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Sanjana jain
तेरे संग में जीने की चाह ने मुझे तेरे इतने करीब ला दिया ऐसा लगता है जैसे मैं हूँ तेरी प्रेमिका और तू है मेरा प्रिया¡ संजना जैन प्रिया
PRIYA SINHA
Priya Vachhani
हैरान हूं देख आज, कैसे वो इतनी ज्ञानी हो गयी कल की छोटी सी मेरी गुड़िया आज सयानी हो गयी यह ठीक है , वह गलत मुझे बताती है जब भी कहूं आने को, सौ बहाने गिनाती है बाई नहीं आई, सासू माँ को कैसे अकेला छोडूं पति भी परेशान होंगे, मैं कैसे आने का सोचूं हां आप लोगो की याद आ रही है,मुझे भी आना है यह कह मेरा भी मन रखने लग गयी कल की छोटी सी मेरी गुड़िया आज सयानी हो गयी डर था ससुराल से काम न करने की शिकायतें न आएं माँ ने क्या सिखाया है, ये कहीं वो सुनने न पाए पर सासू माँ उसकी तारीफ करती रहती है देखो आपकी बेटी मुझे काम करने नही देती हर बार मुझहसे वो ये कहती रहतीं है दामाद जी भी उलहाने देते हैं, मम्मी आप इसे समझाओ ये आराम ही नही करती, ये कहते रहते हैं कामवाली पर सब कैसे छोड़ दूं, आज वो ये कहने लग गयी कल की छोटी सी मेरी गुड़िया आज सयानी हो गयी देखो मम्मी ये बनाया है, देखो मम्मी आज वो बनाया है भेज व्हाट्स एप्प पर फ़ोटो वो मुझे दिखाती है, आपको तो लगता था मुझे खाना बनाना नही आता कह कहकर अब वो मुझे चिढ़ाती है कल तक उँगली कटने पर बेहोश होने वाली आज हाथ जलने पर भी थोड़ा सा ही है कहती है अभी काम तो निपटा लूं, बाद में देखूंगी कहती रहती है भर आँखों में नीर कहती देखो आपकी बेटी सयानी हो गयी हैरां हूं देख आज, कैसे इतनी ज्ञानी हो गयी कल की छोटी सी मेरी गुड़िया आज सयानी हो गयी प्रिया #बेटियां #प्रिया
Rajesh kumar shastri
चाह भई,फिर चाह मिली, चाह भई ना जीवन की, चाह-चाह करके चाह बनी, फिर भी चाह रह गई जीवन की । ©Rajesh kumar shastri मेरी प्रिया
संगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #16. (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी