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Gurpreet Kaur
ईश्वर रूपी मां ©Gurpreet Kaur ईश्वर रूपी मां #hindi_poem #hindi_poetry #maa #kavita #MajesticWords #Emotional #motherhood #Nojoto #gurpreetkaur #gurpreetkaurwritings
Deep Kush
किसी को मुकम्मल है जहां भर की खुशियां, तो कोई दो वक़्त की रोटी के लिए मोहताज है !! ईश्वर या तो निर्दयी है, या फिर ईश्वर रूपी कोई चीज है ही नहीं..!!! pc-Google #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes #yqhindi #yqtales #yqthou
Poetry with Avdhesh Kanojia
मेरे शिक्षक हे ज्ञानपुंज गुरु नमन तुम्हें। सन्मार्ग का ध्येय कराया हमें।। शिक्षित कर हमें कृतार्थ किया। जीवन का सच्चा अर्थ दिया।। मेरे लिए ईश्वर रूप हैं आप। तप की सजीव मूरत हैं आप।। पद कमल आपके नमन करूँ। तव ज्ञान दान से झोली भरूँ।। मुझ ज्ञानक्षीण पर करी कृपा। प्रगटाया वह जो मुझमे छिपा।। जैसे इक क्षीर में उत्पाद बहुत। माखन दधि और मलाई घृत।। वैसे एक आप में गुण हैं अनेक। तव चरणों का करूँ अभिषेक।। रहे वरद हस्त मेरे सिर पर। इतनी करुणा करना मुझ पर।। आज्ञा हो साधारण या विशेष। प्रस्तुत है तव सेवक अवधेश।। ✍️अवधेश कनौजिया हे ज्ञानपुंज गुरु नमन तुम्हें। सन्मार्ग का ध्येय कराया हमें।। शिक्षित कर हमें कृतार्थ किया। जीवन का सच्चा अर्थ दिया।। मेरे लिए ईश्वर रूप ह
ashish gupta
मां अगर घनी वृष तो घनी छांव है पापा जिस की छांव में सुरक्षित हर कोई है रहता हम बच्चों की इच्छा पूरी करते हैं वह ईश्वर रूप में वरदान है हमारे मम्मी पापा सदैव बनकर रहना मम्मी पापा के दास यही है सबसे अनमोल और खास मेरे लिए और उसे थोड़े है प्यारे बड़े नाजों से पाले हैं ईश्वर बन अच्छे संस्कारों को सिखलाते वह प्रतिफल प्रेम और अपनेपन की छांव से अच्छे बुरे का ज्ञान देते हैं हरदम माता पिता के ज्ञान को रखता हूं मैं सदैव मान मेरे आदर्श स्वाभिमान है वह हर एक जीत में मैं करता हूं उनका ही गुणगान ईश्वर से मांगू यही वरदान हर जन्म में बंधन की ही संतान आपकी आशीर्वाद की छांव से सदा महकता रहे मेरा जहान ©ashish gupta #maaPapa मां अगर घनी वृष तो घनी छांव है पापा जिस की छांव में सुरक्षित हर कोई है रहता हम बच्चों की इच्छा पूरी करते हैं वह ईश्वर रूप में वर
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- *सागर* उनको ज्ञान का , उन्हें आज लूँ मान । झुककर जिनको अब जगत , देता है सम्मान ।। सागर उनको ज्ञान का.... मैं भी उनके अब शरण , सुनकर आया आज । बदले अपना भाग्य भी , सफल करें जो काज ।। जिस पर पड़ती दृष्टि है , बन जाता इंसान । महिमा है यह आपकी , कैसे करूँ बखान ।। सागर उनको ज्ञान का ..... दीपक उनके ज्ञान का , तम का करे विनाश । उनके ज्ञान प्रकाश से , झिलमिल हो आकाश ।। उनको गुरुवर मानकर , बनते शिष्य महान । जिनके इस व्यक्तित्व से , करे शिष्य पहचान ।। सागर उनको ज्ञान का ...... अब तक जिनके ज्ञान का , घटा नहीं भण्डार । देख-देख दुनिया चकित , करे नमन सौ बार ।। जितना भी मैं अब करूँ, कम उनका गुणगान । मुझे ईश्वर रूप में , सुनो मिले भगवान ।। सागर उनको ज्ञान का ..... खुद ही मेरी भूल का , लाते खोज निजात ।। ऐसे गुरुवर अब कहाँ , पढ़ लें मन की बात । मैं बुद्धू हूँ लाज बस , करता नही सवाल । शायद उनको है खबर , शिष्य बड़ा नादान ।। सागर उनको ज्ञान का ..... उनके चरणों की धूल को , लगा सके जो माथ । समझो हर पर संग में , सिर पर उनका हाथ ।। ऐसे ज्ञानी जब मिलें , बनो नही नादान । करके उनकी साधना , बनो नेक इंसान ।। सागर उनको ज्ञान का... सागर उनको ज्ञान का , उन्हें मान लूँ आज । झुकर जिनको अब जगत , देता है सम्मान ।। ११/११/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- *सागर* उनको ज्ञान का , उन्हें आज लूँ मान । झुककर जिनको अब जगत , देता है सम्मान ।। सागर उनको ज्ञान का....
ज्योति ਠਾਕੁਰ
टूटेंगे ये बंध जल्दी खुलेंगे हम सब मिल इस विपदा से भिड़ेंगे हार नही हमने अब तक मानी है महामारी को जड़ से मिटाने की ठानी है बैठेंगे घर पर न हम बाहर घूमेंगे हाथ को धोना मास्क लगाना न भूलेंगे बेघर है जो उनको भी घर पहुचाना है अब हम को डट कर कोरोना मार भगाना है संकट की ये विषम घणी है आन पड़ी व्याकुल जनता दिखती है हर घड़ी साथ नही हम एक दूसरे का छोड़ेंगे परेशानी में भाईचारा का नाता जोड़ेंगे कैसे भी कोई अब हमको न मिटा पाये हर संकट दूर रहे ये घर मे न आ पाए जल्दी ही वैक्सीन बनकर तैयार हो जाये ईश्वर रूपी डॉक्टर, नर्स भी मन हर्षाये हा टूटेंगे ये बंध जल्दी खुलेंगे,, बहुत जल्द सब दिलखोलकर फिर से हँसेंगे... # ज्योति ठाकुर टूटेंगे ये बंध जल्दी खुलेंगे हम सब मिल इस विपदा से भिड़ेंगे हार नही हमने अब तक मानी है महामारी को जड़ से मिटाने की ठानी है बैठेंगे घर पर न हम
Ankita Shukla
क्यो मन मार के खुद को उदास करती हो जो हो रहा है तुम्हारी आंखों के सामने है जो घटित होने वाला है उसमें तुम्हारा जोर नहीं जैसे कोई भीतर ही भीतर मुझको समझाता हो तु मजबूत हैं बन मत दिखा भी उदासी का चादर ओडी क्यो बैठी हैं ये तकलीफ चंद दिनों की ही तो हैं इन्हे सालों मे मत गिन ©Ankita Shukla #maa#mere#maaआंखें नम सी रहती हैं मन उदास सा रहता है ये वक्त गुजरता क्यों नहीं है मानो जैसे थम सा गया हो खुद को खोजु कहा। जब मैं खुद में ही
Anju Sarkar
किसी से प्रेम कीजिए तो सच्चा कीजिए तब आपको ईश्वर की आराधना करने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि सच्चा प्रेम ईश्वर का रूप है ©Anju Sarkar सच्चा प्यार ईश्वर का रूप