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LOL

कई डबडबाई सी कहानियाँ
जो कभी लिखी ना गयी
सुनी ना गयी कही ना गयी
जो चाहती थी कि
उतरें कभी किसी कागज़ पर
करें तय कानों से जबां का सफ़र
बतलायी जाएं दुनिया को
कभी एक साथ कभी किश्तों में
दादी नानी के किस्सों में
ज़िन्दगी के अनगिनत हिस्सों में..
पर जो दिल-ए-क़फ़स में ही कैद रही सदा
किसी बे-बस पाखी की तरह
चुभी जो बे-दर्द माज़ी की तरह
आँखों से बही नाकामी की तरह
वो सारी कहानियाँ मेरी हैं..
और कई अनछुई कहानियाँ
जो चल रही हैं किसी मन में अभी भी
दौड़ रही हैं सरपट कहीं
कुछ खड़ी हैं मौत की दहलीज़ पर जो
या कुछ जो पैदा होने को आमादा हैं
बदल रही हैं करवट कहीं
वो सारी कहानियाँ भी मेरी हैं

वक़्त हूँ मैं कहानियाँ कोख़ में रखता हूँ!!
©KaushalAlmora #कहानियाँ
#yqdidi 
#रोजकाडोजwithkaushalalmora 
#life 
#डबडबाई
#कोख़ 
 #poetry 
#365days365quotes
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Dr Manju Juneja

आज फिर तेरी याद आयी
आज फिर मेरी आँखें डबडबाई

आज फिर तेरी याद आयी आज फिर मेरी आँखें डबडबाई #कविता

3,475 Views

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रोहन कौशिक

मौन   साधे  अधर,  कँपकँपाते  रहे,
नैन   भी   हर  घड़ी,  डबडबाते   रहे,
द्वार जो नेह का, बंद तुमने किया...
उम्रभर   हम  उसे,  खटखटाते   रहे।
- रोहन कौशिक मौन  साधे  अधर,  कँपकँपाते  रहे,
नैन  भी  हर  घड़ी,  डबडबाते  रहे,
द्वार जो नेह का, बंद तुमने किया...
उम्रभर  हम  उसे,  खटखटाते  रहे।

- रोह

मौन साधे अधर, कँपकँपाते रहे, नैन भी हर घड़ी, डबडबाते रहे, द्वार जो नेह का, बंद तुमने किया... उम्रभर हम उसे, खटखटाते रहे। - रोह #Poetry #Hindi #शेर #शायरी #shair #मुक्तक #muktak

6 Love

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Bramhan Ashish Upadhyay

हम भी हँसते हुए बैठे थे महफ़िल में ।
ज़िक्र हुआ गिरगिट का तो ।।
विद्रोही तेरी याद आई ।
फिर क्या आँखे  मेरी भी डबडबा गयी ।। #NojotoQuote हम भी हँसते हुए बैठे थे महफ़िल में ।
ज़िक्र हुआ गिरगिट का तो ।।
विद्रोही तेरी याद आई ।
फिर क्या आँखे  मेरी भी डबडबा गयी ।।

#worldwritter #new

हम भी हँसते हुए बैठे थे महफ़िल में । ज़िक्र हुआ गिरगिट का तो ।। विद्रोही तेरी याद आई । फिर क्या आँखे मेरी भी डबडबा गयी ।। #worldwritter new #Love #Eyes #tum #feelings #Cheating #alone #nojotohindi #mahfil #yaade #cry #Ashu #Girgit #vद्रोही #newwritterclub

4 Love

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{¶पारसमणी¶}

1)
स्वतंत्र होना 
सृजित होने की पहली
शर्त है

2)
जिन्हें प्रेम मिला
उन्होंने प्रेम में कविताएं लिखी
और 
जिन्हें नहीं
उन्होंने कविताओं में प्रेम लिखा

3)
डबडबाई आंखों में
डूबे हुए होते हैं
क़ई समंदर

™¶§šB¶शु§भ¶ 1)
स्वतंत्र होना 
सृजित होने की पहली
शर्त है

2)
जिन्हें प्रेम मिला
उन्होंने प्रेम में कविताएं लिखी

1) स्वतंत्र होना सृजित होने की पहली शर्त है 2) जिन्हें प्रेम मिला उन्होंने प्रेम में कविताएं लिखी

16 Love

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gudiya

ये नीन्द को अब हुवा क्या है
सूकून लापता सा क्यूँ लगता है

क्या गम है जो दिल में समा गया
क्यूँ आँख बेववक्त डबडबाया रहता है

नजारा गुलशन -सा होता था जो
वीरान -सा  मन्ज़र क्यूँ  लगता है ।

©gudiya ये नीन्द को अब हुवा क्या है
सूकून लापता सा क्यूँ लगता है

क्या गम है जो दिल में समा गया
क्यूँ आँख बेववक्त डबडबाया रहता है

नजारा गुलशन -सा ह

ये नीन्द को अब हुवा क्या है सूकून लापता सा क्यूँ लगता है क्या गम है जो दिल में समा गया क्यूँ आँख बेववक्त डबडबाया रहता है नजारा गुलशन -सा ह #HeartBreak #nojotohindi #nojotoquotes #विचार

24 Love

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Kulbhushan Arora

........पीड़ा की पीड़ा.....
पीड़ा ने मुस्करा कर देखा,
डबडबाई आंखों से पूछा,
कितनी सहजता से मुझे,
शब्दों में तुम बहा देते हो,
और कविता बना देते हो,
मेरे घावों को देख कर भी,
शाब्दिक मरहम लगा देते हो,
किसी दिन बैठो न मेरे साथ,
कुछ अंतरंग बातें हो जाएं
शब्दों की आड़ में  जो तुम
अक्सर तुम छिपा लेते हो।।
 ........पीड़ा की पीड़ा.....
पीड़ा ने मुस्करा कर देखा,
डबडबाई आंखों से पूछा,
कितनी सहजता से मुझे,
शब्दों में तुम बहा देते हो,
और कविता बना दे

........पीड़ा की पीड़ा..... पीड़ा ने मुस्करा कर देखा, डबडबाई आंखों से पूछा, कितनी सहजता से मुझे, शब्दों में तुम बहा देते हो, और कविता बना दे #yqकुलभूषणदीप

0 Love

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Gourav (iamkumargourav)

जाने वाला भी कभी लौट के आया है क्या
तुम इतने सहज हो इस कड़ी धूप में भी
दरख्तों का तुम पर साया है क्या
आसान नहीं है जिंदगी का फ़लसफ़ा
तुम्हें ये किसी ने समझाया है क्या
किसी के रातों की नींद उड़ा कर
कोई शख्श बहुत मुस्कुराया है क्या
तुम्हारी आँखें क्यों डबडबायी हुई सी हैं
किसी ने तुम्हें रुलाया है क्या
कोई समझता क्यों नहीं ज़ज्बात मेरे
हर शख्श यहाँ पराया है क्या
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) जाने वाला भी कभी लौट के आया है क्या
तुम इतने सहज हो इस कड़ी धूप में भी
दरख्तों का तुम पर साया है क्या
आसान नहीं है जिंदगी का फ़लसफ़ा
तुम्हें ये

जाने वाला भी कभी लौट के आया है क्या तुम इतने सहज हो इस कड़ी धूप में भी दरख्तों का तुम पर साया है क्या आसान नहीं है जिंदगी का फ़लसफ़ा तुम्हें ये #कविता #baarish

10 Love

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विवेक गंगवार

  आज जैसे मानो हिंदी साहित्य की रीढ़ की हड्डी ही टूट गयी हो हमारे बडे हमारे पूर्वज हमारे बुजुर्ग कविताएँ गजल शायरी नज्म गीतों की दुनिया के बाद

आज जैसे मानो हिंदी साहित्य की रीढ़ की हड्डी ही टूट गयी हो हमारे बडे हमारे पूर्वज हमारे बुजुर्ग कविताएँ गजल शायरी नज्म गीतों की दुनिया के बाद #भावपूर्ण_श्रद्धांजलि #हमारे_पूर्वज #परमपूज्यनीय_गोपालदास_नीरज

6 Love

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Ankur tiwari

कई राज हैं दिल में मेरे पर 
अपने लबों को सिले बैठे हुए हैं
रंज है गम है उदासी हैं मगर 
ना शिकवे गिले लिए बैठे हुए हैं
दिलबर था मेरा भी एक 
जो वफा की बातें किया करता था
हम उसके वफाओं के जर्जर निशा 
दिल में लिए बैठे हुए हैं
खामोशियां ओढ़ ली हैं मैने 
लिपट लिया खुद को आगोश मे उसके
मगर फ़िर भी किसी की बातों का 
हम एतबार लिए बैठे हुए हैं
डबडबा जाती हैं आंखे अक्सर ही
 सुनकर जहां के बैन तीखे 
हम फिर भी किसी के 
लौट आने का इंतजार लिए बैठे हुए हैं
हर मंदिर हर दर पर गया हूं  
अंजान बस इक उसके ही खातिर 
हम आज भी उसकी हसती तस्वीर 
हाथों में लिए बैठे हुए हैं

©Ankur tiwari #kitaab 
कई राज हैं दिल में मेरे पर अपने लबों को सिले बैठे हुए हैं
रंज है गम है उदासी हैं मगर ना शिकवे गिले लिए बैठे हुए हैं
दिलबर था मेरा भ

#kitaab कई राज हैं दिल में मेरे पर अपने लबों को सिले बैठे हुए हैं रंज है गम है उदासी हैं मगर ना शिकवे गिले लिए बैठे हुए हैं दिलबर था मेरा भ #Poetry

11 Love

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Sarita Shreyasi

बेमर्जी से जरूरी अर्जियाें की अनदेखी कर दी जाए,
व्यस्तता की आड़ में जब फरियादें अनसुनी रह जाए,
तो मन ही मन तय करती हूँ कि अब नहीं जोडू़ंगी हाथ,
किसी देव और भूदेव को,डबडबायी आँखों से,
भर आए कंठ से,नहीं रखूँगी कभी अपनी जायज बात।
किंतु जिसने जन्म दिया है,और,जिसको जन्म दिया है,
जब इन पर बन आती है,अकड़ सारी भूल जाती है,
सर खुद-ब-खुद झुक जाते हैं,मिन्नत में बेहिचक ये हाथ 
किसी के आगे जुड़ जाते हैं,अपनी कथनी से मुड़ जाते हैं। बेमर्जी से जरूरी अर्जियाें की
अनदेखी कर दी जाए,
व्यस्तता की आड़ में जब 
फरियादें अनसुनी रह जाए,
तो मन ही मन तय करती हूँ 
कि अब नहीं जोडू़ंगी

बेमर्जी से जरूरी अर्जियाें की अनदेखी कर दी जाए, व्यस्तता की आड़ में जब फरियादें अनसुनी रह जाए, तो मन ही मन तय करती हूँ कि अब नहीं जोडू़ंगी #Child #yqbaba #pray #yqdidi

0 Love

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RAVENDRA GAUTAM

 साल बूढ़ा हो चुका दिसम्बर जाने को है /
जनवरी का सर्द मौसम मेरे घर आने को है //

डूबती इस साँझ के संग बहुत कुछ हम खो चुके है /
बहुत बाँकी जिन्

साल बूढ़ा हो चुका दिसम्बर जाने को है / जनवरी का सर्द मौसम मेरे घर आने को है // डूबती इस साँझ के संग बहुत कुछ हम खो चुके है / बहुत बाँकी जिन्

4 Love

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Shree

उफ्फ्, ये मद्धम हंसी,
ये झुकी पलकें,
धीरे से तेरा हथेली तले
तेरी हंसी को छुपाना,
मेरी आवाज़ पर तेरा
पलकें भींच कर, दांतों 
तले अधरों को चबाना,
धीरे से मुख मोड़ अपनी 
निखरती मुस्कान को छुपाना।
जाने की बात पर यूं ही
आंखों का डबडबा जाना।
आने की बात बेबाक...
नूर-ए-जन्नत चेहरे पर उतरना। 
गीले केशों को झटक...
कुछ मन ही मन गुनगुनाना।
परीयां सरीखे जीवन में.. 
जैसे जादू-सा पसर जाना! श्रृंगार जस
________
उफ्फ्, ये मद्धम हंसी,
ये झुकी पलकें,
धीरे से तेरा हथेली तले
तेरी हंसी को छुपाना,
मेरी आवाज़ पर तेरा
पलकें भींच कर, दांत

श्रृंगार जस ________ उफ्फ्, ये मद्धम हंसी, ये झुकी पलकें, धीरे से तेरा हथेली तले तेरी हंसी को छुपाना, मेरी आवाज़ पर तेरा पलकें भींच कर, दांत #yqdidi #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #a_journey_of_thoughts #ATgirlbg734 #unboundeddesires

0 Love

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Nisheeth pandey

ईश्क ने पूछा मेरे लिये क्या कर सकते हो ?
मैने नुकीली राह पर रख अपने कदमों को रुला दिया...
ईश्क ने पूछा कितना मुझसे प्यार कर सकते हो ?
मैने दोनों बाहें फैलाकर पूरा आसमान दिखा दिया....
ईश्क ने पूछा कैसे मुझे रख सकते हो ?
मैने खिले फूलों को सेहला कर चुम कर बता दिया ....
ईश्क ने पूछा हो गया जमाना दुश्मन हमारा फिर ?
मैंने उसकी तस्वीर पलकों से छुपा बता दिया....
ईश्क ने पूछा मेहबूब और  दोस्त में किसी एक को चुनना पड़े फिर ?
मैने डबडबाई आँखों से दोस्तों का नाम बता दिया................






#निशीथ

©Nisheeth pandey
  ईश्क ने पूछा मेरे लिये क्या कर सकते हो ?
मैने नुकीली राह पर रख अपने कदमों को रुला दिया...
ईश्क ने पूछा कितना मुझसे प्यार कर सकते हो ?
मैने द

ईश्क ने पूछा मेरे लिये क्या कर सकते हो ? मैने नुकीली राह पर रख अपने कदमों को रुला दिया... ईश्क ने पूछा कितना मुझसे प्यार कर सकते हो ? मैने द #friends #Missing #lovequotes #Rishta #sadquotes #streak #निशीथ #प्रेरक #humaurtum #couplefight #NojotoStreak

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Abhishek Asthana

बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें ,
{Read in the caption} बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें ,
नही कटती हैं तुम बिन अब ये रातें ।

हो सके तो लौट आना मेरे दिल के शहर में ,
फिर से प्यार की ब

बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें , नही कटती हैं तुम बिन अब ये रातें । हो सके तो लौट आना मेरे दिल के शहर में , फिर से प्यार की ब #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqlove #yqpoetry

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ABHISHEK SWASTIK

बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें ,
{Read in the caption} बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें ,
नही कटती हैं तुम बिन अब ये रातें ।

हो सके तो लौट आना मेरे दिल के शहर में ,
फिर से प्यार की ब

बहुत याद आती हैं तुम्हारी वो बहकी-बहकी बातें , नही कटती हैं तुम बिन अब ये रातें । हो सके तो लौट आना मेरे दिल के शहर में , फिर से प्यार की ब #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqlove #yqpoetry

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Pk Pankaj

वो ढूंढ़ना चाहती जवाब बूढ़े 
पीपल में बांधे धागे का,
मंदिरों में टेके गए सर का
कई तीर्थ यात्राओं का और,
कुछ अंध विश्वासों का,
जवाब ना पाती तो उठाती
सवाल अपने ही कर्मों पर, अक्सर मैं उसे यूं ही पाता हूं,
आंखों में उदासी लिए,
मन में हजारों प्रश्न लिए,

वो ढूंढ़ना चाहती जवाब बूढ़े 
पीपल में बांधे धागे का,
मंदिरों

अक्सर मैं उसे यूं ही पाता हूं, आंखों में उदासी लिए, मन में हजारों प्रश्न लिए, वो ढूंढ़ना चाहती जवाब बूढ़े पीपल में बांधे धागे का, मंदिरों #yqhindi #yqquotes #बांझ #pk_pankaj #बांझपन

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श्री कन्हैया शास्त्री जी

कच्चे पल🤫🤫🤫

हम अक्सर कच्चे पलों में
लोगों को पक्की बातें बता देते हैं
वो उन्हें बड़े तरीके से यूज़ कर जाते है
और हम बस सोचते ही रहते हैं

काश उस बक्त चुप रह जातें
राज अपने तक ही छुपा जाते
काश आंखे न डबडबाई होती
दिल ने चुप्पी ही रखी होती
तो वो यों फ़ायदा न उठाते
पल बदलते ही चेहरा न बदल पाते

मन होता हैं कइयों बार कुछ कहने का
जी भर के इन आखों का बरसने का
भरा मन कही भी उड़ेलने का
बस कुछ खाली,खाली सा होने का

पर ये दर्दं तुम खुद ही पी लेना
किसी से भी शेयर मत करना
बरना ये दर्द ज़हर बन जाएगा
तेरे साथ तेरी आत्मा भी निगल जायेगा #कच्चे पल🤫🤫🤫

हम अक्सर कच्चे पलों में
लोगों को पक्की बातें बता देते हैं
वो उन्हें बड़े तरीके से यूज़ कर जाते है
और हम बस सोचते ही रहते हैं

#कच्चे पल🤫🤫🤫 हम अक्सर कच्चे पलों में लोगों को पक्की बातें बता देते हैं वो उन्हें बड़े तरीके से यूज़ कर जाते है और हम बस सोचते ही रहते हैं

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विमुक्त

प्यारी मां.........

एक बड़ा अस्पताल और बन्द कमरा
उसमें एक बिस्तर पर एक सप्ताह से लेटी मां...
मैंने ICU के दरवाज़े को थोड़ा खोला 
और  झांकने की कोशिश की
चाहता था देखना कि वेंटिलेटर क्या कह रहा है। 
मुझे देखते ही 
इशारे से, मां पास बुला ली 
शायद पुचकारना चाहती थी 
मैं गया 
और वो दबी जुबान से कुछ कहना चाहती थी
पर वेंटिलेटर की नली भला कहाँ बोलने दे रही थी
पर मां को मैं इशारे से समझ रहा था
वो घर ले चलने को कह रही थी
मैं भी उनको एक बच्चे की तरह 
समझा रहा था, बहला रहा था 
और मैं डबडबाई आंखों से कह उठा
मां..... कल घर जरूर चलेंगे!
 प्यारी मां.........

एक बड़ा अस्पताल और बन्द कमरा
उसमें एक बिस्तर पर एक सप्ताह से लेटी मां...
मैंने ICU के दरवाज़े को थोड़ा खोला और  झांकने की

प्यारी मां......... एक बड़ा अस्पताल और बन्द कमरा उसमें एक बिस्तर पर एक सप्ताह से लेटी मां... मैंने ICU के दरवाज़े को थोड़ा खोला और झांकने की

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दि कु पां

मां पापा आपका ऋण इस जन्म तो ना उतार पाऊंगी...
पढ़े अनुशीर्षक में... 
महीला हूं.. पैदा होते ही ठगी जानें लगी थी..
मां जिसने पैदा किया वो मुस्कुराई थी..
बिन जानें कि बेटी जनी है उसने या बेटा..
जी हां, शायद दर्द

महीला हूं.. पैदा होते ही ठगी जानें लगी थी.. मां जिसने पैदा किया वो मुस्कुराई थी.. बिन जानें कि बेटी जनी है उसने या बेटा.. जी हां, शायद दर्द #दिनेशपांडेय

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Kulbhushan Arora

सितारों से बात,
रात हुई मुलाकात,
बड़े अरसे के बाद
Anjum (सितारा)
आया सुबह  मेरे पास
☀️☀️☀️☀️☀️☀️
#imagination22 कल रात अरसे बाद,
छत पे मैं गया,
सर उठाया , 
खो गया आसमां में,
चांद जगमगाया
 सितारे टिमटिमाये,
ढेरों सितारे 
बात करने को आए,

कल रात अरसे बाद, छत पे मैं गया, सर उठाया , खो गया आसमां में, चांद जगमगाया सितारे टिमटिमाये, ढेरों सितारे बात करने को आए, #yqconversations #yqnature #yqstars #yqकुलभूषणदीप #imagination22

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aa1c27a5813fa4184bcbe8f931d803c2

aakanksha Tiwari

मुझे यूं उम्मीद नही थी ,तुम्हारे एसे रूठ जाने की
यूं जरा सी बात पर,बिखर जाने की,
सोचा था शायद तुम मजबूत हो,
मेरे इन दिमागी ख्यालों को मिटा दोगें
मुझे इस डर भरी दुनिया से बाहर निकलोगे 
पर तुमने भी शायद जल्दी हार मान ली
और मेरे भरोसे ने एक बार फिर ठान ली,
कि कोई अपना नही होता,
शायद इसलिए तुम्हे अपना कहने में मैं इतना डर रही थी
क्योंकि वो मुझे मिली पहली कड़ी थी
पहली बार जब तुमने ,दूर जाने को कहा था
तब मेरी आंखे जरूर डबडबाई थी
अब बस थोड़ा गला रोंध सा गया है,
पर आंसू नही निकले, क्योंकि जब पहली बार कहा था
तभी दिल ने ये जान लिया था
एक दिन तुम जरूर जाओगे,
और थोड़ा ज्यादा उसी दिन रो लिया था
अब उसको सिर्फ अफसोस हुआ है
कि क्यों उसने थोड़ा और सब्र नही रखा
माना मेरी गलती है , मेरी ही है भूल
पर क्या करू ? ये शायद तुमसे पूछना था 
खेर तुम चले गए ,अच्छा ही किया 
मुझे वक्त रहते संभालने का मौका मिल गया
पर शायद ये संभनला इस दिल को नही भाएगा
पर देखना एक दिन मेरा भी वक्त जरूर आएगा। मुझे यूं उम्मीद नही थी ,तुम्हारे एसे रूठ जाने की
यूं जरा सी बात पर,बिखर जाने की,
सोचा था शायद तुम मजबूत हो,
मेरे इन दिमागी ख्यालों को मिटा द

मुझे यूं उम्मीद नही थी ,तुम्हारे एसे रूठ जाने की यूं जरा सी बात पर,बिखर जाने की, सोचा था शायद तुम मजबूत हो, मेरे इन दिमागी ख्यालों को मिटा द

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Vandana

मौन पर्वत बोले बादलों से क्यों मुझको सताते हो
मैं हूं अपनी मस्ती में मेरे आस-पास क्यों मंडराते हो स्वप्न की डोली उठी आंसू चले
धूल फूलों की जवानी हो गई,
शाम की स्याही बनी दिन की खुशी
देह की मीनार पानी हो गई,

तू गया क्या--हाय बेमौसम यहां
ए

स्वप्न की डोली उठी आंसू चले धूल फूलों की जवानी हो गई, शाम की स्याही बनी दिन की खुशी देह की मीनार पानी हो गई, तू गया क्या--हाय बेमौसम यहां ए #oshoquotes

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दि कु पां

कुछ पुरानी यादें तह कर ठीक से रख रहा था, अचानक कुछ देख आंखें डबडबा आईं,तुम्हारी चाहत पहले ही दिन से जैसी आज है वैसी ही थीं, मैं नादान था तुम मुझसे हर चीज़ में बीस थीं, ऐहसास शायद तब भी था कहीं दिल के किसी कौने में, या मैं क्या था आज सोचता हूं तो विचित्र लगता है, खुद को माफ़ करने को दिल न होता है, पर तुम खास थी, हो और रहोगी... 
शायद ये जज़्बात आज भी तुमसे ना कह पाऊं पर तुम ही थीं शायद मेरा घर घर रह गया वरना कुछ और होता, मानता हूं इसे.. कुछ पुरानी यादें तह कर ठीक से रख रहा था, अचानक कुछ देख आंखें डबडबा आईं,तुम्हारी चाहत पहले ही दिन से जैसी आज है वैसी ही थीं, मैं नादान था तुम

कुछ पुरानी यादें तह कर ठीक से रख रहा था, अचानक कुछ देख आंखें डबडबा आईं,तुम्हारी चाहत पहले ही दिन से जैसी आज है वैसी ही थीं, मैं नादान था तुम #yqbaba #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqshayrokiduniya

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Rooh

छूट जाने का दर्द

कैप्शन पढ़े — % & छोड़ देने या छोड़ दिए जाने के दुःख से ज्यादा भयावह होता है छूट जाने का दर्द। बहुत जोर की कोशिश करने के बाद भी जब कुछ छूट जाता है तो बहुत टीस

छोड़ देने या छोड़ दिए जाने के दुःख से ज्यादा भयावह होता है छूट जाने का दर्द। बहुत जोर की कोशिश करने के बाद भी जब कुछ छूट जाता है तो बहुत टीस #SAD #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #cinemagraph #aaina_rooh

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रजनीश "स्वच्छंद"

तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।।

सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।
कोई है अवतार नहीं, तुम्हे बढ़ खुद ही लड़ना होगा।

शकुनि से भरा संसार है, पग पग खड़ा है कंस भी,
मुंह बाए कहीं है कालिया, जहरीला बड़ा है दंश भी।
ग्वाल बालों की क्रिया से अब हो जरा निवृत चलो,
जागने की बेला है आई, है सुबह, अभी तुम ना ढलो।
हर युग मे महाभारत रहा, तुम्हे कृष्ण बनना चाहिए,
लहु बड़ा अनमोल है, मनुज सेवा में बहना चाहिए।
छोड़ शय्या फूलों की तुम्हे कांटों पर ही पलना होगा।
सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।

कोई क्यूँ है भूखा रोता रहा, अस्थियों का पंजर लिए,
क्यूँ डबडबाई सी आंख है, आंसुओं का समंदर लिए।
मन द्रवित होता नहीं क्यूँ, बस स्वार्थ सर चढ़ बोलता।
आंखें तू अपनी मूंद कर, क्यूँ मन को नहीं है टटोलता।
कौन तेरा अपना रहा, किसी से रहा पराये का भेद क्यूँ,
किसी के दर्द में रोया बहुत, किसी पर हुआ ना खेद क्यूँ।
आंसू पोछने को इनके, अविरल तुम्हे ही बहना होगा,
सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।

सीख क्या मैं दूँ तुम्हे, तुम ज्ञानी विवेकी बलवान हो,
अंदर तुम झांको जरा, ख़ुद का तुम ही तो सम्मान हो।
जीवित किस ख़ातिर हो तुम, अहसान किसका रहा,
तुम भी मनुज, मैं भी मनुज, अभिमान किसका रहा।
रहा कोई अब देव नहीं, दानव भी कहाँ अब शेष है।
दोनों हैं तुझमे ही, मनुज ही लिए देव दानव भेष है।
बन देव, दानवों को, तुम्हे उठ ख़ुद ही दलना होगा,
सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।

©रजनीश "स्वछंद" तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।।

सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।
कोई है अवतार नहीं, तुम्हे बढ़ खुद ही लड़ना होगा।

शकुनि से भरा

तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा।। सांत्वने का दौर नहीं, तुम्हे उठ ख़ुद ही चलना होगा। कोई है अवतार नहीं, तुम्हे बढ़ खुद ही लड़ना होगा। शकुनि से भरा #Poetry #Quotes #kavita #hindipoetry

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