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R.K.

कविता संघर्ष आत्मविश्वास

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हम तो हमसे ही लुटे,
बाकी  में कहा दम था,
और मेरा दम भी वही टूटा,
जहा से हाथ अपयश ही था,
हम तो लढे बहुत देर तक,
फिर भी नही जीत पाए,
और भी जाना था आगे,
फिर भी नही जा पाए,
औरो ने बहुत दिया सहारा,
पर फिर भी हम जीत नही सके,
आज के लिए हर ही सही,
कल फिर से शुरुवात करनी है,
आज के लिए ही तो हारे है,
उसका गम थोड़ी रोज करे,
रखे काल का गम आज के लिए,
तो आज कैसे जिओगे,
और आज नही जियेंगे,
तो कल कैसे भागेंगे। #कविता #संघर्ष #आत्मविश्वास

Tanendra Singh Khirjan

संघर्ष भरी कविता #nojotophoto

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 संघर्ष भरी कविता

Saurabh Baurai

motivation संघर्ष hindipoems कविता hindi

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कहता संघर्ष ये !

इक संघर्ष कि एक दस्ता,
संघर्ष ही आज सुनाएगा।
हर चंचल चित्त की उत्सुकता को,
छन्दों से आज मिटाएगा।।

कहता संघर्ष ये (2) -

सुन तानो का शोर यु बहुधा,
मैदान भी मैंने त्यागा था।
उग्र उपहास कि अनल में तपकर,
शीतल रैन में जागा था।।
कलित मुखड़ों की आड़ में मैंने,
विष प्याले पलते देखे है।
तनिक प्रकाश कि चाह में अक्सर,
दिये दुर्बल जलते देखे है।।
हर जीवन के कालचक्र पर,
मिथ्य यथार्थ को पाया है।
इन दोनों से परेय निकलकर,
शोभन का साथ निभाया है।।
जहाँ भी जाओ इस धरणी पर,
हर देह में मुझको पाओगे ।
किसी मे सोया किसी मे जागा,
पर मुझ बिन ना रह पाओगे।।
सिद्धि भी मेरी राह से होकर,
गुण मेरे सब गाती है।
विधि,भाग्य है झूठी बाते,
सिर्फ कर्म ही मेरा साथी है।।
विचलित चित्त के हर कोने को,
छन्द से मेरे मिलवा दो।
हर चंचल मन की उत्सुकता को,
इन छन्दों से बिलवा दो।।

इक संघर्ष कि एक दस्ता,
संघर्ष ही आज है सुना रहा।
हर चंचल चित्त की उत्सुकता को,
छन्दों से आज है मिटा रहा #motivation #संघर्ष #hindipoems #कविता #hindi

Hasan Khan Shatha

#Struggle poem संघर्ष पर कविता #realization

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थी घटाऐं जोर की सोचा की जोरदार बरस जाएगी ,
पर क्या करें बरसी नहीं सिर्फ़ गरज़ के ही चली गई। 
थीं उम्मीदें खुशियों के इंतज़ार में,
 पर क्या करें खुशियां मिलीं नहीं सिर्फ़ उम्मीदें तरस के ही चली गई।
सूरज भी है अंधियारा नहीं है, 
पर तपस भी बहुत है। 
 छांव भी है धूप नहीं हैं, 
पर उमस भी बहुत है।
न हारा हूँ न थका हूं न रूका हूं फिर से चल पड़ा हूं, 
अबके प्यास एसी है की सीधे समुन्द्र से ही मिलने निकल पड़ा हूँ। 

स्वरचित 
✍✍हसन खान

©Hasan Khan Shatha #struggle poem 

संघर्ष पर कविता 
#realization

river_of_thoughts

Life@shadow कविताई कविता कवितांश

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Life is too short.. चल पड़ूं यूं ही
या दिल-वो-कदम रहूं थाम 
कि होगी बहुत जल्दबाजी अभी
या दम-ए-बाद-ए-सबा 
है बाक़ी अब भी ... ?

साया-ए-जिस्म ही जानता है
साया-ए-जिस्म को ही है खबर
जेहन-वो-जिगर में मेरे
बसा तू किस कदर।
@manas_pratyay #Life@shadow #कविताई #कविता #कवितांश

river_of_thoughts

देख_रहा_प्रश्नगत कविताई कविता @manas_pratyay©ratan_kumar

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Standing near the window, I saw कुछ भी ठीक नहीं, पर
इतना है जरूर
जीवन गतिमान,.बहा जा रहा
अनवरत...
स्तब्ध खड़ा मूकदर्शक मैं,
देख रहा प्रश्नगत...!
               @manas_pratyay देख_रहा_प्रश्नगत
#कविताई #कविता
@manas_pratyay©ratan_kumar
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