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Sunil itawadiya

मेरे मार्ग पर पैर रखकर तो देख तेरे सब मार्ग न खोल दूं तो कहना।। मेरे लिए खर्च करके तो देख, कुबेर के भंडार न खोल हूं तो कहना || मेरे लिए कड़व #Krishna #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #थामलोहमेंतुम #KKC813

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मेरे मार्ग पर पैर रखकर तो देख तेरे सब मार्ग न खोल दूं तो कहना।।
मेरे लिए खर्च करके तो देख, कुबेर के भंडार न खोल हूं तो कहना ||
मेरे लिए कड़वे वचन सुन कर तो देख, कृपा न बरसे तो कहना ||
मेरी तरफ आ के तो देख, तेरा ध्यान न रखू तो कहना
मेरी बातें लोगो से करके तो देख, तुझे मूल्यवान न बना दूं तो कहना ||
मेरे चरित्रों का मनन करके तो देख, ज्ञान के मोती तुझ में न भर दूं तो कहना ||
मुझे अपना मददगार बना के तो देख, तुझे सबको गुलामी से न छुड़ा दूं तो कहना।।
मेरे लिए आंसू बहा के तो देख, तेरे जीवन में आनन्द के सागर न बहा दूं तो कहना ।।
मेरे लिए कुछ बन के तो देख, तुझे कीमती न बना दूं तो कहना ||
मेरे मार्ग पर निकल के तो देख, तुझे शांतिदूत न बना दूं तो कहना ।।
स्वयं को न्यौछावर करके तो देख, तुझे मशहूर न कर दूं तो कहना ।।
मेरे कीर्तन करके तो देख, जगत का विस्मरण न करा दूं तो कहना ||
तू मेरा वन के तो देख, हर एक को तेरा न बना दूं तो कहना ||
तु मेरा वन के तो देख हर एक को तेरा न बना दं तो कहना|| मेरे मार्ग पर पैर रखकर तो देख तेरे सब मार्ग न खोल दूं तो कहना।।
मेरे लिए खर्च करके तो देख, कुबेर के भंडार न खोल हूं तो कहना ||
मेरे लिए कड़व

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 दो भाई परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे,दोनो भाई #समाज

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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

 
दो भाई परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे,दोनो भाई जब भी कोई वस्तु लाते तो एक दूसरे के परिवार के लिए भी अवश्य ही लाते, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता !
 
एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई।बात इतनी बढ़ गई कि छोटे भाई ने बडे़ भाई के प्रति अपशब्द कह दिए। बस फिर क्या था ?

दोनों के रिश्तों के बीच दरार पड़ गई। उस दिन से ही दोनों अलग-अलग रहने लगे और दोनों के बीच बोलचाल भी बंद। इसीतरह कई वर्ष बीत गये !

मार्ग में जब दोनों आमने सामने मिल भी जाते तो कतराकर दृष्टि बचा जाते।

कुछ वर्षों बाद छोटे भाई की कन्या का विवाह आया। उसने सोचा बडे़ आखिर बडे़ ही होते हैं,जाकर मना लाना चाहिए ,अब ऐसी भी क्या नाराजगी !

 वह बडे़ भाई के पास गया और पैरों में पड़कर पिछली बातों के लिए क्षमा माँगने लगा । बोला, "अब चलिए और विवाह कार्य संभालिए !"पर बड़ा भाई न पसीजा, उसके घर चलने से साफ मना कर दिया।
  
छोटे भाई को बहुत दुःख हुआ। अब वह इसी चिंता में रहने लगा कि कैसे भाई को मनाया जाए। इधर विवाह के भी बहुत ही थोडे दिन रह गये थे। बाकी सगे संबंधी आने लगे थे !

एक सम्बन्धी ने बताया, "तुम्हारा बडा भाई एक संत के पास प्रतिदिन जाता है और उनका बहुत आदर भी करता है औऱ कहना भी मानता है!"

छोटा भाई उन संत के पास पहुँचा और पिछली सारी बातें बताते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा याचना की तथा गहरा पश्चात्ताप व्यक्त किया और उनसे प्रार्थना की, ''आप किसी भी तरह मेरे भाई को मेरे यहाँ आने के लिए राज़ी कर दे !''दूसरे दिन जब बडा़ भाई सत्संग में गया तो संत ने उससे पूछा, "क्यों तुम्हारे छोटे भाई के यहाँ कन्या का विवाह है ? तुम क्या-क्या काम संभाल रहे हो ?"

"मैं तो विवाह में सम्मिलित ही नही हो रहा गुरुदेव । कुछ वर्ष पूर्व मेरे छोटे भाई ने मुझे ऐसे कड़वे वचन कहे थे, जो आज भी मेरे हृदय में काँटे की तरह खटक रहे हैं  !

संत जी ने कहा, "सत्संग के बाद मुझसे मिल कर जाना.. जरूरी काम है....!" सत्संग समाप्त होने पर वह संत के पास पहुँचा, उन्होंने पूछा, "मैंने गत रविवार को जो प्रवचन दिया था उसमें मैंने क्या कहा था...ज़रा याद करके बताओ...?"

अब बड़ा भाई बिलकुल मौन!काफी देर सोचने के बाद हाथ जोड़ कर बोला, " माफी चाहता हूँ गुरुदेव ,कुछ याद नहीं आ रहा कौन सा विषय था ?"

संत बोले, "देखा! मेरी बताई हुई अच्छी बातें तो तुम्हें आठ दिन भी याद न रहीं और छोटे भाई के कडवे बोल जो की वर्षों पहले कहे गये थे, वे तुम्हें अभी तक हृदय में चुभ रहे है।

जब तुम अच्छी बातों को याद ही नहीं रख सकते, तब उन्हें जीवन में कैसे उतारोगे""और जब जीवन नहीं  सुधरा तब सत्सग में आने का लाभ ही क्या रहा ? अतः कल से यहाँ मत आया करना...बेकार अपना समय व्यर्थ मत करो... !''

अब बडे़ भाई की आँखें खुली।उसने आत्म-चिंतन किया और स्वीकार किया   _"मैं वास्तव में ही गलत मार्ग पर हूँ !"

उसके बाद वह अपने छोटे भाई के घर गया औऱ उसे अपने गले से लगा लिया। दोनों भाईयों के आँखों में खुशी के आँसू थे.......!!

हमारे साथ भी कभी ऐसा ही होता है ।अक्सर दूसरों की कही किसी बात का हम बुरा मान जाते हैं और बेवजह उससे दूरी बना लेते हैं ,जबकि हमें ये चाहिए कि हम आपसी बातचीत से मन में उपजी कटुता को भुलाकर सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाएं।

 अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

 
दो भाई परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे,दोनो भाई

Pawan Lzebra

कड़वे है लेकिन सत्य वचन है

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 कड़वे है लेकिन सत्य वचन है

Pawan Lzebra

कड़वे है लेकिन सत्य वचन है

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 कड़वे है लेकिन सत्य वचन है

Pawan Lzebra

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Pawan Lzebra

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 कड़वे है लेकिन सत्य वचन है
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