Find the Latest Status about तीसरा भाग खूनी चुनरिया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तीसरा भाग खूनी चुनरिया.
Prakash Shukla
"मैं और मेरी तन्हाई" तीसरा भाग अब तक की उसकी शरारतें मेरे मन को छू चुकीं थी पर ये सब मुझे सचेत रहने का अंदेशा भी दे रही थीं उसकी हरकतें तो वीराने में खुशहाली लाने जैसी थी उसकी मुस्कान ही उसकी सबसे बडी़ ताकत थी मानो यूँ लगता था कि सारा संसार बौना है उसकी तरह जिन्दगी को देखना और उसे जीना बहुत कम लोगों को नसीब होता है और मै अपनी बात करूँ तो मात्र दो दिनों में ही मुझमें बदलाव आने शुरू हो गए मैने भी खुले आसमान मे उड़ते पंक्षियों की तरह अपने पंख फैलाने शुरू कर दिए थे और सोंच केवल उसकी तरह जीने मे सिमट कर रह गई थी उसका और मेरा सामना करीब दस दिनों तक नहीं हुआ हालाकि हम साथ मे एक क्लास मे बैठते थे पर उसने कभी मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया पर मेरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ उसकी ओर रहता थामै अन्दर से चाहता था कि मेरा उससे सामना हो और बात हो मै उसे करीब से जानना चाहता था पर वह मुझे भाव तो छोडो़ घास भी नहीं डालती थी पर एक बात तो थी कि उसने कभी मुझे निशाना नहीं बनाया था उसका क्या कारण था मैं नहीं जानता पर उसने कभी मेरी तरफ ध्यान भी नहीं दिया यह बात मुझे कचोट रही थी उसने सबको उल्लू बनाया था बारी बारी से उसने सबसे बात किया पहले तो उसकी गैरमौजूदगी सताती थी अब तो उसकी मौजूदगी खलने लगी थी पता नहीं संकोच से मैं इतना ग्रसित था कि मुझे बात तो करना था पर हिम्मत नहीं जुटा पाता था खैर लगभग जब दस दिन बीते तो वह मेरे पास आई और मुझसे कहा कि *प्रकाश* "मैं और मेरी तन्हाई"तीसरा भाग
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
naved Zaidi
खंडहर से दिल में फिर कोई तमन्ना घर बनाती है मेरे कमरे में इक नन्ही सी चिड़िया घर बनाती है निगल लेगी जवां बच्चों को ये खूनी सियासत तो ना जाने किस तमन्ना में ये बुढ़िया घर बनाती है जलाकर राख कर देती है इक लम्हे में शहरों को सियासत बस्तियों को रोज कूड़ाघर बनाती है ©naved Zaidi #खूनी सियासत
naved Zaidi
मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है हुक़ूमत के इशारों पर तो मुर्दा बोल सकता है यहां पर नफरतों ने केसे कैसे गुल खिलाएं हैं लूटी इज्ज़त बता देगी दुपट्टा बोल सकता है हुक़ूमत की तवज्जो चाहती है ये जली बस्ती अदालत पूछना चाहे तो मलबा बोल सकता है बहुत सी कुर्सियां इस मुल्क की लाशों पे रक्खी हैं ये वो सच है जिसे झुटे पे झुटा बोल सकता है ©naved Zaidi #खूनी सत्ता