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जगदीश कैंथला

उपसर्ग,प्रत्यय

उपसर्ग,प्रत्यय #बात

69 Views

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Rooplal Kumawat

 नीसर्ग का आनंद

नीसर्ग का आनंद #nojotophoto

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जगदीश कैंथला

उपसर्ग व प्रत्यय

उपसर्ग व प्रत्यय #बात

44 Views

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Ek villain

यदि दुर्भाग्यपूर्ण कि पद्म सम्मान एक बार विवाद का विषय बना दिया गया पदम सम्मान की घोषणा होते ही पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने उसे लेने के इनकार कर दिया ऐसा करके उन्होंने मोदी सरकार के प्रति केवल अपनी आरुषि ही नहीं प्रदर्शित की बल्कि राष्ट्रीय सम्मान के प्रति भी अपनी विरक्त का परिचय दिया उन्होंने ऐसे तब किया जब पदम सम्मान की सार्वजनिक घोषणा के पहले उनके पति को इस बारे में सूचित कर दिया गया था रानी नहीं है कि उन्होंने पदम सम्मान टू कराने का फैसला पार्टी नेताओं के दबाव में लिया सच जो भी हो उनका फैसला ही है एक गीत कराता है कि राजनीति मतभेद होने किस प्रकार विदेशी गर्भ धारण कर लिया और किसी राष्ट्रीय प्रति भी उसकी चपेट में आ रहे हैं अच्छा हो सकेगी उन्होंने उनके साथियों को यह आभास हो गया कि पदम सम्मान ठुकराना ना केवल घोर राजनीति और शुद्धता का परिचय दे रहे हैं बल्कि सम्मान और अपमान भी कर रहे हैं

©Ek villain # राष्ट्रीय सम्मान का निरादर

#BookLife

# राष्ट्रीय सम्मान का निरादर #BookLife #Society

6 Love

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vishnu prabhakar singh

गुम हो जाता है
परस्पर अपेक्षा में
काबिज़ चलन में
उपसत्य जो है

गुम हो जाता है
धन अर्जन में
रीती के टेक में
उपवंश जो है

गुम हो जाता है
विकास के दौर में
संयत के तौर में
उपयोग जो है

गुम हो जाता है
पुत्र के मोह में
मित्र के जोह में
उपहार जो है

गुम हो जाता है
सेवा के भाव में
मेवा के चाव में
उपचित्त जो है जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव।



#गुमहोजाताहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Y

जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव। #गुमहोजाताहै #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Y #विप्रणु

0 Love

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वैभव जैन

उपसर्ग

साधक की साधना पर अवरोध है उपसर्ग
मंत्री के दूषितसोच ने किया  मुनिउपसर्ग
भगवन तपस्या मे कमठ ने किया उपसर्ग 

साम्य भाव रखने पर टल जाता है उपसर्ग
मौन क्षमा भावों से टाला जाता है उपसर्ग
उत्कृष्ट कार्य करते रहने से दूर होता उपसर्ग

तप ध्यान  सत्कर्म मे निरंतर बढ़ते रहना
उपसर्गों का दढ़ता से सामना करते रहना
अग्नि मे जलकर तप कर निकले है कुंदन

जीवन से कुरीतियों को दूर करो "श्री प्रशस्त"
वैभव को सन्मार्ग मे बताए रहना गुरुवर

©वैभव जैन
  #उप्सर्ग
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Poonam

दूर तक फैला अंधेरा है
चांद भी छिप गया इन्ही अंधेरों में
झिलमिलाते तारे भी नही आसमान पे
ऐसी ही निराशाओं का बादल छाया है मेरे दिल में
कुछ सूझता नहीं
बस अनंत को निहार रही
सोच रही जिंदगी वक्त की बड़ी पाबंद है
हर रोज शाम ढल कर रात में तब्दील होती है
और रात दिन में
और मैं इन सब के बीच उलझी हूं इस सोच में
जिंदगी निकलती जा रही मेरे पहलू से
आखिर कौन से मोड़ पर खड़ी हूं मैं
आखिर जिंदगी में मेरा किरदार क्या है

©Poonam
  #किरदार
#निराशा
#आसमान
#तारे
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brijesh mehta

जहाँ "हां" संभव ही ना हो,
वहां "ना" के सिवा, कोई और चारा नहीं!
कहीं-कहीं
ना निरादर का नहीं, आदर का उद्बोधक है!

©brijesh mehta
  ना निरादर का नहीं, आदर का उद्बोधक है!

#मंमाधन

ना निरादर का नहीं, आदर का उद्बोधक है! #मंमाधन #Love

27 Views

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Rajni kant dixit

निराशा से हर चीज  का निराकरण नही होता.

हर चीज के लिए आसा रखना बहुत जरूरी है..

©Rajni kant dixit
  #KhoyaMan #GoodNightQuotes #My_💓_line #निराशा से हर चीज  का निराकरण नही होता.

#KhoyaMan #GoodNightQuotes My_💓_line #निराशा से हर चीज का निराकरण नही होता. #विचार

386 Views

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Usha Dravid Bhatt

राह भटक मत जाना साथी ,अभी दूर तक जाना है
यह भीड़ नहीं कुछ देती है,नहीं इसका ठौर ठिकाना है।

यह कलरव करती भीड़ तुम्हें ,अपने पथ से भटका देगी
सागर संगम से पहले ही ,दो -आबों में उलझा देगी ,

जीवन के उस दोराहे पर,सुपथ नहीं तुम चुन पाओगे 
ना फिर उस अनुपम शैली को,मूल काव्य में ला पाओगे 

चक्रव्यूह सी उलझी राहों में ,स्वप्न सदृश्य से खो जाओगे 
भीड़ किधर से आई किधर गई , खुद को भी नहीं तुम समझ पाओगे।। भीड़ का किरदार

भीड़ का किरदार #कविता

48 Love

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Ajay Bishwas

पिता कमियों में भी
बुलंद किरदार रखते थे
उनके सारे इशारे
एक अलग मेयार रखते थे # पिता का किरदार

# पिता का किरदार #शायरी

13 Love

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Sanjay Kumar (C. D. O)

"वो किऱदार भी किराऐ सें
लाए थे लोग साह़ब .. 
इस ज़माने में हम से रिश्तेदारी
को बद़नाम करवाने कों.."

©Sanjay Kumar (C. D. O) " किरदार किराए का"

" किरदार किराए का" #अनुभव

9 Love

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Prakash Aditya

##निराशा का जीवन

60 Views

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Susmita Singh

पिता का किरदार

पिता का किरदार #कविता

54 Views

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पुष्पेंद्र(भुदेव)

दौर शिकायतों का चल रहा है।
सुना है नाम मेरा भी उछल रहा है।

मुझे गिला नही तुम्हारी इन ओछी हरकतों से।
चलो दिया तुम्हे भी आजादी,करलो चाहे जीतनी मेरी बुराई।

सुनो गौर से मैं पुष्पेंद्र हु कहि भी खिल जाऊंगा।
बिखर के खुशबू मेरे किरदार,मेरे स्वाभिमान की लोगों के दिलो को छू जाएगी।


पुष्पेंद्र राय(भुदेव) #सम्मान किरदार का ...

#सम्मान किरदार का ... #अनुभव

5 Love

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Ajay Bishwas

पिता ज़िन्दगी का सफ़ेद-स्याह
पहलू बताता है
बनकर ढाल, होकर कवच मुसीबत
से बचाता है

पिता बुझी हुई नसों में हौसले
का लावा जगाता है
इरादों का मज़बूत पाया,महफ़ूज़ 
साया बनाता है # पिता  का किरदार

# पिता का किरदार

10 Love

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kanta kumawat

किरदार का मोल

किरदार का मोल #विचार

6,631 Views

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The Aghori

निर्भर ....
#निर्भर #किरदार #कविता #शायरी #Shayari #Poetry #Hindi #shayri 



#RaceOfLife

निर्भर .... निर्भर किरदार कविता शायरी Shayari Poetry Hindi shayri RaceOfLife

77 Views

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Anupama Jha

"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और 
"आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
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Kumar surya

चाय का किरदार भी बड़ा अजीब है
शरीर का हिंसा सा बन गयी है
चाय का टाइम होते ही
शरीर चाये मांग लेती है
और चाय के टाइम चाय ना पिए
और बाद मे पीले तो खराब भी कर जाती है

©Kumar चाय का किरदार 

#Morning

चाय का किरदार #Morning

21 Love

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Brok Boy

ख़रीद पाऊं खुशियां
उदाश चेहरों के लिए,
मेरे किरदार का मोल
इतना कर दे खुदा. मेरे किरदार का मोल

मेरे किरदार का मोल #विचार

3 Love

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Naveen 🥰

बड़ा ही ग़ज़ब का किरदार होता है मोहब्बत का

अधूरा रह सकता है पर खत्म नहीं हो सकता ........ #किरदार #मोहब्बत 💓 का
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Badal

हमारी जिन्दगी का किरदार जरा दुनिया से बेखबर है साहिब...कागज़ पर तराशते है महबूब को अपने और उसी से मोहब्बत करते हैं...!!
☢ हमारी जिन्दगी का किरदार...!!!

हमारी जिन्दगी का किरदार...!!!

25 Love

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Meenakshi Sharma

कविता
कलयुग
कलयुग का यह खेल निराला,
ना जाने कहां से आया है,
झूठ यहां पर पांव पसारें,
सच कहा टीक पाया है,
बाबा यहां के ढोंगी सारे,
धर्म की बदली काया है,
कलयुग का यह खेल निराला।
कलयुग का यह खेल निराला,
समझदार कहां खेल पाया है,
सच से अब झूठ़ ड़रे है,
झूठ का शासन आया है,
कलयुग का यह खेल निराला। 
कलयुग का यह खेल निराला,
ना जाने कहां से आया है,
बेटी हुई है बीच बाजार में अपमानित,
 दरिंदे ने नाम कमाया है,
कानून तो जैसे हो गया है अंधा,
सच का इन्साफ कहां कर पाया है,
कलयुग का यह खेल निराला।
कलयुग का यह खेल निराला,
ना जाने कहां से आया है,
बेटा करे मां बाप को लज्जित,
भाई भाई का बैरी है,
धोखेबाज तो नाम कमावें,
इज्जतदार कहां टीक पाया है,
कलयुग का यह खेल निराला,
ना जाने कहां से आया है।
Meenakshi Sharma कलयुग का खेल निराला

कलयुग का खेल निराला #कविता

37 Love

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Sanjay Kumar (C. D. O)

" की किरदार तो मेने जिंदगी 
मैं बहोत से निभाए.. 
मगर मेरी जिंदगी का आख़री
किरदार मेरे से सम्भल नहीं पाया..."

©Sanjay Kumar (C. D. O) "जिंदगी का आखरी किरदार "

"जिंदगी का आखरी किरदार " #बात

14 Love

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savita Bhadu

फैला हुआ है गजब धूप छांव का आलम...
क्या खूब गुजर रही है जिंदगी इसकी पनाह में....

©savita Bhadu
  #मौसम का निराला अंदाज #

#मौसम का निराला अंदाज # #विचार

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vipin rukhar

#Corruption पिता का किरदार

#Corruption पिता का किरदार

447 Views

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RAM LALITNIRALA R. K. G

ना दिन गया ना रात गयी ज़ब दीपक हाथो से छूटा था.पल भर खातिर मै सोच लिया मै माँ से अपने रूठा  था.ज़ब नीद टूटी तो सोच लिया ऐ  तो सपना झूठा था. ऐ तो सपना झूठा था

©RAM LALITNIRALA R. K. G
  माँ का प्यार निराला

माँ का प्यार निराला #कविता

22,547 Views

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