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BANDHETIYA OFFICIAL

बसंती हवा !
# बसंत पंचमी

बसंती हवा ! # बसंत पंचमी #ज़िन्दगी

96 Views

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Nk Gupta Ji

#IndianRepublic बसंत पंचमी पर कविता,,,हवा हु हवा मैं,,,

#IndianRepublic बसंत पंचमी पर कविता,,,हवा हु हवा मैं,,,

48 Views

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Manmanth Das

ओस से भींगीं नम
 हुई नई हरी दूब, 
कोमल फसलें व
नव यौवन लिए
मंद मुसकाते हुए, 
कुछ पुष्प लताएँ
कोंपलों को समेटे
नए हरे पत्ते और
कलियाँ सकुचाते हुए , 
कल्लोलित खग वृंद 
मधुर प्रस्फुटित स्वर
में गुनगुनाते हुए,
अलसी रही झूम
प्रिय के स्वागत में
अपने हृदय के समस्त 
भाव बिछाते हुए, 
वसुंधरा धर रही
नित बसंती परिधान
 ऋतुराज की राह में
पलकें बिछाते हुए, 
आम्र कुंज से मधु
चुराकर मादक कोकिल
चिहुँक रही जाने कब से 
अपने प्रिय को बुलाते हुए, 
और उतारकर चादरें
धुंध की बसुधा देखो
झुरमुट से झांक रही
मानो देखा है उसने
पीले सरसों के पीछे 
से बसंत को आते हुए। 
                 मन्मंथ् ✍

©Manmanth Das #बसंत #कविता #रचना #मन्मंथ

बसंत कविता रचना मन्मंथ

7 Love

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Sp"रूपचन्द्र"✍

वो कम्बख्त अब इस बसंत की बसंती हो रही है,
क्या पता उसे ?? जो मैने यहाँ जुबान पर कुछ खामोशी खिला रखे हैं....!!
                                                                -Sp"रूपचन्द्र"

©Sp"रूपचन्द्र"✍ #बंसत #बसंती 
#flowers
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Deepa Didi Prajapati

सद्गुरु की संगति में
बड़े बड़े संकट भी टल जाते हैं।
किंतु गुरु पद का दूरुपयोग
करने वाले ढोंगियों की संगति
बर्बाद कर देती है।
संत भेषधारी असंतों की
पहचान करना मुश्किल होता है।

©Deepa Didi Prajapati #संत-असंत

15 Love

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Sunita Bishnolia

#बसंती रुत #वसंत

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Nitesh Kumar Sinha

वसंत में कविता

वसंत में कविता

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Vidhi

ओ मेरी जमात के कवियों
ये सच है
बसंत की चाल
कुछ बदली बदली सी है
उसके रातों की नींद
आजकल उड़ी उड़ी सी है
मग़र इसके लिए
उसकी हरकतों को आवारा ना कहो
बसंती के हुस्न पे कविताएँ मत लिखो
क्योंकि अभी तो परीक्षाओं की घड़ी है
और इसीलिए सबकी धड़कनें बढ़ी हुई हैं
बढ़ती बेरोजगारी में रोमांस का वक़्त
ना अभी बसंत के पास
और बसंती को भी है काम हज़ार
वो नहीं है सबके मोहब्बत की दुकान
 #challenge #बसंत #बसंती #परीक्षा #मोहब्बत #रोमांस #समय #YQdidi #YQbaba
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अंकुर आजाद

धूमिल की कविता वसंत

धूमिल की कविता वसंत

105 Views

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santa shree totaram ji maharaj

संत औऱ बसंत में 1ही समानता है
#ILoveCricket

संत औऱ बसंत में 1ही समानता है #ILoveCricket

37 Views

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Ek villain

जनवरी का महीना कभी-कभी गुजरा हुआ में शीत लहर के जो रहे थे सौभाग्य से सामने वाले फ्लैट में कोई कुत्ता नहीं रहता पर दुर्भाग्य तो उसको लेट में कुत्ते से भी बड़ा एक आदमी रहता है बूढ़ा बूढ़ा गलत रहता है मैंने बालकनी से पसंद का जायजा लेना चाहता हूं उसकी बूढ़े की आवाज सुनकर मैं मन कुंठित हो उठता हूं मैं बालकनी के द्वार बंद कर घर के भीतर आ गया किचन में पत्नी बड़ा वाला है 3:00 हॉस्पिटल बसंत कब आएगी अब सारा काम पड़ा है कभी-कभी तो रुला देती है वह संत ने इस वतन के ख्यालों में खोया पूछ रहा हूं कि मुझसे कुछ कह रही हो क्या मैं अपने स्वभाव में बसते कहती है मैं अभी वसंत की छुट्टी कर ही रहूंगी देखो तो बना 11:15 बज गए लेकिन अभी तक पसंद नहीं आया थोड़ा धीरज रखो पसंद तो आ ही रहा है बसंत भी आ जाएगा मुझे प्राणों से भी पसंद की प्रतीक्षा और पत्नी को मुझसे भी पसंद की इंतजार बसंत के कारण कोई काम नहीं रुक रहा है यदि पसंद नहीं आई तो घर में झाड़ू नहीं लगेगी ना बर्तन साफ होंगे पत्नी आदेश देती है देखो बसंती देख तो नहीं रही है मैं अपनी दृष्टि का विस्तार को चारों ओर खुला छोड़ देती हूं तभी मैं क्या देखता हूं वसंत आ रही है मुझे प्रतीक्षा बसंत की है आ रही है बसंती सच्चाई है सोचिए यदि और बसंती तो मुझे घर के बर्तन साफ करने पड़ते

©Ek villain #वसंत या बसंती का आना

#promiseday

#वसंत या बसंती का आना #promiseday #Society

6 Love

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KrishnaSharma

कविता का शीर्षक:- बसंत ऋतु का आगमन
लेखक:- कृष्णा शर्मा
 स्वरचित

पेड़ों पर कलियाँ फूट पड़ी मन सरसों सा लहराया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

 फूलों में रंग लगा भरने कोयल की कूक सुनाई दे

वह पवन बसंती है देखो मनवा को जो पुरवाई दे

 हरियाली खेतों में है आमों पर बौर लगा आने

देखो पलाश के फूलों को आकर्षित हैं करने वाले

मन बना बसंती झूम रहा क्या मस्त बहारें लाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत ये आया है

हो गर बसंत जीवन में तो हर मौसम में खुशहाली हो

पतझड़ चाहे जीवन हो पर अंतर्मन में हरियाली हो

भंवरा बन कर के फूलों पर जीवन को यूं महका  जाऊं

फिर बना बसंती खुद को मैं सारे जग को बहका जाऊं

 एक बसंती पवन ने ही मेरे मन को महकाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

इस फगवा और बसंती का जग में है मेल निराला सा

मदमस्त सभी को करता है मुझको कर दिया शिवाला सा

 सबके मन को ही भाता है देखो बसंत जब आता है

जीवन को रंग बिरंगा कर यह नई बहारें लाता है

इस एक अनोखी ऋतु ने ही सारे जग को महकाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

 जय शारदे मां

©KrishnaSharma कविता का शीर्षक बसंत ऋतु का आगमन

#Morning

कविता का शीर्षक बसंत ऋतु का आगमन #Morning #poem

60 Love

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VIKY KIWI

कविता पर कविता

कविता पर कविता

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जनकवि शंकर पाल( बुन्देली)

#poetryunplugged (4) "बसंत तुम आ गये " स्वरचित/मौलिक कविता

#poetryunplugged (4) "बसंत तुम आ गये " स्वरचित/मौलिक कविता

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Sangeeta Pal

बसंत ऋतु के आगमन में एक छोटी सी कविता
#कविता #poem #spring #basantritu

बसंत ऋतु के आगमन में एक छोटी सी कविता कविता poem spring basantritu

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Ganesh Shinde

ठरले होते माझे, एकट्याने चालणे,
तू उगा सोबतीची गळ घातलीस,
ऐन वसंताच्या मौसमात ही अशी,
बघ वटवृक्षाला पानगळ लागली।

दाखवून स्वप्नांचे मोकळे आभाळ,
तू उगी उगी समजूत घातलीस,
पानगळ लागता आता तू का ,
अशी गर्द राईत पाठ फिरवलीस।

हात धरलेला तुझ्या विश्वासाने,
तो हात आता पुन्हा हातात दे।
आयुष्यातली ही पानगळ जाऊनी,
पुन्हा बारमाही प्रेमवृक्ष बहरू दे। #yq_gns #पानगळ #बहर #वसंत #कविता #प्रेम
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Sweta

सरसों के फूल लहलहाना बसंत का
हवाओं पे खुशियाँ तराना बसंत का

पंछियों का देखों गुनगुना बसंत का
प्रकृति को देखों खजाना बसंत का

अरे पैगामें मोहब्बत लाना बसंत का
पायल जो झनकी बहाना बसंत का

चुनरियाँ सरकी शरमाना बसंत का
प्रेमियों का दिल धड़काना बसंत का

दिल का अजीब लुभाना बसंत का
हैं खूब ये मौसम सुहाना बसंत का

क्या कहे अंदाज जमाना बसंत का  
Queen ये दिल दीवाना बसंत का ।।

©Sweta #बसंत #मोहब्बत #Dil #Love #is #Smile #कविता #शायरी  #squeen 
#hills

बसंत मोहब्बत Dil Love is Smile कविता शायरी squeen hills

41 Love

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Rishi Dwivedi

बारिश की प्रथम फुहारों ने आ करके मुझे बताया है,
हल्की हल्की मन्द पवन ने नव अहसास जगाया है |
फिर बसंत आया है |
है मौसम में अलग रवानी, पक्षी भी सब बोल रहे हैं,
पेड़ो पर मस्ती है छाई, पौधे होली खेल रहे हैं |
उनकी यादों की आहट ने बरबस मुझे जगाया है,
फिर बसंत आया है |
पुरवा ने बस अभी अभी मंद सुगंध बिखेरी है,
कोयल ने भी अभी अभी इक मधुर तान सुनाया है |
मिट्टी की सोंधी खुशबू ने घर आंगन महकाया है,
फिर बसंत आया है |
सुबह हुई है सूरज ने स्वर्णिम रश्मि बिखेरी है,
मैने भी बिस्तर पर अपनी अंगड़ाई तोड़ी है |
माँ ने आकर अभी-अभी मुझको गले लगाया है,
फिर बसंत आया है |
  मेरी नयी कविता "फिर बसंत आया है" 
#yqbaba #yqdidi #yqhindi

मेरी नयी कविता "फिर बसंत आया है" #yqbaba #yqdidi #yqhindi

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Ranjana pramod sairaha

बसंत

बसंत

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Anuj thakur "बेख़बर"

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं



कोहरे का छट गया कोलाहल दूर दृष्टि आ गई! 
दिन गए जो कपकंपी के सुनहरी धूप छा गई!! 
वीणा की झनकार से दूर होगी अज्ञानता! 
मौसम ने ली अंगड़ाई और ऋतु बसंत आ गई!!

©Anuj thakur "बेख़बर" बसंत

बसंत

7 Love

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Rohit Barnawal

सब कुछ लूटा के इश्क़ में कुछ इस तरह संत बन जाऊं,

कि तू मेरी सावन हो जा मैं तेरा बंसन्त बन जाऊं।। #बसंत
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Manju Sharma 'kanti'

बसंत के फूलों सा है यह मेरा जीवन 
बसंत के फूलों सा है यह मेरा जीवन
 दूर से देखती हूं तो
 कही हल्का सा रंग है
 तो कहीं गहरा है 
नजदीक से देखती हूं 
तो कहीं गहरा है कहीं घना है
 पर जो भी है खूबसूरत है
 गहरा है तो सरस है 
 घना है तो बहुत खूबसूरत है
 मेरे जीवन के हर पल का आनंद
 इन्हीं हल्के गहरे और घने में तो है
 हां मेरा जीवन बसंत के फूलों सा तो है 
कभी बसंत आ जाता है 
कभी बसंत खो जाता है 
पर फिर भी यह मेरा बसंती जीवन
 तेरे साथ रोमांच भरा है
 प्रेम भरा है
 तेरे साथ बीन यह नफरत भरा भी है
 हां मेरा यह बसंती जीवन 
बसंत के फूलों सा तो है

©Manju Sharma
  बसंत

बसंत #कविता

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vimlesh Gautam https://youtube.com/@jindgikafasana6684

बसंत बहार ऋतु

©Vimlesh Gautam #बसंत
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Dr Parmod Sharma Prem

बसंत

बसंत #शायरी

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Rovin hud @UP23

सर्द चली है हवा बसंती 
आगोश में किरणे भरने को ।
उल्लास मना रही है फसलें
धरती से गगन चूमने को ।। # बसंत

# बसंत

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Anu

" बसंत " पर मेरी रचना 🥀🥀🥀🥀

" बसंत " पर मेरी रचना 🥀🥀🥀🥀

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Tilak Gondavi

पुरनी साख पर कलियों का तंतु आ ही गया ।
कोई दिल में  फिर हो के जीवंत आ ही गया।
हरे पत्तों की गोद में जब फूल खिलने लगें, 
यार समझो उसी दिन से बंसत आ ही गया। बसंत#

बसंत#

14 Love

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