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Sneha Agarwal 'Geet'
हुनरबाज हैं आप चलिये मान लिया,फिर इतने सवाल क्यों, हर शायर की शायरी पर ,करते हैं आप इतने बवाल क्यों। थोड़ा सा तवज्जो औरों को भी दे दिया कीजिये ना, कहिये जनाब ,हर एक बार आप ही बेमिसाल क्यों। सर आँखों पे बिठाया आपको,आपके चाहने वालों ने, फिर भी बुनते रहते हैं, सबके लिए आप जाल क्यों। माना सबको साथ लेके चलना आदत नहीं है आपकी, फिर फ़रेबी दिल से जताते हैं,आप इतना मलाल क्यों। 'गीत' की गज़लों के साथ अदब से पेश आ जायें, करते नहीं आप कभी भूलकर भी ऐसा कमाल क्यों। ©Sneha Agarwal 'Geet' आजकल कुछ रचनाकार ऐसे होते हैं जो अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं, बाकी रचनाकारों की उनकी नजर में कोई अहमियत ही नहीं होती। जानबूझकर दूसरों की र
रजनीश "स्वच्छंद"
मैं वैशाखनन्दन।। मैं वैशाखनन्दन रेंकता। मैं भाल-चन्दन लेपता। मैं हो विवश हूँ देखता, कर मैं हूँ भावी टेकता। मैं नृप नहीं ना देवता, अपने अहं
Alok Vishwakarma "आर्ष"
कहीं जात पात कहीं मीन मेख, कहीं रहन सहन कहीं रेख देख । यह नय समाज का बंधन है, कुमति का अन्ध प्रबंधन है ।। पर मुझ पर इनका जोर नहीं, बेड़ी में बंध मन मोर नहीं । स्वर्णिम मनुदीप जलाती हूँ, आलोक से तिमिर भगाती हूँ ।। Meaning 4 deepti T Just as the Society puts differents kinds of barriers in the life of a person.. But, instead of submitting ypurself, you
Gayatri Rathore
लेखक की कलम लिखती भाव अनेक, कभी किसी के बहते आँसू, कभी निकालती मीन मेख, कभी व्यंग के चटखारे, कभी सटीक कटाक्ष तीक्ष्ण, लेखक की कलम, लिखती भाव अनेक । कभी देती संदेश क्रांति का, कभी बयान किसी की विश्रांति का, कभी पैगाम प्यार का, कभी हथियार किसी पर वार का, शब्दों की शक्ति, मार्ग अभिव्यक्ति का, लेखक की कलम, लिखती भाव अनेक । कई लोग खुद को जोड़ लेते हैं, किसी एक की रचना से, लेखक की कलम संजोए रंग प्रत्येक, जीवन के हर पहलू को सजाती, कल्पना का संसार बसाती, मन की गहराईयों की थाह पा सकती, सृष्टि के हर कण को छू सकती, लेखक की कलम, लिखती भाव अनेक । गायत्री राठौर ©Gayatri Rathore लेखक की कलम लिखती भाव अनेक, कभी किसी के बहते आँसू, कभी निकालती मीन मेख, कभी व्यंग के चटखारे, कभी सटीक कटाक्ष तीक्ष्ण, लेखक की कलम, लिखती भा
Krish Vj
ना नफ़रत है, ना कुछ पाने की हसरत है जहाँ पर सिर्फ़ "प्रेम" की ही तो बरकत है परवाह तिरी है, बस यही मेरी मोहब्बत है इश्क मेरा पाक, बाकी सब तो तिजारत है इश्क़ मुकम्मल यही ख़ुदा की जियारत है होती मीन-मेख इश्क़ में बस सियासत है दिल की बस्ती सुन्दर यही मेरी विरासत है तू ख़ुदा इश्क़ का करता दिल ये इबादत है तिजारत:_ व्यापार मीन मेख:_ कमियां ♥️ Challenge-660 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद
DR. SANJU TRIPATHI
दूसरों की बातों में मीन मेख करना लोगों की आदत हो जाती है, हर काम में टांग अड़ाना जैसे लोगों की फितरत हो जाती है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_219 👉 मीन-मेख करना मुहावरे का अर्थ ---- बेकार तर्क करना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो
Dr Upama Singh
दूसरे के काम में मीन–मेख कम निकालिए कभी वो काम खुद कर के दिखाइए। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_219 👉 मीन-मेख करना मुहावरे का अर्थ ---- बेकार तर्क करना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो
Vedantika
मुनासिब नहीं है मीन मेख करना गुलाब के काँटो से करते हैं हिफाज़त वो गुल की आदम की उंगलियों से चुभन जो तुमकों हुई लहू बहा नाजुक उंगलियो का उस फूल का नही कुसूर फ़र्ज़ था ये उन काँटों का कुदरत के कानून में जो मीन-मेख करते हो तुम होते हैं मुहर्रिक-ए-दुनिया महफूज़ रहते हैं हम तर्क से चलती इस दुनिया मे खुदा पर यकीन करो यकीन करो किसी का पर ज़ीस्त से मीन-मेख ना करो ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_219 👉 मीन-मेख करना मुहावरे का अर्थ ---- बेकार तर्क करना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो
Richa Bhatia
दिल काँप रहा था सर्दियों के नाम से भी, पर December तो आया ही नही| (Caption) तेरी इन यादों को हाथों मैंं लिये बैठी हुँ, ठीक उस sweater की तरह जो बर्सों से बक्से मैंं सहेजता से रखा है| ना कभी उधेड़ा ना पहना है, उधेड़ने
Hariom
🌕 करवा चौथ व्रत से नहीं सतभक्ति से जीवन रक्षा होती है, सामवेद संख्या न. 822 अध्याय 3 खंड न. 5 श्लोक न. 8 में प्रमाण है कि वह पूर्ण परमात्मा सच्चे भक्त की यदि मृत्यु निकट है तो उसकी आयु में वृद्धि कर उसकी उम्र बढ़ा देता है। 🌕करवा चौथ के व्रत से कोई लाभ नहीं, इसलिए शास्त्रों में इसे व्यर्थ बताया है। (गीता जी अध्याय 6 श्लोक 16) व्रत को मना किया है। 🌕 संत गरीबदास जी की वाणी है:- कहे जो करवा चौथ कहानी, तास गधेहरी निश्चय जानी। करें एकादशी संजम सोई, करवा चौथ गदहरी होई । अर्थात करवा चौथ व्रत करने वाली अगले जन्म में गधी बनेगी। 🌕 करवा चौथ का व्रत करना मनमानी पूजा है, शास्त्र अनुसार नहीं है। श्रीमद्भगवत् गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना मना किया है। 🌕 करवा चौथ के व्रत का ज़िक्र वेदों और गीता में नहीं है। ये हमारे शास्त्र विरुद्ध साधना है, इसी कारण बहुत सी बहनों के पति करवा चौथ के दिन ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। 🌕 करवा चौथ का व्रत करने से कोई लाभ नहीं मिलता है । सिर्फ पूर्ण परमात्मा ही मृत्यु को टाल सकते हैं । कबीर साहेब की वाणी है:- मासा घटे ना तिल बधे, विधना लिखे जो लेख। साचा सतगुरु मेटकर उपर मार दे मेख।। 🌕मान्यता : करवा चौथ व्रत की मान्यता है कि इससे पति की आयु बढ़ जाती है। सच्चाई : इस मान्यता के अनुसार फिर तो हिन्दू बहन बेटियां विधवा नहीं होनी चाहिए। करवा चौथ व्रत शास्त्र विरुद्ध है जिससे किसी की आयु नहीं बढ़ती। बल्कि ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में प्रमाण दिया है कि परमात्मा सतभक्ति करने वाले साधक की आयु भी बढ़ा देता है। ©Hariom #Karwachauth 🌕 करवा चौथ व्रत से नहीं सतभक्ति से जीवन रक्षा होती है, सामवेद संख्या न. 822 अध्याय 3 खंड न. 5 श्लोक न. 8 में प्रमाण है कि वह पू