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अशुनुराग
बांध.... पडद्याआड गेलेली पात्र आणि, मनाआड गेलेली लोकं, काळाआड गेलेल्या "शापित दिवसांसारखे" असतात, जे पुन्हा कधीच दिसत नाही! केवळ दिसतात त्या , आपल्या जीवनाच्या वाळूवरती, उमटलेले त्यांचे पाऊलखुणा! आणि ,जेव्हा दोघी किनारे कांठोकाठ भरतात, तेव्हा एका विलक्षण उणिवेची जाणीव होते, "डोळ्यातला बांध तोडण्यासाठी हातात नव्हे, तर मनात बळ असावया लागते!!" #बांध
SHIVAM KARNE
नहीं है रोकने को कोई पर फिर भी मेरे वचनों ने बांध दिया कभी बांधा खुद ने, कभी अपनों ने बांध दिया कभी बांधा जिम्मेदारियों ने, रिश्तों ने, फर्ज ने तो कभी सपनों ने बांध दिया यूं तो न फिरता आवारा मैं पर पाना चाहूं सुकून थोड़ा तो दिल की खातिर धड़कनों ने बांध दिया। ©SHIVAM KARNE बांध दिया
Diwa
You're a writer when you find your meaning in the meaningless scribbles you're often driven to create. "Meaning" #Meaning #KwentongDiwa #Diwa
Anuj Ray
सब्र का बांध न टूट जाए आज दिल का मेरे... नहीं किया इकरार अगर तूने आज प्यार का तेरे... तेरी कसम मैं मोहब्बत से रूठ, जाऊंगा ,,उजाड़ दूंगा ख्वाबों के Bagh सारे... निराश होकर मैं लौट जाऊंगा फिर कभी जिंदगी में, तेरी गलियों में नहीं आऊंगा सब्र का बांध
Samar Shem
उसने कहा था हम मुहब्बत को बांध नहीं सकते। यह बड़ी रूहानी होती है। मुझे तब पता ही नहीं था कि मुहब्बत इतनी उन्मुक्त होती है कि किसी के हाथ ही नहीं आती। यहां तक कि उस इंसान के भी जिसने इसे सातवे आसमान तक पहुंचाया हो। और मैने तुमने हम सबने क्या किया विश्वास किया.. इसे बांधना था यादों में, बाहों में, आंसूओं में, और पता नहीं कितने कितने बंधन है जो इसपर थोपे जाने थे। मुहब्बत बहुत हल्की होती है, इतनी की उड़ जाती है ज़रा सी हवा से। ओह इसे हवा क्या कहना, उड़ जाती है फूंक से.. कभी समाज का फूंक तो कभी धर्म कभी जात तो कभी गलतफहमी और अक्सर विकल्प से.. हां तुम दार्शनिक हो तुम कहोगे इश्क़ को स्वायत रखो, स्वतंत्र रखो, तुम्हारा होगा तो लौट कर आएगा कोई बताएगा जरा कि किसका इश्क़ लौट कर आया है आज तक। मुहब्बत कोई सर्कस तो है नहीं कि पिंजरे से शेर निकला और वापस पिंजरे में आ गया। इश्क़ तो कटी पतंग है साहब जो कट गई एक बार तो फिर तुम्हारे हाथ नहीं आएगी, जाएगी किसी की छत पर.. इसलिए कहता हूं बांध लो मुहब्बत को बांध लो चुम्बन से, बाहों से, बालों से, आंखों से,.. जैसे बांध सकते हो बांध लो.. ये जिसने भी प्रेम में उन्मुक्तता का सिद्धांत दिया है ना वो गधा था, निरा लंपट इश्क़ करना आया नहीं उसे उसके फेर में ना पड़ों.. प्रेम अगर फूल है तो फिर गूंथ दो माला, बना दो गजरा नहीं तो अकेला फूल सुख कर उड़ जाएगा... मेरे हाथ इसलिए खाली नहीं है कि मैं अज्ञानी था, इसलिए खाली है कि मैंने भी तुम्हारे जैसे किसी गधे दार्शनिक को पढ़ लिया था। इसीलिए मैं अब कोई किताब नहीं पढ़ता, ये किताबें प्रेम करना भुला देती है। ©Samar Shem बांध लो #emptystreets
Balraj Chaprana
हमारे सब्र का बांध टूट रहा था सूखा पड़ने पर सैलाब फूट रहा था पानी सर के ऊपर से गुजर गया ओर में दरिया में कूद रहा था। blrj #सब्र का बांध #
Hummey sidd
Raksha Bandhan, also abbreviated to Rakhi, is the Hindu festival that celebrates brotherhood and love. It is celebrated on the full moon in the month of Sravana in the lunar calendar. The word Raksha means protection, whilst Bandhan is the verb to tie. #meaning