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Aniket Sen

इत्र के सौदागरों की एक कतार,
आज उसके घर के सामने दिखी।

पूछने पर पता चला कि,
वो अपनी महकती साँसें बेचने लगी है। #महक #महकती #साँसे #इत्र #सौदागर #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow

निशब्द

रात महक महक गई 💐😊 #Hindi #yqdidi #yqbaba #yqaestheticthoughts Life #Life_experience #विचार

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afsa -gp

चाँद है ख्वाब हैं आगोशे-जिंदगानी है आपके घर में क्या खूब मेजबानी है आसमां ने तो कर दिया फैसला मेरा आप भी कह दें क्या मेरी कहानी है मह

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चाँद है ख्वाब हैं आगोशे-जिंदगानी है 
आपके घर में  क्या खूब मेजबानी है 

आसमां ने तो कर दिया फैसला मेरा 
 आप भी कह दें क्या मेरी कहानी है

मह

RituRaj Gupta

पेश है एक नई ग़ज़ल :: जंज़ीरों को तोड़ते जाओ, अपने निशाँ छोड़ते जाओ... मंजिलें मिल जायेंगी, कदमों को बढ़ाते जाओ, किस्से कहानी के वास्ते, अपने #yourquote #positive #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #riturajgupta #निशाँछोड़तेजाओ

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मंजिलें मिल जायेंगी, कदमों को बढ़ाते जाओ,
किस्से कहानी के वास्ते, अपने निशां छोड़ते जाओ,

जंजीरों भी टूट कर बिखर जायेंगी इक दिन,
बस हौंसलों का दायरा, बढ़ाते जाओ,

आसमां भी झुक कर, सलाम करेगा तुम्हें,
पंखों कि उड़ान को, दूर तलक़ फैलाते जाओ,

जिस मिट्टी में महक, महकती रहे दिन रात,
उस मिट्टी में मोहब्बत कि खुशबू, भरते जाओ,

जिस पेशानी कि लकीरों में, मुकद्दर तय नहीं होता,
उस मुकद्दर को पेशानी पर, खुद लिखते जाओ,

डगमगाने लगे क़दम, जब आंधियों के शोर से,
आगे बढ़ते जाओ, हवाओं का रुख मोड़ते जाओ !! पेश है एक नई ग़ज़ल ::

जंज़ीरों को तोड़ते जाओ,
अपने निशाँ छोड़ते जाओ...

मंजिलें मिल जायेंगी, कदमों को बढ़ाते जाओ,
किस्से कहानी के वास्ते, अपने

Harshita Dawar

सुप्रभात। इन ख़ूबसूरत पलों को बिल्कुल भी मत गंवाइए। #ख़ूबसूरतपल #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harsh #jazzbaat

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
गंवा मत ख़ूबसूरत पल।
आज भी वो पलाश के फूलों।
की महक महका रही है।
उस इत्र की महक आज भी दूर से आ रही है।
तेरी होने ह सबब बता रही है।
तेरे कदमों की आहट उन सूखें पत्तों में।
होने का एहसास जगा रही है।
आज कुछ ऐसा हुआ वो सीखे पत्ते मेरे क़दमों।
पर उड़ कर कुछ कहने की कोशिशं करते हवा के रुख़।
के साथ तिलमिलाते चिलचिलाती ठंडी हवाओं में ठिठुरतें।
फिर कुछ फुस फुसाते उड़ते एहसास में एहसास दिलाते।
उसी बेंच पर उड़ते वहीं रुक कर कुछ इशारां दे रहे थे शायद।
की आज आ बैंठ यहां तेरे।
 उपर सूखें पत्तों की बारिशं करनी है।
जैसे उनको पता है मुझे सूखे पत्तें पसंद है।
उनकी आवाजें आती दिल को दस्तकं दे जाती है।
किसी के जज़्बातों का एहसास दिला जाती है।
उस ठिठुरती सर्दी में भी ग़म  में चूर आंखो में किसी से दूर।
होती मिलने की आस जगाएं।
पहलूं में अपनी किताब लिए उन लम्हों को पिरोती।
एक एक लफ्ज़ लिखती।एक आंसू की बूंद को रोकती।
बस मत गंवा मत ख़ूबसूरत एहसास को।
जी लू ज़रा जी लू ज़रा।।।ज़र्रा ज़र्रा में सांसें चल रही  है।
उनकी भी आवाजें मेहसूस हो रही है। सुप्रभात।
इन ख़ूबसूरत पलों को बिल्कुल भी मत गंवाइए। 
#ख़ूबसूरतपल #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
Written by Harsh
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