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Ashay Choudhary

रास्ते का खयाल है, सोचा आप सभी को इस से वाक़िफ कराया जाए। वैसे है तो ये मेरी सरासर गुस्ताख़ी। मेरी ना तो उर्दू आला दर्जे की है ना हिंदी और अ #yqdidi #yqurdu #YQBhaiJaan #yqshayari #Ashay #wiredwords #bullshitblog

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कोई तिलिस्मी तलवार दे, या किसी चश्मे का करिश्माई आब दे
कोई नूर बरसा, या कोई इल्मी शख्सियत से मिला..
जंग लंबी है ज़िन्दगी, ए ख़ुदा 
इन रूबाइयों से ये जंग जीती नहीं जाएगी...
 रास्ते का खयाल है, सोचा आप सभी को इस से वाक़िफ कराया जाए।
वैसे है तो ये मेरी सरासर गुस्ताख़ी। मेरी ना तो उर्दू आला दर्जे की है ना हिंदी और अ

Kshatriya Kuldeep Singh

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,

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जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

©Kshatriya Kuldeep Singh जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,

vishal gupta

"मोहब्बत के दायरों में ज़िन्दगी कितनी हसीं होती है.." गीत, ग़ज़ल, रुबाइयां, कविताएं, शायरी, कहानियां #Poetry

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@archit chaudhary_007

खुद से खुद की रूबाइया #यादों_से_गुफ्तगू 🖐️🖐️ #pyaar #Poetry #Jindagi #Dosti #Life #Goals

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चकाचौंध भरी दुनिया से आज जियरा चुराना चाहता हूँ

कुछ पल आज मैं अपने लिए निकालना चाहता हूँ ।।  #NojotoQuote खुद से खुद की रूबाइया 
#यादों_से_गुफ्तगू 🖐️🖐️
#pyaar #poetry #jindagi #dosti
#Life #goals

Sunil itawadiya

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था, ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था, हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही, फासले बढ़ जायेंगे इतन #yqtales #यादें #yqquotes #yqlove

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ढूँढ़ने निकला था 
जिसको बस वही चेहरा न था,

रेड द कैप्शन जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतन

Sangeeta Kalbhor

#sparsh जब खुद से सामना हुआ मुद्दतों बाद मेरा कई अनचाही यादों का लगा हुआ था ड़ेरा सोचा जान लूँ मैं करीब से अपने आपको दूर ना कर पाई क्षणभर के #शायरी

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रानी सोनी 'परी'

बांधे है तुमने पंख मेरे,परवाज़ रोक ना पाओगे। गूंगी बन मैं गा लुंगी,आवाज़ रोक ना पाओगे। तेरी खुशियों की खातिर,प्रेम पास में बंधी हूँ मैं। खुद #nojotophoto

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 बांधे है तुमने पंख मेरे,परवाज़ रोक ना पाओगे।
गूंगी बन मैं गा लुंगी,आवाज़ रोक ना पाओगे।

तेरी खुशियों की खातिर,प्रेम पास में बंधी हूँ मैं।
खुद

Raj Shekhar Kumar

#yqbaba#yqdidi#duaa कुबूल जो हो जाएगी वो दुआ, दुआ कहलाएगी हर दुआ में तुम हो अब देखते हैं कौन सी दुआ रंग लाएगी.. अपने खुदा से हर कोई

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कुबूल जो हो जाएगी
वो दुआ, दुआ कहलाएगी
हर दुआ में तुम हो अब
देखते हैं कौन सी दुआ रंग लाएगी..

अपने खुदा से हर कोई
कर रहा है यहाँ आरज़ू-ए-जहान
यहाँ तो दिल अमीर है बन बैठा
एक आपका करके अरमान
आपको दिल ने मंजिल चुनी है
अब इश्क़ ही राह दिखलाएगी
ये अदा मुझमें आई है,ये अदा रंग लाएगी
हर दुआ में तुम हो अब
देखते है,कौन सी दुआ रंग लाएगी...

मैंने अपनी रुबाइयों में
आपको हूबहू उतारा है
ये कलाम आपको नज्र करके
इसमें आपको पुकारा है
मैं इश्क़ के राह पे बैठा हूँ
इश्क़ आपको भी यहाँ लाएगी
ये दिल से सदा आई है,ये सदा रंग लाएगी
हर दुआ में तुम हो अब
देखते है,कौन सी दुआ रंग लाएगी... #yqbaba#yqdidi#duaa

कुबूल जो हो जाएगी
वो दुआ, दुआ कहलाएगी
हर दुआ में तुम हो अब
देखते हैं कौन सी दुआ रंग लाएगी..

अपने खुदा से हर कोई

khadimali lalani

#merishayri #shayrikakhajana JagMagaate Shahar Ki Ranaaiyon Mein Kya Na Tha, Dhoondne Nikla Tha Jisko Bas Wohi Chehra Na Tha, Hum Wahi, Tum #शायरी #nojotophoto

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 #merishayri
#shayrikakhajana

JagMagaate Shahar Ki Ranaaiyon Mein Kya Na Tha,
Dhoondne Nikla Tha Jisko Bas Wohi Chehra Na Tha,
Hum Wahi, Tum

Amit Tiwari

#nojotohindi रचना - संस्कारों की चिता  अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में  वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की

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रचना - संस्कारों की चिता 
अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में 
वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की रुबाइयों   में ...
अगर फिर से मिल पाते आँख मिचौली वाले दिन 
हंसी ठहाकों हुर्दंगों में राते कटती तारे  गिनं ...
वो मिटटी की खुसबू सोंधी मन प्रफुल्लित कर जाती थी 
बाग़ की ठंडी हवा सारे दिन की थकान हर जाती थी 
कितनी अच्छी सोंधी खुसबू आती थी  देगची  की चाय से 
लोगो के तानो ठहाको और उनके बातो के अभिप्राय से ..
कभी मिटटी को भी माँ का दर्जा देते थे ..
सम्मान में लोग एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ में रहते थे ..
आज माँ की भी परवाह नहीं , सम्मान  की कोई आह नहीं 
बस ईर्ष्या द्वेष में जीते हैं ..नफरत की शराब पीते हैं 
खुद को मॉडर्न बनाने की होड़ में 
एक दूसरे को पीछे छोड़ने की दौड़ में 
खुद को ही हम भूल गए हैं 
संस्कारों वाली भारत भूमि में ...हम मॉडर्न हो गए हैं 
माना की मॉडर्न होना जरुरी है ..
पर क्या मॉडर्न होने के लिए संस्कारों की चिता जलाना जरुरी है 
सोचियेगा जरूर.....
     .                      -. अमित #Nojoto #Nojotohindi 
रचना - संस्कारों की चिता 


अगर चला जा सकता मैं फिर से बचपन की अमराइयों में 

वो दादी के किस्सों गीतों और कहानियों की
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