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Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भले ही रोज हम अपने बुजुर्गों को दुआ सलाम करते हों -चरण स्पर्श करते हों पर क्या हम वो मुकाम हासिल कर पाए जहाँ वो दिल से उठ कर खड़े होकर हमें अपने सीने से लगा कर फक्र महसूस करें ...? जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में उत्तार चढ़ाव सबके आते हैं -अच्छा बुरा वक़्त सबका आता है बस ये ध्यान रहे की हम गलती से भी कभी किसी के बुरे वक़्त की वजह ना बनें ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कभी भी अपने सपनों की उड़ारियाँ दूसरों से पूछ कर नहीं तय करनी चाहिए ,यकीन मानिये अगर आपके सपने वाकई सच्चे हैं -वो आपका लक्ष्य हैं तो फिर आपको कोई इंसान -परिस्तिथि -हालात -मुश्किल नहीं रोक सकते नहीं तो इल्जाम लगाने बहुत आसान है की इस वजह से ये नहीं हो पाया ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की जिंदगी के इम्तिहान आउट ऑफ़ सिलेबस होते हैं जहाँ समय कम प्रश्न मुश्किल और ज्यादा होते हैं और इस इम्तिहान में पास होने के लिए आपको हर व्यक्ति -रिश्ते के द्वारा कहे गए हर अल्फाज को पीना आना चाहिए और सबसे बड़ी बात श्रद्धा और सबुरी ... निश्चित मानिये जीत आपकी होगी ...! बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!🌹सुप्रभात🙏 🔯🔱 विकास शर्मा "शिवाया"🔱 🌈🚩🔯 ⚛️🔯☸️🪔🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' आउट ऑफ़ सिलेबस
RITIK RAJPUT
जिंदगी तू ही बता तेरा इरादा क्या है.... चलेगी साथ या फिर मझधार में छोड़ जाएगी.... बता तो सही तेरा इरादा क्या है.... तू कभी कमजोर तो कभी मजबूत करती है.... तू इस मिट्टी के मानस को क्यो इतना पिरोती है.... राधे राधे 🙏 #मानस
Manas
मिटाने वो लगे जिन्हें था बनाने का शौक़। चलन में नया है क्या ये भूल जाने का शौक़।। ©Manas #मानस
Manas
bench दो वक्त की रोटी खाने को क्या-क्या करना पड़ना है। प्यास बुझाता दरिया उसको प्यासा मरना पड़ता है।। कलतक काले अंधियारो से जिसने बच्चे बचा लिए, आज उजाले में बच्चों से उसको डरना पड़ता है। चाहत थी न गुजरेंगे हम और कभी जिन गलियों से, वक्त का चक्कर ऐसा है हरबार गुजरना पड़ता है। मारो काटो रिक्त करो जैसे चाहो यार मेरे, ये मत भूलो इसी जगह पर वापस भरना पड़ता है। ©Manas #मानस
RJ Prasad...
एकदा का माणसं कळायला लागली.. की , आयुष्य जगणं सोपं होत जातं... _ Prasad Parekar... ( स्नेहसाद ) मानस
Manas
रोकना होता उसे तो उड़ नहीं जाता, क्या हवाओं ने परों को बांध रखा था। #मानस #stay_home_stay_safe #मानस
virutha sahaj
कहतें हैँ सब ग़जल वो पूर्णिमा की रात है,जिसके हर लय में बिखरी चांदनी की बात है पर मैं कहतीं हूँ ग़जल वो अमावास की रात है,जिसके हर लय में अंधेरी खामोशी की झनकार है कहीं प्रकृति का रूपण तो कहीं,राधा का श्रृंगार है कहीं वियोग की वेदना तो कहीं संयोग अपार है कहीं विजय संघर्षों पर तो कहीं सुख की हार है कहीं भास्कर सम तीव्र आभा तो कहीं चंद्र सम अमृत की धार है ग़जल में तो जीवन का सारा सार है। ©virutha sahaj #माईने गजल के