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R N Vishwakarma
तुम परिंदों से ज्यादा तो नहीं हो आजाद। शाम होने को है अब घर की तरफ लौट चलो ©R N Vishwakarma उड़ता पंछी #MusicLove
i_m_charlie...
खुले आसमान में उड़ने का दिल करता है, पर जिम्मेदारियोंने पैर बांध रखे है। ©i_m_charlie... #TiTLi पंछी बनू उड़ता फिरू मस्त गगन में
Himanshu Prajapati
एक उड़ता हुआ पंछी हूं सुहानी सी सफर में आसमानों के पार जाना है इस कठिनाई के डगर में...! ©Himanshu Prajapati एक उड़ता हुआ पंछी हूं मैं #NatureLove #hpstrange
meena mallavarapu
भोर का पंछी भोर का पंछी न जाने क्यों आज उदास कर गया वह चहक जो मन को भाती थी आज क्यों आंखें कर गई नम परिन्दों के झुंड उड़ रहे हैं पंख फैलाए आता है ख़याल मन में इस झूंड में से गर छूट जाए पंछी एक मुड़ कर शायद ही देखेंगे बाकी है ज़िन्दगी की रीत यही है उसूल यही परिपक्व मन उदास क्यों हो इस सच्चाई से! भोर का पंछी # कविता
तन्हां अजनबी...
स्कूल और बेंच न छोरियो में कोई intrest था, न पढ़ाई का जज्बा था.... बस दो-चार कमीने दोस्त थे, और Last bench पर कब्जा था... #विचार #कविता #nozo #शायरी... #पंछी
एहसास
पंछी हूं एक मैं नादान तेरी हर दुनिया से अनजान नन्ही सी है मेरी जान प्यार से मिलो तो हो पहचान मुझे चाहिए दाना पानी तुम्हे सुननी मेरी वाणी बोली कि मैं हूं रानी गुनगुनाती रहूं डाली डाली हूं मैं भी दुनिया में सताई जाती घोंसले से निकाल पिंजरों में बन्द की जाती ना कैद करो मुझ को उड़ने दो छूने दो नभ को मुंडेर पर सबकी मैं गुनगुनाती घरौंदे में तेरे खुद घोसला बनाती मेरी बोली से चहचहाती तेरी सुबह शाम है भोली सी मैं नन्ही सी मेरी जान है पंछी बनूं उड़ती चलूं मस्त पवन में #पंछी #nojotohindi #poem #shayari # कविता
HàppY ujjwaL
भोर का पंछी कोलाहल करते गुजरता है हमारे छतों के ऊपर से हमसबों से कहता है उठो चलो ,तुम भी निवाले की खोज में उठो उठकर काम करो भोर का पंछी उड़ता है एक झुंड में संदेश देता है इंसानों को एकता से मिलजुल रहा करो जीवन का संदेश देता सुबह सुबह नमस्ते करता जैसे दिन खुशनुमा कर जाता है भोर का पंछी #Panchi #भोर का पंछी #मेरी कविता #happyujjwal
Ravi
"बाल कविता" ओ पंछी-ओ पंछी तुम जल्दी उड़ न जाना, बड़े दिनों के बाद हो आये कहाँ गये थे बिन बतलाये, कुछ पल मेरे पास बिताना तुम न मुझको और सताना, डाल- डाल पर कूदो तुम पात-पात से खेलो तुम, पँखों को तुम खूब पसारों मुझको भी अब रोज निहारो, छोटे-छोटे तिनके चुन लाना अपना घर तुम यहीं बनाना, मन मेरा तुम पावन करना तन मेरा तुम सावन करना, मुझको भी राहें दिखलाना अब दूर कहीं न मुझसे जाना। "बाल कविता" #Nojoto_Hindi #Nojoto #पंछी #बाल_कविता #बड़े_दिनों_के_बाद