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Manyu Manish
मैं इस मान्यता को अस्वीकार करता हूँ कि दुनिया में जो कुछ भी होता है सब ईश्वर की मर्ज़ी से होता है, उसकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। अगर आप इसे मानते हैं तो आपको हत्यारों,लुटेरों, बलात्कारियों को ईश्वरीय इच्छा पूरी करने का माध्यम मात्र मानना पड़ेगा। अपनी अक्षमता,अरुचि, अनिच्छा, अपराध बोध, अपने कर्मों को न्यायोचित सिद्ध करने के लिए इस मान्यता का फायदा कुछ लोग उठाते हैं। @मन्यु आत्रेय #ईश्वरीय विधान???
Vidhan Mandal
कश्ती जिंदगी की कश्ती उनके भरोसे मत छोड़ना जिनसे आप प्यार करते हो। नहीं तो अंजाम टाइटेनिक जैसा होगा। #कश्ती @विधान
Ek villain
हम सभी परम पिता परमात्मा के पुत्र हैं वह हम सभी पुत्रों को समान रूप से चाहते हैं पर वह जिन्हें योग्य विश्वसनीय और इमानदार समझते हैं उन्हें अपनी क्रश शक्ति का कुछ अंश इसलिए सौंप देते हैं कि वह उसके ईश्वर उद्देश्यों की पूर्ति में हाथ बढ़ाएं धन बुद्धि स्वास्थ्य शिल्प चतुरा मनोबल नृत्य आदि शक्ति आदि ने अधिक मात्रा में दी गई है वह अधिकारी नगर अधिकारी को देकर राजा कोई पक्षपात नहीं करता बल्कि अधिकार योग्य व्यक्ति से अधिक काम लेने की नीति बढ़ता है परमात्मा भी कुछ थोड़े से लोगों को अधिक संपन्न बनाकर अपने अन्य लोगों के साथ अन्याय नहीं करता उस ने सभी को समान रूप से विकसित होने के अवसर दिए हैं वह पक्षपात करें तो फिर समदर्शी और दयालु कैसे कहा जा सकता है भोजन वस्त्र आवास तथा जीवन यापन की उचित आवश्यकताएं पूरी करने वाली वस्तुएं प्रभु प्रदाता प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेतन के समान है आलसी आकर मणि उल्टे सीधे काम करने वाले लोगों का वेतन कट जाता है और उन्हें किनी आशाओं में आभा ग्रस्त रहने को विश्वास होना पड़ता है जो परिश्रम पुरुषार्थी सीधे मार्ग पर चलने वाले हैं वह अपना उचित वेतन यथा समय पाते हैं रहते हैं इस वेतन के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की शक्तियां लोगों को जन्मजात मिली होती है यह शक्तियां केवल इस उद्देश्य के लिए होती है कि इनमें उत संपन्न कोई व्यक्ति अपने से कमजोर लोगों को ऊपर उठने में लगाया था प्रत्येक समृद्धि मनुष्य को प्रभु ने यह कर्तव्य सौंपा है कि वह अपने जो कमजोर हैं उनकी मदद करने में इन शक्तियों को क्या व्यर्थ किया जाए जैसे कि यदि कोई सुशिक्षित है तो उसका फर्ज है कि आज शिक्षित लोगों को शिक्षक का प्रचार करें कोई शक्तिशाली है तो उसका कर्तव्य यह है कि निर्मल ओं को सताने वालों को रोके धनवान के निकट धन इसलिए आम नेता के रूप में रखा गया है कि वह इसके उपयोग से विद्या बुद्धि व्यवसाय संगठन सद ज्ञान आदि का इस प्रकार नियोजन करें कि उसमें जरूरतमंद लोगों को अपनी चतुर्मुखी उन्नति कर सकें ©Ek villain # ईश्वर का विधान
Madhab
वो आए थे तब कितना खुशी था आगन में। चला गया तो कितना सन्नाटा छा गया आगन में। हम जाने नहीं देना चाहते थे उनको । पता नहीं कैसा मिला होगा आगन उनको । भगवान से प्रार्थना करता हूं कि हमसे बेहतर आगन मिलें उनको।। ©Madhab विधि के विधान
Mohan Sardarshahari
दोनों गौ वंश गायें खेत में हरा चरे बछड़े सड़क पर दिख जायें तो भी पीठ लाठी परै विधि का विधान ये देख मेरे नयन नित अश्रु ढरै।। ©Mohan Sardarshahari विधि का विधान
Madhab
किसी को अपना स्वामी के घर छोड़ना कितना दुःख होता है। वो तो बेचारे बेजुबान हैं उसे कितना दुःख हुआ है । उससे कई गुना दुःख उसके स्वामी को होता है। वो बेजुबान जिसे देखते हैं - जिसे सुनते हैं उसे अपना स्वामी मानते हैं ©Madhab विधि के विधान
manoj solanki boddhy
गुप्त सूत्रो से संकेत *RSS प्रमुख मोहन भागवत* राष्ट्रपति पद के दौड़ में सबसे आगे खेल अब शुरू हो गया है क्या मायने हैं योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने के ? आदित्यनाथ कट्टर हिंदुत्व का चेहरा है। मतलब हिन्दूराष्ट्र का प्रतीक। RSS का 90 साल पुराना एजेंडा, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना। क्या है हिन्दू राष्ट्र ? मनुस्मृति के अनुसार शासन का चलाना ही हिन्दू राज है। मतलब संविधान में बदलाव और उसे कमजोर करने की और पहला कदम है आदित्यनाथ। आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे बहुत बड़ी योजना है। इससे हिंदुओं का ध्रुवीकरण होगा और मुस्लिमों,दलितों और आदिवासीयों को कमजोर किया जायेगा। आदित्यनाथ का चेहरा कट्टर हिंदुओं को एक साथ लाएगा और जोड़े रखेगा। दूसरी तरफ मोदी उदारवाद का झूठा चोला ओढ़कर हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने का नाटक जारी रखेगा। मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाया जाना इसी योजना का हिस्सा है। मोदी का यह नाटक तब तक जारी रहेगा जब तक मुसलमान, दलित और आदिवासी बिलकुल टूट नहीं जाते, बिलकुल कमजोर नहीं हो जाते। इसमें कई साल भी लग सकते हैं, कोई आजकल में नहीं होने वाला। दलित और आदिवासी आंदोलनों को ख़त्म किया जायेगा और विपक्ष को भी उभरने नहीं दिया जाएगा। आदित्यनाथ कट्टर हिंदुओं को BJP के साथ जोड़े रखने के काम आएगा और मोदी विकास के नाम पर बचे लोगों को अपने साथ जोड़कर BJP को सबसे शक्तिशाली बनाने का काम जारी रखेगा। वैसे यह सिर्फ एक दिखावा होगा, लोगों को मूर्ख बनाये रखने के लिए कि यहाँ लोकतंत्र चल रहा है, लोग अपने वोट से BJP को चुन रहे हैं। लेकिन असली काम करेगी EVM, जिसका उदाहरण अभी UP चुनाव में देखने को मिला। लोग सोचते रहेंगे की मुस्लिम ने BJP को वोट दिया, दलित और आदिवासी BJP के साथ हैं और पूरे भारत का साथ BJP को है। दरअसल BJP सत्ता में लोगों को उल्लू बनाकर बने रहेगी लोगों ताकि कोई बगावत ना हो जाए, लोग विरोध में ना उतर आएं। इधर दलितों को भगवान् और कर्मकांडों में उलझा कर ब्राह्मणवाद की नींव मजबूत की जाएगी, दलित और आदिवासी भी अब जमकर जय श्री राम करेंगे और राम की रक्षा के लिए जान देंगे। दलितों का इस्तेमाल मुस्लिमों को कमजोर करने में किया जाएगा। जब तक मुस्लिम टूट नहीं जाते, ख़त्म नहीं हो जाते,वोट बैंक बिखर नहीं जाता, दलित काम के रहेंगे। मुस्लिमों को कमजोर करने के बाद अगले नंबर दलितों और आदिवासीयों का आएगा। दलितों को बहुत ही चालाकी से कमजोर किया जायेगा। इसके लिए OBC का सहारा लिया जाएगा और दलितों पर जुल्म होंगे ताकि वे अपने अधिकार भूलें। दलितों और आदिवासीयों को कमजोर करने के लिए कई स्तर पर काम होगा। आरक्षण में बदलाव किये जायेंगे और प्रयास किया जाएगा कि 15-20 साल में इसे बिलकुल कमजोर कर दिया जाये। शिक्षा को आदिवासीयों और दलितों की पहुँच से दूर करने की कार्यवाही शुरू होगी और इस बात के पूरे इंतजाम किये जायेंगे की दलितों ,आदिवासीयों को कभी भी सर्वोच्च पदों पर ना पहुँचने दिए जाये। बस ज्यादा कुछ नहीं होगा इतना ही होगा की दलित और आदिवासी फिर से गुलाम जैसे हो जाएंगे। नौकरियां कम हो जाएंगी और बेरोजगारी बढ़ जायेगी। इससे गरीबी बढ़ेगी और दलित ,आदिवासी ना चाहते हुए भी गुलामी करने को मजबूर हो जाएंगे। *इस मैसेज को इतना फैला दो की आरएसएस का सपना ध्वस्त हो जाये* 🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺 *बौद्ध शक्ति पीठ द्वारा जनहित में जारी........* *जय भीम नमो बुद्धाय* *दिनेश बेगड़ डांवरा* *9660665958* # विधान रक्षक मनोज , बौद्ध