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Asha...#anu
"यूँ ही नही ये धडकनें तेज होती है माँ! तुफान आएं वहाँ... इस दिल को खबर ही ना हो... इतनी कमजोर इस रिश्ते की दोर नही... चाहे लाख छुपा लो दर्द अपना... इस दिल को एहसास ही ना हो... इतना बेजान ये लहू नही..!!!" ©Asha...#anu #नोजोटोराइटर्स ङ
SukHRai_HR59
#RajasthanDiwas Law's Study 📖 ©SukHRai_HR59 कौन से करार संविदाएं हैं ? ( Which agreements are contract ? ) अधिनियम की धारा 10 के अनुसार ऐसे सब करार संविदाएं हैं , यदि वे ( क ) संविदा
VAGHELA YOGESH
एक नई सी किरण आखों के सामने है, लगता है कोई नया कदम जिंदगी में गिरने वाला है। वादा करता हूं इस नई जिंदगी की राह में सब से पहले अब तू होंगी ।। #आपका प्यार जिससे आप प्यार शुरू करने वाले हो # HappY New JourneY ©JYOGESH a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z ક - क(ka) ખ - ख(kha) ગ - ग(ga) ઘ - घ(gha) ઙ - ङ(nga) ચ - च (ca) છ - छ(cha) જ - ज(ja) ઝ
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
🌷'प' वर्ग और 'क' वर्ग🌷 प - पहुँच कर ईश्वर के दरबार में, अपने सर को झुका, फ- फल की इच्छा त्याग कर, अपने कर्म तू करता जा। ब- बंदिशें ना होंगी तुझ पर, अपने कर्म को पूजा मान, भ- भलाई का फल होगा सुखद, तू भला करता जा। म- मत सोच की तुमने जो किया, वो अच्छा है या बुरा, क- किसी के भरोसे ना छोड़, कोई भी काम को अधूरा। ख- खोना मत अपना अस्तित्व, इस दुनिया के भीड़ में, ग- ग़म ना कर तुम्हें ख़ुशी मिलेगी, कार्य भी होगा पूरा। काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है। कृपया ध्यान से पढ़ें आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे। हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन
Writer1
प्रयुक्त वर्ग प एवं क वर्ग प्रकृति पर यौवन लाया, देखो बसंत बहार लाया, फल खिले डाल पे खुशी से बनसपती लहराया, बहते रहो जीवन पथ पर, जिंदगी के बहाव पे, भंवरा इतरा रहा, फ़क़त फूलों का पराग पाने पे। कंटक वाणी ना बोलो, हृदय पर ना घात करो, खारज़ार ना हो ख्याबां, हमेशा, प्यार करो, गमगीन जहाँ में, नफरतों मिटा,जीवन गुलज़ार करो, घायल है हर कोई यहां, तुम प्यार की मरहम करो। काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है। कृपया ध्यान से पढ़ें आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे। हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन
DR. SANJU TRIPATHI
पल - पल बीत रही जिंदगी के दामन को, चलो खुशियों से भरते हैं। फल की चिंता को छोड़कर, चलो हम सब बस अपने कर्म करते हैं। बीती बातों को भूल कर सब, चलो मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं। भीगी हों पलकें फिर भी दूसरों पर, चलो खुशियों की बरसात करते हैं। मंजिल मिलेगी एक ना एक दिन, चलो मुश्किलों से दो-दो हाथ करते हैं। कब तक रूठी रहेगी यूँ जिंदगी हमसे, चलो मनाने की कोशिश करते हैं। खत्म करके सारी रंजिशें आपस की, चलो प्यार से मुलाकात करते हैं। गमों को भुलाकर सारे चलो खुशियों को ढूंँढने की एक कोशिश करते हैं। काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है। कृपया ध्यान से पढ़ें आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे। हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन
Prerit Modi सफ़र
【"पवर्ग "... प फ ब भ म और "कवर्ग "... क ख ग】 पानी सा बह रहा हूँ अपना रास्ता बना रहा हूँ मैं फ़ानी इस दुनिया में खुद को तलाश रहा हूँ मैं बेताब दिल की धड़कन को कोई तो सुने मेरी भड़कती आग में शो'ला सा जल रहा हूँ मैं मृगतृष्णा है ये जीवन कोई समझता क्यों नहीं कोरे कागज़ में स्याही सा फैल रहा हूँ मैं ख़ानाबदोश है 'सफ़र' कभी है यहाँ कभी है वहाँ गुज़िश्ता पलों से ज़िन्दगी को चुरा रहा हूँ मैं काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है। कृपया ध्यान से पढ़ें आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे। हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन
Ajayy Kumar Mahato
हिन्दी या हिंदी 👇👇👇👇 अनुशीर्षक(Caption) में नीचे पढ़े 👇👇👇 पोस्ट का शीर्षक ‘हिंदी या हिन्दी’ है क्योंकि जो व्याकरण खण्ड या खंड के पीछे है, वही हिन्दी या हिंदी के पीछे भी। इसे समझने के लिए हमें हिन्दी