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Shayar
Aaj Ki Hadees Rasulullah ﷺ ne irshaad farmaaya: Do aadmiyon ke darmiyaan mein unki ijaazat ke bagair na baitha jaye. (Abu Dawud: 4844) आज की हदीस रसुलुल्लह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : दो आदमियों के दरमियान में उनकी इजाज़त के बगैर ना बैठा जाए। ( अबू दाऊद:4844)
@aliwriters_
रदीतू बिल्लाहि रब्बा व-बिल इस्लामी दीना। वबी मुहम्मादिन सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम्, नबियाँ व-रसूला।। میں نے اللہ کو اپنا رب اور اسلام کو اپنی طرز زندگی کے طور پر قبول کیا ہے। اور میںنے محمد ﷺ کو اللہ کے نبی اور رسول کی حیثیت سے قبول کیا ہے। । I've Accepted Allah as my Lord and Islam as my way of life। And I've Accepted Muhammed SAW. as Allah's prophet and messenger।। ~Foundation of Rekhta रदीतू बिल्लाहि रब्बा व-बिल इस्लामी दीना। वबी मुहम्मादिन सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम्, नबियाँ व-रसूला।।
MOHAMMED AKRAM
रसूलुल्लाह ने फ़रमाया : क्या मे तुमको ऐसे लोगोके मुताल्लिक़ न बताऊ जिन पर दोज़खकी आग हराम है, और वो आग पर हराम है? हर वो शख्स जो अपने क़रीबके लोगो के लिए आसानी और सहूलत पैदा करता है (उन सब पर दोज़ख़की आग हराम है) ©MOHAMMED AKRAM रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का फरमान
Shayar
Aaj Ki Hadees Hazrat Abu Hurairah Raziyallahu 'anhu riwaayat karte hain ke Rasullulah ﷺ ne irshaad farmaaya: Kabira gunahon mein se ek badaa gunah kisi musalmaan ki izzat par nahaq hamla karna hai. (Abu Dawud: 4877) आज की हदीस हज़रत अबू हुरैरा रजियललाहु अन्हु से रिवायत करते हैं के रसुलूल्ला सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : कबीरा गुनाह ( बड़े ग
जमील अंसारी कुडै़निया
Shayar
Aaj Ki Hadees Hazrat Abu Hurairah Raziyallahu Anhu se riwaayat hai ke Nabi Kareem ﷺ ne irshaad farmaaya: Chhota bade ko Salaam kare, guzarne waala baithe hue ko Salaam kare aur thode aadmi zyaada aadmiyon ko Salaam Karein. (Bukari: 6231) आज की हदीस हज़रत अबू हुरैरा राजियाल्लहू अन्हू से रिवायत है के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया: छोटे बड़े को सलाम करे, गुजर
STRONG MADARI
तकदीर बदलने को बस तेरे ही दर जाएं जो तैबा नगर जाएं जिस धरती पर रहमत दिन रात बरसती है मैं शुर्मा बनाऊंगा थोड़ी खाक उठा लाए जो तैबा नगर जाएं एक के रोज मैं देखूंगा तैबा की बहारों को है रब से दुआ येही बह दिन तो कभी आए जो तैबा नगर जाएं सूरज की रोशनी भी फीकी पड़ी है इसलिए हम तेरे शहर की रौनकें आंखों में बसा लाएं जो तैबा नगर जाएं खुदा अपने महबूब के सदके बांट रहा है चलो मदीने आका के दर पर झोली फैलाई जाए जो तैबा नगर जाएं जाने वालों से कह दो तुम नूरुल मौला के दर पर मेरी भी फरियाद की जाए जो तैबा नगर जाएं ©STRONG MADARI नाते रसूले पाक सल्लल्लाहो ताला वसल्लम