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हेयर स्टाइल by mv

#Diwali पर निबंध# #मीम

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Bishnu kumar Jha

फूल पर निबंध #Essay #जानकारी

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Lakhan Singh Chouhan

मजदूरों की व्यथा। #कविता #Labour_Day

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#Labour_Day सर से उनके छत उठ गई
रोजी छीन गई हाथों की,
ना रहा खाने को दाना
नींद उड़ गई रातों की।

पुलिस ने उनको मारे डंडे
और खदेड़ा सड़कों से,
सरकारों को क्या करना है
गांव के ऐसे कड़को से। 

उनकी गलती ,जो थे आए
भरने पेट वो शहरों में,
सिर पे ढोते बोझा देखो
जेठ की भरी दोपहरों में।

जूते चप्पल नहीं मिले तो
बांध ली बोतल पाओं में,
लक्ष्य एक है, कैसे भी वो
पहुंचे अपने गाँवो में।

तुमने भेजे उड़न खटोले
उन्हें बुलाया देशों में,
जो स्वार्थ के कारण भागे
भारत छोड़ विदेशों में।

मजदूरों का दर्द ना समझा
जाने क्यों सरकारों ने,
जमा रुपए भी लूट लिए
बीच में कुछ गद्दारों ने।

धन्य जिन्होंने पानी पूछा,
और दी रोटी खाने को,
पैदल ही थे निकल पड़े 
जो अपने घर जाने को। 

ठा. लाखन सिंह चौहान मजदूरों की व्यथा।

DIWAKAR RAWAT

#JalFlute. प्रवासी मजदूरों पर

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Shafiqur Rahman

कोरोनावायरस पर हिंदी में निबंध #हॉरर

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पलक यादव

. कुत्ते पर निबंध लिखना चुटकुला #स्पोर्ट्स

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Kumar Manoj Naveen

#औरंगाबाद में रेल पटरी पर मजदूरों की दर्दनाक मृत्यु # #कविता

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रोटी आदमी से जो भी कराये वो कम, 
कोरोना ने उसके भी रास्ते किए बन्द।
बेचारे मजदूर पैदल ही लौटरहे थे घर, 
पटरियों पर चल- चल के थक के हो गए थे चूर। 
पटरियों पर ही हो गए सोने को मजबूर, 
एक आँधी आयी, उन्हें ले गयी बेदर्द दुनिया से दूर।
घर परिवार के सारे सपने कर गयी चकनाचूर। 
जिस रोटी ने ये सब कराया वही पड़ी थी कुछ दूर। 
ज़िन्दगी की लड़ाई हार गए मजबूर मजदूर, 
 गरीबों के साथ ही ऐसा क्यों होता है हूजूर? #औरंगाबाद में रेल पटरी पर मजदूरों की दर्दनाक मृत्यु #

AMIT

मजदूरों की घर वापसी

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Life quotes in hindi थकने कि नहीं इजाज़त है..
               रुकने का नहीं हमको हक है,
हम तुम्हें विदा कर सोएंगे..
               जागे कितने हम बेशक़ हैं, 
इन नन्हे-मुन्ने चेहरों पर..हम हंसी सजा कर भेजेंगे,
इन सूनी-सूनी आंखों में..हम खुशी जगा कर भेजेंगे,
तुम खाली पेट भले आए..
                हम खिला पिलाकर भेजेंगे,
जो मीलो चलकर आई है..
                वो थकन मिटा कर भेजेंगे,
जिस माटी में खेले कूदे..वह धरा बुलाती है तुमको,
उन यारों संग हंसना गाना..जो याद सताती है तुमको,
सबको उनके घर भेजेंगे..
                 हमने भी ये ज़िद ठानी हैं..!
है हाथ जोड़कर विदा तुम्हें..
                  फिर अगली ट्रेन भी आनी है..!!
-------अमित मजदूरों की घर वापसी

Akhilesh

गाय पर निबंध (Essay on Cow) #Knowledge

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