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Vikas Sharma Shivaaya'

भगवान विष्णु मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन #समाज

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भगवान विष्णु मंत्र:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

ॐ हूं विष्णवे नम:

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 155 से 165 नाम 


155 शुचिः स्मरण करने वालों को पवित्र करने वाले
156 ऊर्जितः अत्यंत बलशाली
157 अतीन्द्रः जो बल और ऐश्वर्य में इंद्र से भी आगे हो
158 संग्रहः प्रलय के समय सबका संग्रह करने वाले
159 सर्गः जगत रूप और जगत का कारण
160 धृतात्मा अपने स्वरुप को एक रूप से धारण करने वाले
161 नियमः प्रजा को नियमित करने वाले
162 यमः अन्तः करण में स्थित होकर नियमन करने वाले
163 वेद्यः कल्याण की इच्छा वालों द्वारा जानने योग्य
164 वैद्यः सब विद्याओं के जानने वाले
165 सदायोगी सदा प्रत्यक्ष रूप होने के कारण

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' भगवान विष्णु मंत्र:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन

Vikas Sharma Shivaaya'

*ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय, त्रिलोक लोकनिथाये , ॐ श्र #समाज

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*ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय,  त्रिलोक लोकनिथाये ,  ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपा,  ॐ श्री श्रीॐ  औषधा चक्र नारायण स्वहा !!* 

देव गुरु बृहस्पति गायत्री मंत्र:
-ॐ गुरुदेवाय विद्महे परब्रह्माय धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात ||

-ॐ वृषभध्वजाय विद्महे करुनीहस्ताय धीमहि तन्नो गुरु: प्रचोदयात ||

-ॐ अन्गिर्साय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात् ||

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) -प्रतिदिन11 नाम -आज-1 से 11:-

1 विश्वम् : जो स्वयं में ब्रह्मांड हो जो हर जगह विद्यमान हो
2 विष्णुः जो हर जगह विद्यमान हो
3 वषट्कारः जिसका यज्ञ और आहुतियों के समय आवाहन किया जाता हो
4 भूतभव्यभवत्प्रभुः भूत, वर्तमान और भविष्य का स्वामी
5 भूतकृत् : सब जीवों का निर्माता
6 भूतभृत् : सब जीवों का पालनकर्ता
7 भावः भावना
8 भूतात्मा: सब जीवों का परमात्मा
9 भूतभावनःसब जीवों उत्पत्ति और पालना का आधार
10 पूतात्मा: अत्यंत पवित्र सुगंधियों वाला
11 परमात्मा: परम आत्मा

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' *ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय,  त्रिलोक लोकनिथाये ,  ॐ श्र

Vikas Sharma Shivaaya'

मां काली एकाक्षरी मंत्र( मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र):- क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ #समाज

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मां काली एकाक्षरी मंत्र( मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र):-
 क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥ 

मां वैभव लक्ष्मी मंत्र:- 
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
यह वैभव लक्ष्मी का मंत्र है

मां सरस्वती बीज मंत्र:-
ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः।
ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 166 से 176 नाम 
166 वीरहा धर्म की रक्षा के लिए असुर योद्धाओं को मारते हैं
167 माधवः विद्या के पति
168 मधुः मधु (शहद) के समान प्रसन्नता उत्पन्न करने वाले
169 अतीन्द्रियः इन्द्रियों से परे
170 महामायः मायावियों के भी स्वामी
171 महोत्साहः जगत की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय के लिए तत्पर रहने वाले
172 महाबलः सर्वशक्तिमान
173 महाबुद्धिः सर्वबुद्धिमान
174 महावीर्यः संसार के उत्पत्ति की कारणरूप
175 महाशक्तिः अति महान शक्ति और सामर्थ्य के स्वामी
176 महाद्युतिः जिनकी बाह्य और अंतर दयुति (ज्योति) महान है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' मां काली एकाक्षरी मंत्र( मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र):-
 क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ

Vikas Sharma Shivaaya'

शुक्र गायत्री मंत्र : -ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् || -ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि: #समाज

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शुक्र गायत्री मंत्र :

-ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् ||

-ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि: प्रचोदयात् ||

-ॐ भृगुवंशजाताय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात ||

विष्णु सहस्रनाम-एक हजार नाम -(प्रतिदिन 11  नाम) आज 12से 22  नाम 

12 मुक्तानां परमा गतिः: सभी आत्माओं के लिए पहुँचने वाला अंतिम लक्ष्य
13 अव्ययः अविनाशी
14 पुरुषः पुरुषोत्तम
15 साक्षी बिना किसी व्यवधान के अपने स्वरुपभूत ज्ञान से सब कुछ देखने वाला
16 क्षेत्रज्ञः क्षेत्र अर्थात शरीर; शरीर को जानने वाला
17 अक्षरः कभी क्षीण न होने वाला
18 योगः जिसे योग द्वारा पाया जा सके
19 योगविदां नेता योग को जानने वाले योगवेत्ताओं का नेता
20 प्रधानपुरुषेश्वरः प्रधान अर्थात प्रकृति; पुरुष अर्थात जीव; इन दोनों का स्वामी
21 नारसिंहवपुः नर और सिंह दोनों के अवयव जिसमे दिखाई दें ऐसे शरीर वाला
22 श्रीमान् जिसके वक्ष स्थल में सदा श्री बसती हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र गायत्री मंत्र :

-ॐ भृगुजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् ||

-ॐ भृगुपुत्राय विद्महे श्वेतवाहनाय धीमहि तन्नो कवि:

Vikas Sharma Shivaaya'

गुरु की महिमा आदिकाल से लेकर वर्तमान तक है और आगे भी यथावत् ही रहेगी:- गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल, सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से #समाज

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गुरु की महिमा आदिकाल से लेकर वर्तमान तक है और आगे भी यथावत् ही रहेगी:-

गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल,
सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से कर दें मेल।

गुरु अनंत तक जानिए, गुरु की ओर न छोर,
गुरु प्रकाश का पुंज है, निशा बाद का भोर।

विष्णु सहस्रनाम -(एक हजार नाम) आज 78 से 88 नाम

78 विक्रमः जगत को लांघ जाने वाला या गरुड़ पक्षी द्वारा गमन करने वाला
79 क्रमः क्रमण (लांघना, दौड़ना ) करने वाला या क्रम (विस्तार) वाला
80 अनुत्तमः जिससे उत्तम और कोई न हो
81 दुराधर्षः जो दैत्यादिकों से दबाया न जा सके
82 कृतज्ञः प्राणियों के किये हुए पाप पुण्यों को जानने वाले
83 कृतिः सर्वात्मक
84 आत्मवान् अपनी ही महिमा में स्थित होने वाले
85 सुरेशः देवताओं के ईश
86 शरणम् दीनों का दुःख दूर करने वाले
87 शर्म परमानन्दस्वरूप
88 विश्वरेताः विश्व के कारण

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गुरु की महिमा आदिकाल से लेकर वर्तमान तक है और आगे भी यथावत् ही रहेगी:-

गुरु अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल,
सतगुरु संत अनंत हैं, प्रभु से

Vikas Sharma Shivaaya'

शिवजी के कुछ नामो से जुड़े मंत्र:- ॐ अघोराय नम:, ॐ शर्वाय नम:, ॐ विरूपाक्षाय नम:, ॐ विश्वरूपिणे नम:, ॐ त्र्यम्बकाय नम:, ॐ कपर्दिने नम:, #समाज

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शिवजी के कुछ नामो से जुड़े मंत्र:-
ॐ अघोराय नम:,
 ॐ शर्वाय नम:,
 ॐ विरूपाक्षाय नम:, 
ॐ विश्वरूपिणे नम:, 
ॐ त्र्यम्बकाय नम:, 
ॐ कपर्दिने नम:, 
ॐ भैरवाय नम:, 
ॐ शूलपाणये नम:, 
ॐ ईशानाय नम:,
 ॐ महेश्वराय नम:

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 199 से 209 नाम 
199 सर्वदृक् प्राणियों के सब कर्म-अकर्मादि को देखने वाले
200 सिंहः हनन करने वाले हैं
201 सन्धाता मनुष्यों को उनके कर्मों के फल देते हैं
202 सन्धिमान् फलों के भोगनेवाले हैं
203 स्थिरः सदा एकरूप हैं
204 अजः भक्तों के ह्रदय में रहने वाले और असुरों का संहार करने वाले
205 दुर्मषणः दानवादिकों से सहन नहीं किये जा सकते
206 शास्ता श्रुति स्मृति से सबका अनुशासन करते हैं
207 विश्रुतात्मा सत्यज्ञानादि रूप आत्मा का विशेषरूप से श्रवण करने वाले
208 सुरारिहा सुरों (देवताओं) के शत्रुओं को मारने वाले
209 गुरुः सब विद्याओं के उपदेष्टा और सबके जन्मदाता
🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शिवजी के कुछ नामो से जुड़े मंत्र:-
ॐ अघोराय नम:,
 ॐ शर्वाय नम:,
 ॐ विरूपाक्षाय नम:, 
ॐ विश्वरूपिणे नम:, 
ॐ त्र्यम्बकाय नम:, 
ॐ कपर्दिने नम:,

Vikas Sharma Shivaaya'

सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म #समाज

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सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक माने जाते हैं. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है. सूर्य से निकटता के कारण इनका प्रकाश प्रखर है. ग्रहों की परिषद में बुध को युवराज कहा गया है. बुधवार को विशेष रूप से गणपति का और लक्ष्मी जी का वार भी माना गया है. 

बुध(Mercury )प्रार्थना मंत्र ?
उत्पात रूपी जगतां चंद्रपुत्रो महाद्युतिः।
सूर्य प्रिय करो विद्वान पीडां दहतु में बुधः।।

गणेश गायत्री मंत्र: -
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 67 से 77  नाम 

67 ज्येष्ठः सबसे अधिक वृद्ध या या बड़ा
68 श्रेष्ठः सबसे प्रशंसनीय
69 प्रजापतिः ईश्वररूप से सब प्रजाओं के पति
70 हिरण्यगर्भः ब्रह्माण्डरूप अंडे के भीतर व्याप्त होने वाले
71 भूगर्भः पृश्वी जिनके गर्भ में स्थित है
72 माधवः माँ अर्थात लक्ष्मी के धव अर्थात पति
73 मधुसूदनः मधु नामक दैत्य को मारने वाले
74 ईश्वरः सर्वशक्तिमान
75 विक्रमः शूरवीर
76 धन्वी धनुष धारण करने वाला
77 मेधावी बहुत से ग्रंथों को धारण करने के सामर्थ्य वाला

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म

Vikas Sharma Shivaaya'

तंत्राधिपति भगवान महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों का जप कर पूजा की जाती है-शिव जी के तंत्र मंत्रों में से एक ऐसा शिव मंत्र है जिसे शिव शाबर #समाज

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तंत्राधिपति भगवान महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों का जप कर पूजा की जाती है-शिव जी के तंत्र मंत्रों में से एक ऐसा शिव मंत्र है जिसे शिव शाबर मन्त्र कहते हैं-तंत्र शास्त्र के अनुसार, इस मंत्र की साधना से भगवान महाकाल शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त को जीवन में सुख-सम्रद्धि, व्यवसाय में उन्नति, नौकरी में सफलता, कठिन रोगों से मुक्ति, घातक शत्रु से मुक्ति दिलाते है...

कहा जाता है कि शिवजी के शाबर मंत्र स्वयं में सिद्ध होते हैं - इस शिव शाबर मन्त्र को सिद्ध करने के बाद बड़ी से बड़ी समस्याओं से सरलता से मुक्ति मिल जाती है।

।। शिवजी का शाबर तांत्रिक मंत्र ।।
"आद अंत धरती, आद अंत परमात्मा
दोनो वीच बैठे शिवजी महात्मा, खोल घड़ा दे दडा
देखा शिवजी महाराज तेरे शब्द का तमाशा"

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 122 से 132 नाम 
122 महातपः जिनका तप महान है
123 सर्वगः जो सर्वत्र व्याप्त है
124 सर्वविद्भानुः जो सर्ववित् है और भानु भी है
125 विष्वक्सेनः जिनके सामने कोई सेना नहीं टिक सकती
126 जनार्दनः दुष्टजनों को नरकादि लोकों में भेजने वाले
127 वेदः वेद रूप
128 वेदविद् वेद जानने वाले
129 अव्यंगः जो किसी प्रकार ज्ञान से अधूरा न हो
130 वेदांगः वेद जिनके अंगरूप हैं
131 वेदविद् वेदों को विचारने वाले
132 कविः सबको देखने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' तंत्राधिपति भगवान महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों का जप कर पूजा की जाती है-शिव जी के तंत्र मंत्रों में से एक ऐसा शिव मंत्र है जिसे शिव शाबर

Vikas Sharma Shivaaya'

सोमवार /चंद्रवार ..., सोमवार का यह नाम सोम से पड़ा है जिसका अर्थ भगवान शिव होता है... यह सप्ताह का दूसरा दिन होता है, भारत तथा विश्व के कई द #समाज

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सोमवार /चंद्रवार ...,
सोमवार का यह नाम सोम से पड़ा है जिसका अर्थ भगवान शिव होता है... यह सप्ताह का दूसरा दिन होता है, भारत तथा विश्व के कई देशों में यह सामान्य कामकाज का प्रथम दिन होता है इसलिए कभी कभार इसे सप्ताह का प्रथम दिन भी कहते हैं...,
सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं. इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है. ...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 622 से 633 नाम
622 सत्कीर्तिः जिनकी कीर्ति सत्य है
623 छिन्नसंशयः जिन्हे कोई संशय नहीं है
624 उदीर्णः जो सब प्राणीओं से उत्तीर्ण है
625 सर्वतश्चक्षुः जो अपने चैतन्यरूप से सबको देखते हैं
626 अनीशः जिनका कोई ईश नहीं है
627 शाश्वतः-स्थिरः जो नित्य होने पर भी कभी विकार को प्राप्त नहीं होते
628 भूशयः लंका जाते समय समुद्रतट पर भूमि पर सोये थे
629 भूषणः जो अपने अवतारों से पृथ्वी को भूषित करते रहे हैं
630 भूतिः समस्त विभूतियों के कारण हैं
631 विशोकः जो शोक से परे हैं
632 शोकनाशनः जो स्मरणमात्र से भक्तों का शोक नष्ट कर दे
633 अर्चिष्मान् जिनकी अर्चियों (किरणों) से सूर्य, चन्द्रादि अर्चिष्मान हो रहे हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सोमवार /चंद्रवार ...,
सोमवार का यह नाम सोम से पड़ा है जिसका अर्थ भगवान शिव होता है... यह सप्ताह का दूसरा दिन होता है, भारत तथा विश्व के कई द

Vikas Sharma Shivaaya'

भगवान सूर्यदेव के 12 नाम :- ॐ सूर्याय नम: । ॐ भास्कराय नम:। ॐ रवये नम: । ॐ मित्राय नम: । ॐ भानवे नम: ! ॐ खगय नम: । ॐ पुष्णे नम: । #समाज

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भगवान सूर्यदेव के 12 नाम :-
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ भास्कराय नम:।
ॐ रवये नम: ।
ॐ मित्राय नम: ।
ॐ भानवे नम: !
ॐ खगय नम: ।
ॐ पुष्णे नम: । 
ॐ मारिचाये नम: । 
ॐ आदित्याय नम: ।
ॐ सावित्रे नम: । 
ॐ आर्काय नम: ।
ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।

सूर्य के देवता भगवान शिव हैं।

भैरव:-
ग्रंथों में अष्ट भैरवों का जिक्र मिलता है- ये आठ भैरव आठों दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य) का प्रतिनिधित्व करते हैं और आठों भैरवों के नीचे आठ-आठ भैरव होते हैं। यानी कुल 64 भैरव माने गए हैं- ध्यान के बिना साधक मूक सदृश है, भैरव साधना में भी ध्यान की अपनी विशिष्ट महत्ता है। 

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 347 से 358 नाम 
347 अरविन्दाक्षः जिनकी आँख अरविन्द (कमल) के समान है
348 पद्मगर्भः हृदयरूप पद्म में मध्य में उपासना करने वाले हैं
349 शरीरभृत् अपनी माया से शरीर धारण करने वाले हैं
350 महर्द्धिः जिनकी विभूति महान है
351 ऋद्धः प्रपंचरूप
352 वृद्धात्मा जिनकी देह वृद्ध या पुरातन है
353 महाक्षः जिनकी अनेको महान आँखें (अक्षि) हैं
354 गरुडध्वजः जिनकी ध्वजा गरुड़ के चिन्ह वाली है
355 अतुलः जिनकी कोई तुलना नहीं है
356 शरभः जो नाशवान शरीर में प्रयगात्मा रूप से भासते हैं
357 भीमः जिनसे सब डरते हैं
358 समयज्ञः समस्त भूतों में जो समभाव रखते हैं
🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' भगवान सूर्यदेव के 12 नाम :-
ॐ सूर्याय नम: ।
ॐ भास्कराय नम:।
ॐ रवये नम: ।
ॐ मित्राय नम: ।
ॐ भानवे नम: !
ॐ खगय नम: ।
ॐ पुष्णे नम: ।
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