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Shivakant Pandey
कोरोना भारत में जब से आफत के रूप में आई है तब से सबसे बड़ी खुशी की बात ये है सारी पार्टियां सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर इस महामारी के विरुद्ध खड़े हैं यह है भारत की एकता 🙏 एकता का प्रमाण
mohit dwivedi
"दीपक की लो से जगमगाएगा भारत हमारा, हमारी एकता शक्ति को देखेगा ये जहाँ सारा।" " रात्रि 9 बजे 9 दीप 9 मिनट तक जलाइए अपनी अखंड एकता के प्रकाश को फैलाइए " 1. पहला दीप ईश्वर से प्रार्थना के लिए 2. एक दीप वीर सिपाहियों के नाम । 3. एक दीप चिकित्सकों के नाम। 4. एक दीप भारत माता के नाम। 5. एक दीप अन्नदाता के नाम। 6. एक दीप देश की एकता के नाम। 7. एक दीप स्वयं की धैर्यता के नाम। 8. एक दीप कोरोना की जंग के सभी कर्मचारियों के नाम। 9. एक दीप कोरोना मुक्त जहां की कामना के नाम । #मोहित_द्विवेदी_एक_नन्ही_कलम एकता का दीप
Pradyumn awsthi
संगठन में बहुत ही ज्यादा शक्ति होती है संगठन के द्वारा बड़े से बड़े काम भी हो जाते हैं लेकिन बिना संगठन के तो कुछ बात ही नहीं बन पाती है। ©Pradyumn awsthi #बल,एकता का
Krishna Kumar
एकता का बल एकता का बल एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों का सरदार चिंतित था। कबूतरों के शरीर की शक्ति समाप्त होती जा रही थी। शीघ्र ही कुछ दाना मिलना जरुरी था। दल का युवा कबूतर सबसे नीचे उड रहा था। भोजन नजर आने पर उसे ही बाकी दल को सुचित करना था। बहुत समय उडने के बाद कहीं वह सूखाग्रस्त क्षेत्र से बाहर आया। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। युवा कबूतर और नीचे उडान भरने लगा। तभी उसे नीचे खेत में बहुत सारा अन्न बिखरा नजर आया “चाचा, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’ सरदार ने सूचना पाते ही कबूतरों को नीचे उतरकर खेत में बिखरा दाना चुनने का आदेश दिया। सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए। कबूतरों के सरदार ने माथा पीटा “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने मेरी अक्ल पर पर्दा डाल दिया था। मुझे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिडिया चुग गई खेत?” एक कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।” बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे, पर सरदार गहरी सोच में डूबा था। एकाएक उसने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।” युवा कबूतर फडफडाया “चाचा! साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?” सरदार बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।” सबने ऐसा ही किया। तभी जाल बिछाने वाला बहेलियां आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा। बहेलिया जाल से कुछ ही दूर था कि कबूतरों का सरदार बोला “फुर्रर्रर्र!” सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर बहेलिया अवाक रह गया। कुछ संभला तो जाल के पीछे दौडने लगा। कबूतर सरदार ने बहेलिए को नीचे जाल के पीछे दौडते पाया तो उसका इरादा समझ गया। सरदार भी जानता था कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल सहित उडते रहना संभव न होगा। पर सरदार के पास इसका उपाय था। निकट ही एक पहाडी पर बिल बनाकर उसका एक चूहा मित्र रहता था। सरदार ने कबूतरों को तेजी से उस पहाडी की ओर उडने का आदेश दिया। पहाडी पर पहुंचते ही सरदार का संकेत पाकर जाल समेत कबूतर चूहे के बिल के निकट उतरे। सरदार ने मित्र चूहे को आवाज दी। सरदार ने संक्षेप में चूहे को सारी घटना बताई और जाल काटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा। कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया। सरदार ने अपने मित्र चूहे को धन्यवाद दिया और सारा कबूतर दल आकाश की ओर आजादी की उडान भरने लगा। सीखः एकजुट होकर बडी से बडी विपत्ति का सामना किया जा सकता हैं। ©Krishna Kumar #aahat एकता का बल
स्मृति.... Monika
एक -एक दीप से दीपमाला सजेगी महामारी के नाम रणभेदी बजेगी एक दीप स्वयं के लिए, एक दीप देश के नाम अंधकार को मिटाता देता एकता का पैगाम 🌟स्मृति 🌟 #एक deep#एकता का दीप
SHIDDAT प्रकाश
आज दीपक की लौ से , सारा संसार जगमगाया है। कितने दिनों के बाद आज, हम सभी ने ,एकता का संदेश फैलाया है। धर्म, जाति- पाति से ऊपर उठकर, आज हमारा हिंदुस्तान भी , खुशियां मनाया है। लगता है आसमां से आज, खुद चांद उतरकर , इस जमी पर आया है। -@SHIDDAT प्रकाश ✍️ #एकता का संदेश ✍️🙏
Narendra Sonkar
एकता का जुनून है हमें समता का कानून है हमें हमें स्वयं पर गर्व है यारों आंबेडकर का खून है हमें ©Narendra Sonkar "एकता का जुनून है हमें"
smriti gupta
आओ मिलकर एक दिया जलाएं अपने साथ होने का परिचय दें, आओ मिलकर एक दिया जलाएं| अपने हृदय के अन्धकार को दूर कर अपने हृदय में उजाले का दीप प्रज्ज्वलित करें, आओ सब मिलकर एक दीप जलाएं| Smriti Gupta #एकता का दीप#🕯🕯🕯
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ