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अजय 'निलय'
...एक तुम्हारा यूँ रूठ जाना... ...रूठ के फिर झट से मुस्काना... ...मुस्काकर नजदीक आकर,झट से हमको गले लगाना... ...गीत निलय के तुमको गाते,गाते हर इक याद में... ...ऐसे तुम रहते हो दिलबर,मेरे हर जज़्बात में... ...अजय 'निलय... ...गीत - मेरे हर जज़्बात में... ...गीत लेखक - अजय 'निलय'...
अजय 'निलय'
...जैसे महक फूलों मे रहती,चाँद चमकता रात में... ...ऐसे तुम रहते हो दिलबर,मेरे हर जज़्बात में... ...गीत - मेरे हर जज़्बात में... ...गीत लेखक - अजय 'निलय'...
अजय 'निलय'
...एक तुम्हारा यूँ मुस्काना... ...मुस्कूरा कर फिर रुक जाना... ...लगता है बैठा हो आकर,होंठों पर खुद चाँद दीवाना... ...जैसे कोई जुगनु चमकता,हो अंधियारी रात में... ...ऐसे तुम रहते हो दिलबर,मेरे हर जज़्बात में... ...अजय 'निलय'... ...गीत - मेरे हर जज़्बात में... ...गीत लेखक - अजय 'निलय'...
अजय 'निलय'
...एक तुम्हारा नजर उठाना... ...नजर उठाकर नजर झुकाना... ...घायल करता दीवानों को,नजरों से यूँ तीर चलाना... ...जैसे सूरज की किरणों के,तीर चले बरसात में... ...ऐसे तुम रहते हो दिलबर,मेरे हर जज़्बात में... ...अजय 'निलय'... ...गीत - मेरे हर जज़्बात में... ...गीत लेखक - अजय 'निलय'...
_itni _si _baat _hai _vandana Upadhyay
सुकून वाले इतवार के बाद जिम्मेदारीयों वाले सोमवार का आ जाना जिंदगी का बस यही ताना बाना ©वंदना उपाध्याय वंदना उपाध्याय #Flower
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मन चाहता है आज भी अम्मा के हाथों बनी रोटियां खाना बाबा की नकल उताराना भाई के साथ खेलना/लड़ना देर तक लम्बी ताने सोते रहना बात_बे बात खुलकर ठहाके लगाना सबको प्यार करना सबका प्यार पाना हर पल बेफिक्र, बेखौफ रहना पराये पन के ठप्पे से उबर मईया बाबा की वही नन्हीं सी गुडिया बन उसी आंगन में फिर से जम जाना कितना कुछ चाहता है ये मन... जो मुश्किल है सबको बतलाना ©vandana upadhyay #cloud वंदना उपाध्याय.
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जिस माँ बाप ने कभी आपकी तोतली बोली को समझ कर आपके हर ख्वाहिश को पुरा किया है , आपके हर इशारे को समझा है बिना किसी स्वार्थ के आपको, हर खुशी से नवाजा है एक वक्त पर उन्हें ये सब हमें भी सूद -समेत लौटाना होता है... पर हर औलाद को ये सुख नहीं मिल पाता.. ©वंदना उपाध्याय आधार वंदना उपाध्याय