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Mmm malwinder

कपड़े #Life

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Vikas Patil

कपड़े

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Anita Prajapati10

कार्ड____दीपावली का
📝
🌺माननीय श्री नोजोटो परिवार आप 🌺
🌺सभी को दीपावली की 🌺
🪔 हार्दिक शुभकामनाएं 🪔
🌺हमारे जमाने की बात हे  ये🌺
उन दिनों मैं फोन नही थे 🌺हम लोग अपने
रिश्तेदारों को कार्ड भेजकर शुभेच्छा
भेजते थे, 🌺कैसे लिखते थे🌺 में बताती हूं ।।😀😀😀😀
पहले तो दीपावली का कार्ड🌺 हम खुद बनाते थे,🌺
कंकू या गुलाल को 🌺पानी में घोलकर🌺स्वास्तिक छापते, फिर 👣लक्ष्मी का 👣
पांव छापते, 🌺 "श्री" से शुरुआत होती थी,
सभी संबंधियों को 🌺ये शुभ दीपावली का कार्ड भेजते थे, 🌺और सभी के कार्ड का हमे भी इंतजार रहता था।।🌺🌺
इतने छोटे से कार्ड में🌺 कितना प्यार बरसाते थे।।🌺😀😀😀😀
और अंत में लिखते 🌺ये कार्ड को हम आप को
रूबरू मिले हो ऐसा समझना 🌺😀😀
ली..🌺आप की अपनी अनिता का
ढेर सारा प्यार.......🌺
❤️❤️❤️❤️

©Anita Prajapati10 #कार्ड 

#कार्ड
#शुभदीपावली
#Flower

Shahab

आज एक शादी का कार्ड आया 

उसमें सबसे नीचे लिखा है

Stay Home 

Stay Safe...

घर में रहें , सुरक्षित रहें ।।

समझ नहीं आ रहा बुलाया है या मना किया है

©Shahab #कार्ड

Pankaj R

मैंने कपड़े #कामुकता

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| मैले कपडे |

| मैले कपडे | जापान में एक शहर है ओसाका वंहा शहर के निकट ही एक गाँव में एक विद्वान संत रहा करते थे । एक दिन संत अपने एक अनुयायी के साथ सुबह की सैर कर रहे थे । अचानक ही एक व्यक्ति उनके निकट आया और उन्हें बुरा भला कहने लगा । उसने संत के लिए बहुत सारे अपशब्द कहे लेकिन संत फिर भी मुस्कुराते हुए चलते रहे । उस व्यक्ति ने देखा कि संत पर कोई असर नहीं हुआ तो वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उनके पूर्वजो तक को गालियाँ देने लगा । संत फिर भी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे और संत पर कोई असर नहीं होते देख वो व्यक्ति निराश हो गया और उनके रास्ते से हट गया । उस व्यक्ति के जाते ही संत के अनुयायी ने उस संत से पूछा कि अपने उस दुष्ट की बातों का कोई जवाब क्यों नहीं दिया वो बोलता रहा और आप मुस्कुराते रहे क्या आपको उसकी बातों से जरा भी कष्ट नहीं हुआ  । संत कुछ नहीं बोले और अपने अनुयायी को अपने पीछे आने का इशारा किया । कुछ देर चलने के बाद वो दोनों संत के कक्ष तक पहुँच गये । उस से संत बोले तुम यही रुको मैं अंदर से अभी आया । कुछ देर बाद संत अपने कमरे से निकले तो उनके हाथों में कुछ मैले कपडे थे उन्होंने बाहर आकर उस अनुयायी से कहा ” ये लो तुम अपने कपडे उतारकर ये कपडे धारण कर लों इस पर उस व्यक्ति ने देखा कि उन कपड़ों में बड़ी तेज अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी इस पर उसने हाथ में लेते ही उन कपड़ों को दूर फेंक दिया ।” संत बोले अब समझे जब कोई तुमसे बिना मतलब  के बुरा भला कहता है तो तुम क्रोधित होकर उसके फेंके हुए अपशब्द धारण करते हो अपने साफ़ सुथरे कपड़ो की जगह । इसलिए जिस तरह तुम अपने साफ सुथरे कपड़ों की जगह ये मैले कपडे धारण नहीं कर सकते उसी तरह मैं भी उस आदमी में फेंके हुए अपशब्दों को कैसे धारण करता यही वजह थी कि मुझे उसकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा ।

©Pankaj R मैंने कपड़े

Hasanand Chhatwani

लोगो के सिर्फ कपडे ही साफ है साहब,

 नियत नहीं........... #कपड़े #नियत#

Rʌvɩ vɘʀɱʌ

"सोच" ब्रांडेड होनी चाहिए,
"कपड़े" नहीं!
                                      ✍️_Ravi Verma #सोच #कपड़े

Krishna Kumar

मैंने कपड़े #कामुकता

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| मैले कपडे |

| मैले कपडे | जापान में एक शहर है ओसाका वंहा शहर के निकट ही एक गाँव में एक विद्वान संत रहा करते थे । एक दिन संत अपने एक अनुयायी के साथ सुबह की सैर कर रहे थे । अचानक ही एक व्यक्ति उनके निकट आया और उन्हें बुरा भला कहने लगा । उसने संत के लिए बहुत सारे अपशब्द कहे लेकिन संत फिर भी मुस्कुराते हुए चलते रहे । उस व्यक्ति ने देखा कि संत पर कोई असर नहीं हुआ तो वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उनके पूर्वजो तक को गालियाँ देने लगा । संत फिर भी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे और संत पर कोई असर नहीं होते देख वो व्यक्ति निराश हो गया और उनके रास्ते से हट गया । उस व्यक्ति के जाते ही संत के अनुयायी ने उस संत से पूछा कि अपने उस दुष्ट की बातों का कोई जवाब क्यों नहीं दिया वो बोलता रहा और आप मुस्कुराते रहे क्या आपको उसकी बातों से जरा भी कष्ट नहीं हुआ  । संत कुछ नहीं बोले और अपने अनुयायी को अपने पीछे आने का इशारा किया । कुछ देर चलने के बाद वो दोनों संत के कक्ष तक पहुँच गये । उस से संत बोले तुम यही रुको मैं अंदर से अभी आया । कुछ देर बाद संत अपने कमरे से निकले तो उनके हाथों में कुछ मैले कपडे थे उन्होंने बाहर आकर उस अनुयायी से कहा ” ये लो तुम अपने कपडे उतारकर ये कपडे धारण कर लों इस पर उस व्यक्ति ने देखा कि उन कपड़ों में बड़ी तेज अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी इस पर उसने हाथ में लेते ही उन कपड़ों को दूर फेंक दिया ।” संत बोले अब समझे जब कोई तुमसे बिना मतलब  के बुरा भला कहता है तो तुम क्रोधित होकर उसके फेंके हुए अपशब्द धारण करते हो अपने साफ़ सुथरे कपड़ो की जगह । इसलिए जिस तरह तुम अपने साफ सुथरे कपड़ों की जगह ये मैले कपडे धारण नहीं कर सकते उसी तरह मैं भी उस आदमी में फेंके हुए अपशब्दों को कैसे धारण करता यही वजह थी कि मुझे उसकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा ।

©Krishna Kumar मैंने कपड़े

Kanilal charpota

क्रेडिट कार्ड #ज़िन्दगी

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Er. Nishant Saxena "Aahaan"

राशन कार्ड #Comedy

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