आखें सुनी मन रोता हैं, बाबा हमारा क्यों सोता हैं, खोल के आखें देख ले बाबा तेरे बिना यहाँ क्या होता हैं
लौट के आजा साईं हमारे, अपनी आखें खो #प्रेरक
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Kulbhushan Arora
Dedicating a #testimonial to द्रष्टा
प्रिय (जो भी नाम तुम्हारा),
ये कोई टेस्टी vesti nahi है, तुम्हारे माध्यम से एक बात स्पष्ट कर देना चाहत #yqdidi#yqquotes#yqtestimonial
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Manish Rohit Garai
मन्नत ।। कहानी ।
मन्नत ।।
आरव !
हम्म्म...
सुनो ना !
हम्म्म...
क्या हम्म हम्म लगा रखे हो #story#NojotoFilm#Mrgtales