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Satya Mitra Singh

अमर्यादित टिप्पणी से व्यथित ....

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 अमर्यादित टिप्पणी से व्यथित ....

Praveen Jain "पल्लव"

#Likho तुर्क मिजाजी के शब्द संसद को अमर्यादित लगते थे #nojotohindi #कविता

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सुसि ग़ाफ़िल

बेड़ियाँ टूटेगी या फिर टूटेंगे वो रिश्ते, जो अमर्यादित कर रहे हैं स्त्री के आंचल को !

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बेड़ियाँ टूटेगी 
या फिर टूटेंगे 
वो रिश्ते, जो 
अमर्यादित 
कर रहे हैं 
स्त्री के 
आंचल 
को !  बेड़ियाँ टूटेगी 
या फिर टूटेंगे 
वो रिश्ते, जो 
अमर्यादित 
कर रहे हैं 
स्त्री के 
आंचल 
को !

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

सच्चा प्रेम तो अब किस्से-कहानियों में होता है अब कहाँ प्रेम की डोर से दो दिलों का बंधन होता है राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब अमर्यादित असामाजि #yqdidi #yqhindi #हिन्दीदिवस #yqlovequotes #aestheticthoughts #ankbyat #ATankD

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सच्चा प्रेम तो अब
किस्से-कहानियों में होता है
अब कहाँ प्रेम की डोर से
दो दिलों का बंधन होता है
राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब
अमर्यादित असामाजिक कहलाता है....
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अनुशीर्षक में पढ़ें.... सच्चा प्रेम तो अब
किस्से-कहानियों में होता है
अब कहाँ प्रेम की डोर से
दो दिलों का बंधन होता है
राधा-कृष्ण जैसा प्रेम तो अब
अमर्यादित असामाजि

yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आयुष्यात नेहमी चांगली किंवा वाईट वेळ येते. ते आपण आपल्या सोयीनुसार चांगल किंवा वाईट म्हणतो. पण वेळे #Collab #YourQuoteAndMine #yqmarathi #yqtaai #थोडावेळ

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वेळ ही कधी चांगली असते तर कधी वाईट असते,ती कधी कुठल्या रुपात चालून येईल सांगता येत नाही.
वेळ ही कधी कुणाची गुलाम नसते
तरी आपण तिला आपल्या चांगल्या वर्तनाने आपलीशी करून ठेवू शकतो.
वेळ ही नेहमी मर्यादित स्वरूपात आपल्याला भेटते तिला जर आपल्याकडे अमर्यादित स्वरूपात ठेवायची असेल तर तिची योग्य ती कदर करा.
योग्य वेळेस योग्य कार्य करून घ्या,
वेळेला थोडा वेळ दया मग बघा ती वेळ आपलीच होऊन राहील ती सुदधा चांगली वेळ म्हणूनच राहील. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
कसे आहात?
आयुष्यात नेहमी चांगली किंवा वाईट वेळ येते.
ते आपण आपल्या सोयीनुसार चांगल किंवा वाईट म्हणतो.
पण वेळे

Bramhan Ashish Upadhyay

विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन । अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।। आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्या #Poetry #India #Quote #Thoughts #माँ #Stories #father #writersofindia #wordporn #writeaway #writersofinstagram #quoteoftheday #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #writersofig #feelings #inspirationalquotes #yourquote #qotd #instawriters #igwriters #igwritersclub #yqbaba #nojotohindi #yqdidi #huminity #newwritersclub #vद्रोही

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विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन ।
अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।।
आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्यादाओं की रेखा है।
आज कचड़े के ढ़ेर में किसी ने अपने एक अंश को फेका है।।
ये वो दौर है साब जहाँ इन्सानों में इंसानियत को मरते देखा है।
ब्रम्हांड में जो स्थान सब से सुरक्षित है।
माँ रूपी अभेद्य कवच से जो रक्षित है।।
आज उस रक्षण में भी 
एक अजन्मी बेटी को माँ के कोख़ में ही ख़ुद के बाप से डरते देखा है ।।
माँ के कोख़ में ही ख़ुद के बाप से डरते देखा है।।

#vद्रोही #NojotoQuote विद्रोही अपने ही बन बैठे हैं अपनों की जान के दुश्मन ।
अँगुल भर जमीन के लिए भाइयों को लड़ते देखा है।।
आये दिन अमर्यादित हो जाती है जो ये मर्या

Pratibha Tiwari(smile)🙂

कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो, यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो। बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए

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कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट 
के रंग सजा दिए,
कुछ बात है तुम्हारे मेरी जिंदगी में भरे रंगों में,
ये रंग और रंगों जैसे नहीं हैं।
तुम्हारी बातें जो सुनती हूं सुनती ही रह जाती हूं,
 एक तुम्हारी प्रेम की राह  में ना जाने किन 
किन राहों पर भटक  आती हूं।
ये तुम्हारे प्रेम में भटकाव मेरा 
औरों के भटकाव जैसा नहीं है,
तुम्हारे प्रेम में दूब गई मै ये डूबने जैसा नहीं है।
तुम्हारे प्यार के अहसास दूरियों का अहसास नहीं होने देते,
ये मर्यादा के बन्धन पास होकर भी पास नहीं होने देते,
तुम्हारा अपार प्रेम औरों के प्रेम के उफान सा नहीं है।
तुम्हारा धैर्य की सीमा का क्या कहूं,ये तुम्हारा अभिमान
 तो नहीं है,कुछ बात है कि
मर्यादित औरों जैसा  अमर्यादित नहीं है।
___Satyprabha💕.....My Life ✍ कुछ बात है तुममें तुम औरों जैसे नहीं हो,
यूं मेरे गैर होकर भी तुम गैरों जैसे नहीं हो।
बरसों से सूखे होंठों पर तुमने खिलखिलाहट कर रंग सजा दिए

Nitesh Prajapati

केवल सहभागिता हेतु। 🌺 यह पोस्ट रचनात्मक कौशल और अभिव्यक्ति हेतु है। यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। 🌺 सहभागिता के द्वारा लेखन/रचना कौशल में #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #YourQuoteAndMine #yourquotebaba #restzone #collabwithहृदय_अभिव्यक्ति #हृदय_अभिव्यक्ति_रचनाकौशल

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शाम ढलती है, सूरज छिप जाता है,
रात का समा खिलता है,
चाँद भी हल्की हल्की रोशनी बिखेरता है,
कहीं कोई हसीन गुफ़्तगू करता है,
तो कहीं कोई तकिये संग रोता है। 

चाहे दिन भर रखो कितना भी व्यस्त खुद को, 
लेकिन रात को एक लम्हा तन्हाई का, 
तुझे कमजोर कर ही देता है, 
उस पल मैं ना चाहकर भी तू, 
सरक जाता है उसकी यादों में। 

हो जाती है आँखे नम और, 
बह जाता है अश्क का सैलाब, 
कशमकश दिल की बढ़ती ही जाती है, 
फिर भी हाथ न लगे कुछ, 
रात भी सितम गुजारती है, 
और कमबख्त सुबह भी जल्दी नहीं होती। 

-Nitesh Prajapati 

 केवल सहभागिता हेतु।

🌺 यह पोस्ट रचनात्मक कौशल और अभिव्यक्ति हेतु है।
   यह कोई प्रतियोगिता नहीं है।

🌺 सहभागिता के द्वारा लेखन/रचना कौशल में

Divyanshu Pathak

हे शक्ति स्वरूपा दुर्गे! सुर-असुर दोनों का अस्तित्व तुझसे ही है। तुझसे बलवान भी अन्य कोई नहीं। तब क्यों महिलाएं तेरे राज में असुरक्षित हैं? #गुलाब #शिक्षा #पंछी #या #शुभरात्री #पाठक #हरे

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अब तू ही बता प्रकृते!
क्यूं करे कोई तेरी आराधना?
या हमारे पापों का ही फल हम भोग रहे हैं?
तब तेरी क्या आवश्यकता रह जाएगी?
फिर तो कृष्णा के स्थान पर
कृष्ण को याद करेंगे, जो कह गए-
‘यदा यदाय धर्मस्य….’
पर यह देश आस्थावान है।
यहां संस्कृति प्रकृति का सम्मान करती है।
हम प्रतीक्षा करेंगे, हे देवी!
तू आएगी,
दु:ख और संहार से देश को बाहर निकालेगी।
आज से अगली नवरात्राओं की प्रतीक्षा करता तेरा,
ये देशवासी। हे शक्ति स्वरूपा दुर्गे!
सुर-असुर दोनों का अस्तित्व तुझसे ही है।
तुझसे बलवान भी अन्य कोई नहीं।
तब क्यों महिलाएं तेरे राज में असुरक्षित हैं?

Vedantika

क़लम और कविता का मैत्रीपूर्ण संवाद। क़लम- तुम बिन मेरे अस्तित्व का कोई औचित्य नहीं कविता- मैं भी तुम बिन अधूरी बात हैं एक दम सही कलम- तेरे स

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(क़लम- कविता संवाद)
क़लम- तुम बिन मेरे अस्तित्व का कोई औचित्य नहीं
कविता- मैं भी तुम बिन अधूरी बात हैं एक दम सही
कलम- तेरे संग जब भी मैं कागज़ पर टहलने जाती हूँ
          अपने मृतप्रायः अस्तित्व को फिर से जिंदा पाती हूँ
कविता- मेरे शब्दों में शक्ति तेरी स्याही के रंग से हैं
            वरना इन शब्दों की क़ीमत पानी के बुलबुले सी हैं
कलम- स्याही भी मेरी सूख जाए जो ना तेरा साथ हो
          फ़िर इस मतलबी दुनिया में मेरी क्या औकात हो
कविता- मेरे शब्दों का ठिकाना तुझसे ही मिलता मुझे
           कम है वो शब्द भी जिसमें धन्यवाद कहूँ तुझे
कलम- तेरे इस आभार की मैं बड़ी कृतज्ञ हूँ
          लेकिन लिखना है क्या मैं कहाँ सजग हूँ
कविता- इसमें तेरा नहीं विचारों का दोष है
            मेरे अमर्यादित शब्द भी मनुष्य का ही रोष है
कलम- तेरे शब्दों का रोष मुझसे होकर ही गुजरता है
          रुकना हैं कहाँ मुझे कोई नहीं समझता है
कविता- मेरे शब्दों में भले ही छुपा है इस जीवन का सार
            पूर्व काल तू ही हैं मेरे अस्तित्व का आधार 
कलम- तेरे शब्दों में छुपा एक नया एहसास है
          मेरे लिए तेरे शब्दों से जुड़ना जैसे एक वरदान है
कविता- तो फिर क्यों करे प्रतियोगिता एक दूसरे के साथ  
            बदल सकती हैं यह दुनिया जब हम दोनों मिल जाए साथ

 क़लम और कविता का मैत्रीपूर्ण संवाद।


क़लम- तुम बिन मेरे अस्तित्व का कोई औचित्य नहीं
कविता- मैं भी तुम बिन अधूरी बात हैं एक दम सही
कलम- तेरे स
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