही लेंहूं, तोर संग म न सही मैं तोर ख़्वाब म रही लेहूं .. ।। 2 ।। धड़कन तोर जिनगी के हर किस्सा हे मोर, तोर संग रूह से रूह तक के हर रिश्ता हे मोर, का मोहिनी हे तोर रूप म रानी नयना बेकाबू हो जाथे ओ, घेरी-बेरी देखेबर तोला तोर तीर-तीर म आथे ओ ।। 2 ।। गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर पिरित के, बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के, का जादू डारे वो, का मोहनी खवाये वो ।। 2 ।। की होगे हंव तोरे दीवाना । लेवय रे नाव तोर कोयली मोर मन के, आसे बंधागे रे जंवारा हरसो तोर संग के, का मंतर चलाये रे, काबर भरमाये रे ।। 2 ।। की बना डारे मोला अपन दीवानी । #छत्तीसगढ़ी_गीत #गढ़ाये हे मैना रे रंग मोर #पिरित के, बरसत हे बदरा रे सावन तोर पिरित के, #jainesh_kumar #love #poetry #chhattisgarh #chha
JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
छत्तीसगढ़ी गीत छत्तीसगढ़ के टुरी तैं छत्तीसगढ़ के टुरी कर लिहे दिल मोर चोरी अपन पाछु घुमाके मोला दीवाना रे बनाये ।। 2 ।। कमसिन जुवानी तोर सोला साल के हां. हां सोला के गोरी तोर जवानी हे भारी कमाल रे रेंगें तैं रददा बवाल चाल रे ।। 2 ।। तैं छत्तीसगढ़ के टुरी कर लिहे दिल मोर चोरी अपन पाछु घुमाके मोला दीवाना रे बनाये कमसिन जुवानी तोर सोला साल के हां. हां सोला के गोरी तोर जवानी हे भारी कमाल रे रेंगें तैं रददा बवाल चाल रे ।। 2 ।। ह्म्म्म... पिरित आगी के नदिया हे नदिया म कूद जाहूं तोला रे छत्तीसगढ़ के गोरी अपन सजनी रे बनाहूं तैं सुनतो वो जानेजना दिल तोर रे दीवाना मोला छोड़ नई जाना काबर करथस वो बेगाना ।। 2 ।। मैं तो सब जानो तोर चाल रे हां हां तोर चाल रे गोरी तोर जवानी हे भारी कमाल रे रेंगें तैं रददा बवाल चाल रे ।। 2 ।। ह्म्म्म... चांद जईसे चेहरा तोर झील जईसे नैना तोर मधुर मुस्कान ले उड़ा जाथे रे मोर चैना तोर उमर 16 साल तोर हिरनी जइसन चाल तोर गोरा गोरा गाल मोला करे रे बेहाल ।। 2 ।। जबले तैं आये होगे हंव मालामाल होगे हंव मालामाल गोरी तोर जवानी हे भारी कमाल रे रेंगें तैं रददा बवाल चाल रे ।। 2 ।। तैं छत्तीसगढ़ के टुरी कर लिहे दिल मोर चोरी अपन पाछु घुमाके मोला दीवाना रे बनाये ।। 2 ।। कमसिन जुवानी तोर सोला साल के हां. हां सोला के गोरी तोर जवानी हे भारी कमाल रे रेंगें तैं रददा बवाल चाल रे ।। 2 ।। #छत्तीसगढ़ी_गीत #jainesh_kumar तैं छत्तीसगढ़ के टुरी कर लिहे दिल मोर चोरी अपन पाछु घुमाके मोला दीवाना रे बनाये ।। 2 ।। कमसिन जुवानी तोर सोला
Subhash Suman
हाय रे करोना करोना की बीमारी हैं बेजुबानी, कहीं कहासुनी कहीं हैं मनमानी, बीते दिन बीते है कई महीनो, फिर भी ना रुकत है, ये करोना के खबरियों, बितल बा फगुआ, बितल वैशाखी अब बीते के हा आषाढ़ ,का होई अभी भी ना मालूम बा, ना कूछो पता बा, सब के भईल बा कैसन कैसन स्थिति, " सुरुए से कैलन मदद सबों के, एक ही बनके सबो के मसीहा " नाम ह उनका "सोनू" काम करेलन "शुद्ध" तब से लेकर अब तक करते रहल बहुत पुण्य! धन्य हैं, वो भगवान् धन्य है, जिनके वो कर्म सदा करिए ये कर्म भगवान भी रखिए उनको सरल और संगम, मानवता के ये है चिनाहत्सी और सब उसके मूरत, ना जाने कब जागे और कोई मधुर सुदन ।। सुभाष सुमन ©Subhash Suman हे रे कोरोना! #Nojoto #nojotopoetry #Poetry #coronapoetry #SonuSood #writer #Trees