Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कविता धरती माँ पर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कविता धरती माँ पर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कविता धरती माँ पर.

    PopularLatestVideo

जिंदगी का जादू

माँ पर कविता

read more
छाया से दूर हुआ तो 
आंचल का मूल्य मैं जाना 
 जब तपी ये दिल की धरती 
बादल का मूल्य मैं जाना 
 वो छाया वो बदली
बस एक जगह मिलती है 
सब मिलता दूर शहर में 
बस  मां ही नहीं मिलती है


 पावस रजनी में जुगनू
 भट्ट के जैसे जंगल में
 पूछे राम जी वोन से
 कैसे हैं सब महल में

वन में ना कोई दुख है
 पुण्य ज्योति जलती है 
 देव मुनि सब मिलते
बस मां ही नहीं मिलती है
@गौतम माँ पर कविता

Rajesh Bharti

माँ पर कविता

read more
mute video

Ravi pathak

#krishna_flute माँ पर कविता

read more
mute video

Ravi pathak

माँ पर सुन्दर कविता

read more
mute video

writer shashi dwivedi

धरती माँ

read more
बंज़र धरती है खिल उठी 

हो गया उजाला।
जग सारा
चमक उठी ये धरती 
मौसम है आज बसंती ।।

बंज़र धरती खिल उठी 
बारिश की बूदे जब पड़ी 

बीजों में अंकुर आ गये ।
खेतों में हल छा गये
मन मे उमंग भर ले 
मेघा आज बरस ले ।।

ये धरती ये गगन झूम गये।
ये झरनों के कलकलाहट 
बिजलियों की कि चमकाहट
अम्बर में पंछियों के गीत गूँज गये।।

बंज़र धरती है खिल उठी
बारिश की बूदे जब पड़ी 

-Shashi Dwivedi धरती माँ

Future Novelist

धरती माँ

read more
धरती माँ तेरे कंधे पर चढ़ा हुआ बोझ हमे उतरवाना है !!
तुझसे बने तुझ पर ही रहे और तुझ ही में समाना है !!
और कोई तोहफा तेरे लिए छोटा पड़ेगा !!
तेरे चरणों मे मुझे सर अपना चढ़ाना है !! धरती माँ

अर्पिता

धरती माँ #Thoughts

read more
धरती माँ के बाल सँवारे गए है ।

©अर्पिता धरती माँ

मोहम्मद मुमताज़ हसन

धरती कविता

read more
माँ जैसी- धरती
जीवन में हरा भरा
 रंग भरती

करती उपकार बहुत
मानव पर,जीव जंतुओं पर
और उन समस्त
प्राणियों पर-
 जिन्होंने
माँ मानकर पूजा उसे
कष्ट न पहुँचाया उसे
हृदय को शीतलता प्रदान किया सदैव

धरती है तो हरियाली है,
प्रकृति की छटा निराली है
मानव चाहे जितना रौंदता
रहे ,छलनी करता रहे सीना
धरती का 

वह सह लेती है सब
बहुत सहनशील है धरती
कोई कष्ट नहीं होता क्या उसे

होता है परंतु-भूलकर वह अपनी
पीड़ाएं सारी/
 चिंता करती है सिर्फ़ और सिर्फ
 समस्त प्राणियों की, 
जीव जंतुओं की
और मानव की भी!!

 ( मोहम्मद मुमताज़ हसन ) #धरती #कविता

Adi_writes04

#RaysOfHope माँ पर कविता #poem

read more
आजकल खुद से परे हो
जाने कहाँ भटकते है
ऐसा लगता है कि जैसे
भीड़ मे हम खो गये हैं
जैसे अपने आप को ही
जगह जगह हम ढूंढते है ।

याद आता है वो आँगन
प्यार बसता था जहाँ पर
सामने छोटी सी बगिया
झूमना फूलों का हंसकर
राग भोपाली मे माँ का
परमेश को प्रातःजगाना ।

बिजलियां जब चमकती थी
या गरजती थीं घटाएँ
दौड़कर डरती सहमती
मा के आँचल मे सिमटती
उस स्पर्श की उष्मा मेरे
मन प्राण फौलादी बनाती।

ठोकरे लगने से जब भी
चोट खातीऔर तडपती
पीठ सहला कुछ न कहती
मौन संदेशा ये देती
डर न तू तूफा से लड जा
कदम चूमेगी सफलता।

जाने कहाँ जा रही थी
किन विचारों मे थी खोई
सामने बिजली सी चमकी
तू बडी है भाग्यशाली
माँग ले जो जी मे आए
आज दे दूँ जो तू माँगे।

आज फिर मै खो गई हूं
रुक गई थक हारकर हूँ।
बख्श दे मुझको तू फिर से
माँ के आँचल की वो साया
जिसके तले विश्राम करने
तू है जनमता बार बार । #RaysOfHope माँ पर कविता #Nojoto

pawan kumar suman

#JalFlute धरती माँ!

read more
mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile