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Shiv Narayan Saxena
मनुष्य को अपने जीवन में ईश्वर से अकसर शिकायतें रहती हैं और बड़ी सरलता से वह इनका दोष ईश्वर पर ही मढ़ भी देता है. जबकि, वास्तव में ऐसा मनुष्य का अपने आप को समझ पाने में असफल रहने के कारण होता है. सच तो यह कि मनुष्य का इस विषय पर गंभीरता से चिंतन करना बहुत ज़रूरी है. ©Shiv Narayan Saxena मनुष्य की पहचान?
Ashutosh Singh yadav (Prince)
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 मनुष्य अकेला आया था ।🌼 मनुष्य अकेले चला जाएगा ।।🌼 डाक्टर भी कुछ ना कर पाएगा ।🌼 अन्त समय जब आएगा ।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हौसला का जज़्बा ।🌼 किस्मत की लकीरों को बदलेगा ।।🌼 लकीरों को बदलने से।🌼 ये किस्मत भी ना रोक पाएगा।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 कुम्भ मे डूबकी लगाकर ।🌼 कुछ हासिल ना हो पाएगा।।🌼 मक्का भी जाकर ।🌼 पुण्य ना मिल पाएगा ।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 किस्मत को तुम छोड़ो भागो।🌼 आगे तुम कुछ कर के दिखा दो।।🌼 मनुष्य की वास्तविकता
Sh k
*मनुष्य का फितरत * प्रार्थना —करते वक्त समझता है की भगवान देख रहा है निंदा– करते वक्त ये भूल जाता है पुण्य– करते वक्त समझता है की भगवान देखा रहा है पाप– करते समय ये भूल जाता है दान – करते समय समझता हैं की भगवान सबमें बसता है चोरी– करते हुए ये भूल जाता है प्रेम– करते हुए ये समझता है की पूरी दुनिया भगवान ने बनाई है नफरत– करते हुए ये भुल जाता है और फिर भी मनुष्य अपने आपको बुद्धिमान समझता है ©Shailendra Kumar मनुष्य की सोच
Ashutosh Singh yadav (Prince)
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 मनुष्य अकेला आया था ।🌼 मनुष्य अकेले चला जाएगा ।।🌼 डाक्टर भी कुछ ना कर पाएगा ।🌼 अन्त समय जब आएगा ।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हौसला का जज़्बा ।🌼 किस्मत की लकीरों को बदलेगा ।।🌼 लकीरों को बदलने से।🌼 ये किस्मत भी ना रोक पाएगा।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 कुम्भ मे डूबकी लगाकर ।🌼 कुछ हासिल ना हो पाएगा।।🌼 मक्का भी जाकर ।🌼 पुण्य ना मिल पाएगा ।।🌼 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 किस्मत को तुम छोड़ो भागो।🌼 आगे तुम कुछ कर के दिखा दो।।🌼 मनुष्य की वास्तविकता
MOHAMMED AKRAM
'जो छोटी सोच वाले मनुष्य होते हैं, वो बुराई करते हैं, जबकि प्रभावशाली और बड़ी सोच वाले व्यति की प्रवृति तो माफ करने की होती है। " ©MOHAMMED AKRAM मनुष्य की प्रवृत्ति
Jitendra Kumar Som
मनुष्य की कीमत लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पु noछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है ?” पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये. फिर वे बोले “बेटे एक मनुष्य की कीमत आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.” बालक – क्या सभी उतना ही कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं ? पिताजी – हाँ बेटे. बालक कुछ समझा नही उसने फिर सवाल किया – तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यो है? किसी की कम रिस्पेक्ट तो कीसी की ज्यादा क्यो होती है? सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा. रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा – इसकी क्या कीमत होगी? बालक – 200 रूपये. पिताजी – अगर मै इसके बहुत से छोटे-छटे कील बना दू तो इसकी क्या कीमत हो जायेगी ? बालक कुछ देर सोच कर बोला – तब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का . पिताजी – अगर मै इस लोहे से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो? बालक कुछ देर गणना करता रहा और फिर एकदम से उत्साहित होकर बोला ” तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जायेगी.” फिर पिताजी उसे समझाते हुए बोले – “ठीक इसी तरह मनुष्य की कीमत इसमे नही है की अभी वो क्या है, बल्की इसमे है कि वो अपने आप को क्या बना सकता है.” बालक अपने पिता की बात समझ चुका था Friends अक्सर हम अपनी सही कीमत आंकने मे गलती कर देते है. हम अपनी present status को देख कर अपने आप को valueless समझने लगते है. लेकिन हममें हमेशा अथाह शक्ति होती है. हमारा जीवन हमेशा सम्भावनाओ से भरा होता है. हमारी जीवन मे कई बार स्थितियाँ अच्छी नही होती है पर इससे हमारी Value कम नही होती है. मनुष्य के रूप में हमारा जन्म इस दुनिया मे हुआ है इसका मतलब है हम बहुत special और important हैं . हमें हमेशा अपने आप को improve करते रहना चाहिये और अपनी सही कीमत प्राप्त करने की दिशा में बढ़ते रहना चाहिये. ALL THE BEST.मनुष्य की कीमत लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पु noछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है ?” पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये. फिर वे बोले “बेटे एक मनुष्य की कीमत आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.” बालक – क्या सभी उतना ही कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं ? पिताजी – हाँ बेटे. बालक कुछ समझा नही उसने फिर सवाल किया – तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई अमीर क्यो है? किसी की कम रिस्पेक्ट तो कीसी की ज्यादा क्यो होती है? सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और फिर बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा. रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा – इसकी क्या कीमत होगी? बालक – 200 रूपये. पिताजी – अगर मै इसके बहुत से छोटे-छटे कील बना दू तो इसकी क्या कीमत हो जायेगी ? बालक कुछ देर सोच कर बोला – तब तो ये और महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का . पिताजी – अगर मै इस लोहे से घड़ी के बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो? बालक कुछ देर गणना करता रहा और फिर एकदम से उत्साहित होकर बोला ” तब तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जायेगी.” फिर पिताजी उसे समझाते हुए बोले – “ठीक इसी तरह मनुष्य की कीमत इसमे नही है की अभी वो क्या है, बल्की इसमे है कि वो अपने आप को क्या बना सकता है.” बालक अपने पिता की बात समझ चुका था Friends अक्सर हम अपनी सही कीमत आंकने मे गलती कर देते है. हम अपनी present status को देख कर अपने आप को valueless समझने लगते है. लेकिन हममें हमेशा अथाह शक्ति होती है. हमारा जीवन हमेशा सम्भावनाओ से भरा होता है. हमारी जीवन मे कई बार स्थितियाँ अच्छी नही होती है पर इससे हमारी Value कम नही होती है. मनुष्य के रूप में हमारा जन्म इस दुनिया मे हुआ है इसका मतलब है हम बहुत special और important हैं . हमें हमेशा अपने आप को improve करते रहना चाहिये और अपनी सही कीमत प्राप्त करने की दिशा में बढ़ते रहना चाहिये. ALL THE BEST. ©Jitendra Kumar Som #shraddha मनुष्य की कीमत