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Harvinder Ahuja
कभी कभी किसी को कहना, और किसी को सुनाना पड़ता है, जब दिल पर बढ़ जाता है कोई बोझ, उठा कर कलम की नोक से, इक ओर हटाना पड़ता है, यह जरूरी नहीं हर लफ्ज़ के पीछे हसीना हो, कई बार बेवजह गुनगुनाना पड़ता है, आगे ही कई गलतफहमियों के शिकार है, खूं की स्याही से हर दाग मिटाना पड़ता है। ©Harvinder Ahuja #लगाव-अलगाव #Hopeless
Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
dilip khan anpadh
विदाई **** एक गीत जो सहज आपके पलको पे आंसू छलकने को मजबूर कर देगा बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को आंसू देके नयन में,भूली इस डगर को बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को......2 पाला खुद को भूला के,हंसी तुझको देके सींचा तुमको कली सा,खुशी तुझको देके जागता रातों को मैं था,अगर तुम न सोओ झूला घंटो झुलाया,कंही तुम ना रो दो आज हो के पराई,चली तुम किधर को बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को आंसू देके नयन में,भूली इस डगर को........2 रोए सखियां-सहेली, माँ गुमसुम नजर से दूर जाओ न ऐसे,कैसे कह दे जिगर से मांग सिंदूर है शोभे,भाल बिंदिया छटकती चुनरी घानी गुलाबी,पग में पायल छनकती छोर बाबूल के घर को,चली किस शहर को बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को आंसू देके नयन में,भूली इस डगर को.......2 सात फेरों में चल दी,लेके गालों पे लाली कैसे रोकूँ सिसकना,हूँ मैं अदना से माली ले लूँ सारी बालाएं,आज हर एक नजर से दे दूं तुझको दुआएं,आज रब के असर से डोली चल दी तेरा,छोड़ा बाबुल के दर को बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को आंसू देके नयन में,भूली इस डगर को......2 बेटी तुम तो विदा हो,चली अपने घर को....2 दिलीप कुमार खाँ"""अनपढ़""" #विदाई #बिछरण #अलगाव #दर्द #आँसू #यादें #लगाव
Anamika
तुम्हारे सवाल का नहीं मेरे पास जवाब, बस इतनी रहे दूरी.. न हो लगाव , न हो अलगाव.. #cinemagraph #सवाल#जवाब #लगाव#अलगाव #दूरी #योरकोट #तूलिका
Shivesh Singh
रखना नहीं किसी से ज्यादा लगाव, वरना हो जाता है जल्द ही अलगाव।। #nojotohindi #nojotothought #sapne #inspired #jindgi#nojototruth #लगाव #अलगाव
Rajotiya Bhuwnesh
चिता भी नहीं जली दिल ढहल उठा उसकी मय्यत मे मेरा कलेजा उठ बैठा वो रिश्तो की मय्यत मे बच्चों की छत टूट गयी पैर नंगे हो गए जब मम्मी पापा अलग हो गए अब हुआ हाल बदहाल पाँव नंगे तो धरती तपे छत टूटे तो बादल बरसे ठिकाना कही नहीं अच्छा है सब बदहाल बुरा सपना है ना इनको एक होना है सब आंधी तूफान सर्दी बरसात सब सहना है माँ बाप मे किन्ही एक को साथ लेना है माँ बाप आपस मे खीज रहे रिश्तो को बदहाल खींच रहे है टूटने को है रस्सी सिर्फ बच्चों की गाठ पर अड़े रहे ना मान रहे साथ रहने को सिर्फ अलगाव पर अड़े रहे अब बच्चे भी किस बात की सजा भुगत रहे होना पड़ रहा जुदा बच्चे अब सोच रहे अब कोनसा साथ रहे बच्चों ने कर लिया फैशला माँ बाप का अगर हुआ अलगाव साथ किसी के नहीं रहना है रहना है आश्रम मे अनाथ की जिंदगी अब जीनी है राजोतिया भुवनेश ©Rajotiya Bhuwnesh jangir रिश्तो का अलगाव #apart
jyoti
चेहरे पर थी उसके इक अजीब सी उलझन, थोड़ी सी परेशानी, थोड़ी सी कश्मकश। खोई हुई थी परिचित से ख्यालों में, ढूंढ रही थी जवाब सवालों में। जब भी ठहरकर बुनती ताने बाने, पाती मन का अलगाव , अपने हो जाते बेगाने। ✍️arti ©jyoti #अजीब उलझन#मेरा मन का अलगाव
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ