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Kumar Manoj Naveen
पत्नी चालीसा दुनिया में खूबसूरती की मिसाल है पत्नी । ज्ञानियों की बात हो तो ज्ञान का भंडार है पत्नी । शालीनता की तो मिशाल है पत्नी । दयालुता में दया का सागर है पत्नी । संस्कारिकता तो जैसे देवी सावित्री की संस्कार है पत्नी । करूणा उसमे उतनी जैसे करूणा की संसार है पत्नी । समझ से भी उपर समझदार है पत्नी । जिम्मेदारियों से भी ज्यादा जिम्मेदार है पत्नी । व्यवहार मानो ,व्यवहारिकता का पर्याय है पत्नी । वांणी उसकी जैसे वींणा की मधुर तान है पत्नी । शीतलता ऐसी जैसे शांत सरिता की भाव है पत्नी । सच कहूं घर में न हो तो घर का अंधकार है पत्नी। दुनियां में अदभुत अवतार है पत्नी । क्या कहूं ,भगवान ने कौन से अच्छे कर्म का उपहार है पत्नी । उपर लिखी तारीफे न करें तो साक्षात यमराज है पत्नी । धन्य है भगवन ,तेरी कैसी है खुदाई, क्या खूब फुरसत से तूने पत्नी बनाई। मनोज कुमार (नवीन) पत्नी चालीसा #मनोज
Devesh Dixit
पत्नी चालीसा दोहा - पत्नी गाथा मैं लिखूँ, ये मेरा अरमान। पत्नी की जो लालसा, उसका करूँ बखान।। मैं पत्नी हूँ मेरी सुन लो। मेरे शब्दों को तुम चुन लो।। तुमसे मैं कह रही दुबारा। नहीं दुखाओ हृदय हमारा।। मेरी मर्जी को तुम मानो। अपनी मत मुझ पर तुम ठानो।। मैं हूँ देखो दिया सलाई। करती हूँ मैं नहीं भलाई।। देखो पीहर से मैं आई। तुमसे ही है आस लगाई।। क्यों मुझको तुम आँख दिखाते। क्यों मुझको तुम बुरा बताते।। मेरी हस्ती को पहचानो। मेरी ताकत को भी मानो।। अधिक काम तुमसे कर पाऊँ। फिर कैसे मैं तुम्हें लुभाऊँ।। दोषारोपण मैं जो करती। कष्ट तुम्हारे मैं ही हरती।। मैं ही मुश्किल भी सुलझाऊँ। फिर भी धमकी मैं ही पाऊँ।। गलत बात को क्यों मैं मानूँ। तुम क्या समझो मैं क्या जानूँ।। तुमसे बहस नहीं कर पाऊँ। जो करली तो मुँह की खाऊँ।। बिना बात के तुम हो लड़ते। सुख भी ये मेरा तुम हरते।। चिंता में जो अब मैं डूबी। देखी कब है मेरी खूबी।। मेरे बिन तुम पछताओगे। जो तुम मुझको तड़पाओगे।। मत करना तुम कभी लड़ाई। समझो इसमेें स्वयं भलाई।। तुमसे ही मेरी दुनिया है। ये देखो मुन्ना मुनिया है।। अपनी थोड़ी अक्ल लगा लो। बच्चों को भी तुम्हीं बुला लो।। क्या सीखेंगे बच्चे तुम से। देख नज़ारा होते गुम से।। अब तो थोड़ी शर्म दिखा लो। दीप ज्ञान के कभी जला लो।। दोहा - कहती वो मुझसे सदा, क्यों बनते अनजान। मुझे पता है काम का, मत डालो व्यवधान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #पत्नी_चालीसा #nojotohindi पत्नी चालीसा दोहा - पत्नी गाथा मैं लिखूँ, ये मेरा अरमान। पत्नी की जो लालसा, उसका करूँ बखान।।