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मै और मेरे ब्लॉग्स
Vandana
"नजरे चुरा के हमसे मुंह फेर के चले गए। "हम तो बेसब्री से बेइंतहा इंतजार में खड़े थे। "इतना भी क्या मशरूफ हो यारों में, 'की माशूका को ठेंगा दिखा कर चले गए, 'आने दो ऊंट पहाड़ के नीचे, 'फिर हम भी दिखाएंगे अपने जलवे, 'जब प्रेम की बंसी बजाओगे, 'फिर बिन सुरताल के रह जाओगे, 'जब सुनोगे प्रेम भरे गीत तो हम तुम्हारे जेहन में मंडराएंगे, 'जब हीरो खुद को समझोगे तो हीरोइन कहां से लाओगे तो हम याद खुद ब खुद आ ही जाएंगे। "जब आएगा वैलेंटाइन डे, 'तब क्या यारों के साथ मना आओगे, 'फिर तुम खाक छानते रह जाओगे, 'बड़े इतराते हो बड़े फड़फड़ाते हो, 'इश्क इश्क करते हो 'आग के दरिया में क्यों ना गोते लगा के आते हो, 'चिट भी अपनी पट अपनी, 'हर चीज में ही अपने को शहंशाह बनाते हो,, 'हरकतें गुलामों जैसी, शहंशाह के तो एक भी गुण में नजर नहीं आते हो,,,, यह फनी पोयम है मस्ती मजाक कुछ एहसास है इसका संबंध हास्य रस से है। पूरी कविता कैप्शन में "नजरे चुरा के हमसे मुंह फेर के चले गए। "हम तो
Gyan Prakash Yadav
जुबान छोड़ यहां बेजुबानी देखी जाती है खाली कमरों में रोशनदानी देखी जाती है।। हो अगर पराए तो दिल से दिल मिलाते हैं हमसफर बनाने में खानदानी देखी जाती है।। अतीत के सफर में जो काट रहे दास्तान ए जिंदगी के गीतों और गजलों में अब रूमानी देखी जाती है।। खुदा को पाते थे जो कभी किसी के दिल में अब पत्थर की मूरत में यजदानी देखी जाती है।। कब्र पर लिए पांव समेटे कौन देखेगा यहां कभी आफताब के यावन में बस हमा- दानी देखी जाती है। गुजिस्ता के दाग चेहरे से हटा भी ले कभी तो यहां गर्दानी छोड़ बस पेसानी देखी जाती है।। पहाड़ ,नदी मरू कौन देखता है यहां कोई कामयाबी में अब सिर्फ मैदानी देखी जाती है।। जुबान छोड़ यहां बेजुबानी देखी जाती है खाली कमरों में रोशनदानी देखी जाती है।। ©Gyan Prakash Yadav #alone नजारों के बीच नजरे
Aditya Raj
मुस्कुराकर जो नजरे मिली, फिर कभी ना नजरे चुरा पाई। नजरों का ही तो खेल है प्यारा, जब मिल गई तभी समझ आई।। ©Aditya Raj मुस्कुराकर जो नजरे मिली, फिर कभी ना नजरे चुरा पाई। नजरों का ही तो खेल है प्यारा, जब मिल गई तभी समझ आई।।
Shubhangi Sutar
उससे मोहब्बत करके हम तो घरवाले और दुनियावालो की नजरो मैं अपराधी गुनहगार थे.... पर खुदकी नजरों मैं तो एक सच्चा और मुक्कमल हमसफर मिला था मेरे लिए ओ मेरा सब कुछ था जो भी सजा दीजीए हमैं मंजूर हैं हम कोनसा आपकी सुन के उनसे इश्क करना छोड देंगे ©Shubhangi Sutar नजरे.....
Vikrant Singh Patel
कहर महफ़िल-ए-तमाम पर गिरा दीजिए...! बस आप नजरे झुका के उठा दीजिए..!!❤️ #नजरे
super star
Key to Happiness जिदगी ने भी हमारे साथ ये कैसी फरमाइश कि है उसे देखने के अलावा इन नजरो ने ओर किसी कि ख्वाहिश न कि है #नजरे