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super star
आज दिल मे ख्याल आया आज जिदगी मे एक नया ख्वाब पाया सोचती हु उस ख्वाब को इनकार करु या इजहार करु इस। दिल की सुनु या दिल से लिये उन सस्कारों को #किस कि सुनु
Rajat N Bharadwaj
ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ । नहोस तिमि संग धनबल कतै मनमा एक अटल विश्वास हुनु पर्छ, तिमि एकलै लागन सक्छौ वीर बनि बस तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। सकदैन रोकन कुनै जनबल ले तिमिलाई मनबले एकलै डट्टन सकने हुनु पर्छ, थामिदिन सकछेउ तिमि पनि महा प्रलय, हेर तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। चाहिदैन कोहि एकलोनै सत्यहो सोहि सुर्य सरि बसन अटल तिमि सकनु पर्छ ढल्छन विसाल असत्य अटालिका तिमि अघि, तर तिमिले सत्यतामा पकड़ राख्न सकनु पर्छ। आउछन जानछन संसारमा कतियो बाहुबलि,, यो समाजमा तर तिमि टिकन सकनु पर्छ, स्वार्थिले हल्लाउननी सकदैन्न हेर्नु तिमिलाई बस तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। रजत भारद्वाज ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ ।
Rajat N Bharadwaj
ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ । नहोस तिमि संग धनबल कतै मनमा एक अटल विश्वास हुनु पर्छ, तिमि एकलै लागन सक्छौ वीर बनि बस तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। सकदैन रोकन कुनै जनबल ले तिमिलाई मनबले एकलै डट्टन सकने हुनु पर्छ, थामिदिन सकछेउ तिमि पनि महा प्रलय, हेर तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। चाहिदैन कोहि एकलोनै सत्यहो सोहि सुर्य सरि बसन अटल तिमि सकनु पर्छ ढल्छन विसाल असत्य अटालिका तिमि अघि, तर तिमिले सत्यतामा पकड़ राख्न सकनु पर्छ। आउछन जानछन संसारमा कतियो बाहुबलि,, यो समाजमा तर तिमि टिकन सकनु पर्छ, स्वार्थिले हल्लाउननी सकदैन्न हेर्नु तिमिलाई बस तिमिमा गर्ने ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ। रजत भारद्वाज ईच्छा प्रवल हुनु पर्छ ।
vaishnavi Mala
मिले थे दो दिल हो गए मगर जुदा खता क्या थी उनकी जो ज़माने ने रुला दिया प्यार किया था दोनों ने प्यार ही वो चाहते मगर बेदर्द ज़माने ने क्यों अश्को का उन्हें तोफा दिया रोते हैं हर रात हर दिन तड़पते हैं अपनी मोहब्बत को याद कर कभी तारों को गिन लेते हैं 27-12-2019 #मिले थे दो दिल
SK Poetic
दो लफ़्ज़ थे जिसे कहने में पूरी जिंदगी गुज़र गई.... सिर्फ और सिर्फ दो लफ़्ज़.. दो लफ़्ज़ थे वही कहने थे न साथ दिये तुम न वक्त सही थे वही हालात थे यादों में बस मुलाकात थे... दो लफ़्ज़ थे एक तेरे एक मेरे न गम न नम हँसी जज़्बात थे सिर्फ और सिर्फ दो लफ़्ज़.... कुछ तेरे थे कुछ मेरे थे हा वही थे न कही थे गलत थे या सही थे आँखों में बस अब नमी थे आसमाँ पर नहीं अब फकत फ़लक भी जमी पर थे सिर्फ और सिर्फ दो लफ़्ज़ थे कुछ तेरे कुछ मेरे वो सिर्फ तेरे मेरे एहसास थे वो बेसबब बेबस बेक़रार रात थे आँखे में बस अब सिर्फ ख़्वाब थे दो लफ़्ज़ थे वही कहने थे न साथ दिये तुम न वक्त सही थे कास हम कह दिए होते वो लफ़्जों को न दबाते तो आज हलात कुछ अलग थे क्यू सच है न सिर्फ दो ही तो वो प्यार के लफ़्ज़ थे कुछ तुम्हारे और कुछ हमारे और क्या बस सिर्फ और सिर्फ दो ही लफ़्ज़ थे दो लफ़्ज़ थे जिसे कहने में पूरी जिंदगी गुज़र गई.... सिर्फ और सिर्फ दो लफ़्ज़. ©S Talks with Shubham Kumar दो लफ़्ज़ थे #Dark