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Amit Singhal "Aseemit"

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જેનતીસાખટ

दिव्या विस्तार #વિચારો

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MANPREET SINGH (साहिर-ए-मन)❤

विस्तार हूँ मैं #कविता

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विस्तार हूँ मैं।
हर छण छणिक हूँ मैं।
हर छण बढ रहा हूँ।
मैं वायु सा हूँ हर छण बह रहा हूँ।
रुकता नहीं रुक जाऊँ तो फिर रहता नहीं।
सीमाओं से परे आसमान सा हूँ मैं।
अनियंत्रित विस्फोट हूँ।
हर पल हूँ बहता दरिया,
हर छण में विस्फोटित हूँ,
सीमाओं से परे ब्रह्माण्ड से भी बडा हूँ।
अनियंत्रित ऊर्जा हूँ,

मैं विस्तार हूँ।
आदि-अनादि, वर्तमान और भविष्य से परे,
असीमित हूँ,
मैं विस्तार हूँ । विस्तार हूँ मैं

Parasram Arora

धरा बका विस्तार......

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महिनो की  दूरी मिंटो में लांघ कर तुम मेरे पास आये हों
सच हैं  आदमी ने धरा का विस्तार सिमित कर दीया हैं
सगरो की  तलहटी में आदमी के चरण पहुंच गए
आदमी ने गहराई के रहस्ययों से आवरण हटा दीयाहैं
दिशाओं को  विस्तार  अब सकुचित हुआ हैं
लेकिन मन की  दूरी प्र अंकुश नही लग सका हैं
हमने  असाधारण को  सहज और सरल बना दीया हैं
किन्तु  उसे  सहेजना हमसे  अभी  भी नही हों पाया हैं
दूर की दूरी तो हम अकेले ही तय कर लेंगे
किन्तु निकटता की  दूरी  को  पाटने में विलम्ब हों गया हैं

©Parasram Arora धरा बका विस्तार......

Rakesh Kumar Dogra

विस्तार के विरोधाभास

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"भेड़ जब चरती है तो चारों तरफ फैल जाती है
जब मंज़िल की तरफ बढ़ाओ तो झुण्डों में सिकुड़ जाती है।" #NojotoQuote विस्तार के विरोधाभास

Shashi Bhushan Mishra

#क्षमता का विस्तार करो# #कविता

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रखो कदम अपना संभालकर क्षमता का विस्तार करो, 
सीखो नव तकनीक नित्य ही समय नहीं बेकार करो,

कृपा प्राप्त करनी है तो  अनुशासन रक्खो जीवन में,
विकसित करो स्वयं का जीवन औरों का उद्धार करो,

भरो नई ऊर्जा नित मन में संपोषित हो ज्ञान सृजन, 
कालरात्रि में दीप जलाकर दूर सकल अंधियार करो,

आशाओं का विटप सदा परिपोषित हो हृदयांगन में,
प्रेम प्यार से सिंचित कर भौतिक सुख का श्रृंगार करो, 

नियति नियम का अवलंबन संरक्षित करती है हरपल, 
अनुपम सुख, आनंद हृदय में, आशा का संचार करो, 

मिटे तिमिर,भ्रम छँटे जगत से,हो ऐसा प्रयास सबका, 
शंकाओं का असुर खदेड़ो,  तृष्णा का प्रतिकार करो, 

धरती,चाँद,गगन,सूरज है एक मिला सबको 'गुंजन',
रहे कामना सुखद भुवन की,  दुर्जन का संहार करो, 
       ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता का विस्तार करो#

Parasram Arora

#प्रतीक्षा का अनंत विस्तार.....

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वो नदी  जानती है 
सागर  से  मिलन क़े लिए 
अनंत है  प्रतीक्षा  लेकिन वो क्याकरे 
उसे  तो सागर का  विस्तार    पाना  ही  है 
लम्बी  दौड़  क़े  बाद  वो  काफी  थक भी चुकी है 
लेकिन  सागर  अब भी  उससे काफी  दूर  खड़ा 
बाहें  पसारे  तैयार.  उस नदी को अपनी  बाहों मे 
पनाह  देने क़े किये.. और 
सागर  भी  शायद ये  जान चुका है  उसका प्रेम और कुछ नहीं 
प्रतीक्षा का   अनंत  विस्तार  ही  है 
नदी  और  सागर   उस   संभावित मिलन क़े लिए  
और  एक  दुसरे  मे  स्फूर्ति क़े लिए 
अपने  अपने  मूक  संदेश  आये  दिन  भेजते  रहते है. 
और वो नदी  पूरी  तरह आश्वस्त है क़ि  सागर  एक दिन  जरूर 
उसे   अपने  मे  समेट  कर  ही  दम लेगा

©Parasram Arora #प्रतीक्षा  का  अनंत  विस्तार.....

Ek villain

#brokenlove #हिंदू पहचानने का विस्तार #Society

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हजार वर्ष पहले भारत में रहने वाले सभी लोगों को हिंदू कहना सही था किंतु यह भी अजीब सत्य है कि हमें यह हिंदू ना विदेशियों ने ही दिया था वास्तव में हम तो आ रहे थे और देश का नाम आर्यवर्ता बाद में चक्रवर्ती सम्राट भारत के नाम पर देश का नाम भारत हुआ भारत को उस काल में सोने की चिड़िया कहते थे उस समय सिंधु घाटी सभ्यता की पूरी विश्व में तूती बोलती थी इसलिए विश्व भर के व्यापारी वहां पहुंचते थे असल में सिंधु नदी के उस पार से आने वाले आक्रमणकारी लुटेरे सा को बुलाते थे लिहाज में हिंदू को हिंदू बोलते थे इसलिए वे देश को भी हिंदुस्तान कहते थे अंग्रेजी शब्दों को इंडस कहते थे इसलिए कारण अंग्रेज भारत को इंडिया कहते थे देश में जितने भी आक्रमणकारी आए वह सब लुटेरे ही थे असल में गुलामी के दिनों में हिंदू पहचान ही खो गई थी

©Ek villain #brokenlove #हिंदू पहचानने का विस्तार

pooja khatri

प्रेम विस्तार है सृष्टि का #कविता

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Ek villain

#राम मार्ग का विस्तार #Dussehra #Society

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विजय की अजय गाथा कहती है विजयदशमी अमर है जब भगवान श्रीराम ने पृथ्वी को पाप से मुक्त कराने का वचन पूरा किया तो विजय श्री भी इसी दिन स्वयं को धन्य मानती होगी क्योंकि यह दिवस विजय का प्रतीक बन गया है लोग को मैं दशहरा एक महान विजय पर्व है इसलिए इसे अलौकिक विजय दिवस भी कह सकते हैं राम की वजह कथा की तात्विक मानसिक से धर्म ग्रंथ भरे पड़े हैं महा पंडितों ने ज्ञान के समस्त द्वार खोल दिए हैं मानव के राक्षस पर विजय का रहस्य संसार के समक्ष के असत्य पर सत्य की सदा विजय होती है राम रावण युद्ध को हमें कोई कसौटी पर विश्लेषण भी परखना चाहिए

©Ek villain #राम मार्ग का विस्तार
#Dussehra
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